Donetsk and Luhansk: यूक्रेन के दो प्रांतों की 10 खास बातें, जो अब रूस की नजर में देश हैं
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) ने पूर्वी यूक्रेन से अलग हुए दो शहरों डोनेत्स्क (Donetsk) और लुहांस्क (Luhansk) को आजाद देश की मान्यता दे दी है.
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Russia Ukraine Conflict: यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध का खतरा अपने चरम पर पहुंच चुका है. इसी बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (president vladimir putin) ने पूर्वी यूक्रेन से अलग हुए दो शहरों डोनेत्स्क (Donetsk) और लुहांस्क (Luhansk) को आजाद देश की मान्यता दे दी है.
असल ये दोनों प्रांत अलगाववादी (separatist) क्षेत्र हैं जो साल 2014 में यूक्रेनी सरकार के नियंत्रण से अलग हो गए थे और खुद को स्वतंत्र घोषित कर दिया था.
आशंका जताई जा रही है कि यूक्रेन और रूस के बीच भयंकर युद्ध छिड़ सकता है
ऐसे में यूक्रेन की सीमा पर तैनात रूसी सेना बड़ी आसानी से इन क्षेत्रों में घुस सकती है. वहीं पुतिन ने रूसी सेना को पूर्वी यूक्रेन के इन 'अलगाववादियों क्षेत्रों' में घुसने का आदेश दे दिया है. रूस अब पश्चिमी देशों की चेतावनी को पूरी तरफ से अनदेखा कर रहा है. इस कारण से अब आशंका जताई जा रही है कि यूक्रेन और रूस के बीच भयंकर युद्ध (war) छिड़ सकता है.
चलिए आपको इन दोनों प्रांतों के बारे में 10 खास बताते हैं-
1- डोनेत्स्क और लुहांस्क दो स्व-घोषित अलगाववादी गणराज्य हैं. जिनकी स्वतंत्रता को रूस ने मान्यता दी है. ये दोनों प्रांत पूर्वी यूक्रेन में जंग बेल्ट में स्थित हैं. वे सामूहिक रूप से पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र का हिस्सा हैं.
2- डोनबास खनन पर आधारित एक औद्योगिक केंद्र है.
3- खनन के लिए डोनेत्स्क, डोनबास का प्रमुख शहर है. जबकि लुहांस्क 1.5 मिलियन निवासियों का एक औद्योगिक शहर है.
4- रूस समर्थित अलगाववादियों ने 2014 से मास्को के क्रीमिया पर कब्जा करने के बाद से डोनेत्स्क और लुहांस्क एन्क्लेव को नियंत्रित किया है.
5- तब से, यूक्रेन की सेना और रूस समर्थित अलगाववादियों के बीच लड़ाई में 14,000 से अधिक लोग मारे गए हैं.
6- पुतिन के अलगाववादी प्रातों को मान्यता देने की वजह से 2015 की शांति योजना अब प्रभावी ढंग से दब सकती है और रूसी सैनिक के इन क्षेत्रो में घुसने से युद्ध छिड़ सकता है.
7- अलगाववादियों के कब्जे वाले इलाकों और यूक्रेन की सेना के बीच की सीमा को 'लाइन ऑफ कॉन्टैक्ट' कहा जाता है.
8- दो राज्यों में से प्रत्येक केंद्र सरकार से पूर्ण स्वायत्तता की मांग कर रहा है और वे स्वयं घोषित राष्ट्रपति हैं.
9- डोनबास कीव और मॉस्को के बीच एक सांस्कृतिक लड़ाई के केंद्र में भी है जो कहता है कि यह क्षेत्र, पूर्वी यूक्रेन क्षेत्र का एक बड़ा हिस्सा है जो रूसी भाषी है और इसे यूक्रेनी राष्ट्रवाद से संरक्षित करने की आवश्यकता है.
10- इन प्रांतों में रूसी भाषी की उपस्थिति है, क्योंकि सोवियत काल के दौरान द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कई रूसी श्रमिकों को वहां भेजा गया था.
युद्ध कभी भी खुशियां लेकर नहीं आता. युद्ध की आग में जलने वाले देशों का क्या होता है, यह आपने देखा ही है. किसी को इस बात का अंदाजा न था कि इन दो देशों में बात इतनी हद तक आगे बढ़ जाएगी. ऐसा लग रहा है, रूस अब कभी भी यूक्रेन पर हमला बोल सकता है...
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