X
Login
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
Login With Facebook
iChowk
Aaj Tak
বাংলা
Aaj Tak Campus
GNTTV
Lallantop
India Today
Business Today
Cosmopolitan
Harper's Bazaar
Reader's Digest
Northeast
Malayalam
Sports Tak
Crime Tak
Astro Tak
Gaming
Brides Today
Ishq FM
सियासत
समाज
संस्कृति
स्पोर्ट्स
सिनेमा
सोशल मीडिया
इकोनॉमी
ह्यूमर
टेक्नोलॉजी
वीडियो
लॉगिन करें
मोबाइल नंबर
(+91)
Submit
or
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
*
OTP डालें
OTP फिर भेजें
OTP फिर भेजें
Submit
New
अपनी स्टोरी, कविता या कहानी साझा करें...
चर्चा में
महाराष्ट्र
औरंगजेब
ज्ञानवापी मस्जिद
कांग्रेस
राहुल गांधी
योगी आदित्यनाथ
यूपी विधानसभा चुनाव 2022
रूस यूक्रेन विवाद
नरेंद्र मोदी
पंजाब चुनाव
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022
अखिलेश यादव
ओमिक्रॉन वेरिएंट
ममता बनर्जी
कोरोना वायरस
अफगानिस्तान
ऑक्सीजन
पश्चिम बंगाल चुनाव 2021
कोरोना वैक्सीन
किसान आंदोलन
भारत-चीन
अमित शाह
प्रियंका गांधी
टीम इंडिया
विराट कोहली
अरविंद केजरीवाल
अरुण जेटली
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
यूक्रेन द्वारा पुतिन की हत्या की बात कहकर रूस कहीं जनता को गुमराह तो नहीं कर रहा?
रूसी अधिकारियों ने यूक्रेन पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हत्या के प्रयास के आरोप लगाए हैं. साथ ही इस मामले पर रूस द्वारा जवाबी कार्रवाई की बात भी कही गयी है. वहीं यूक्रेन ने क्रेमलिन पर यूएवी हमले में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
अशोक भाटिया
दूसरों को धमकाने वाला चीन अब रूस-यूक्रेन में 'दोस्ती' करवाएगा!
यूक्रेन कह तो चुका है कि इस जंग को खत्म करने के लिए चीन को रूस पर दबाव बनाना चाहिए. जिनपिंग के मॉस्को दौरे से पहले चीन के विदेश मंत्री किन गांग ने यूक्रेनी विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा से फोन पर बात की थी. दोनों के बीच पीस प्लान पर ही चर्चा हुई थी. - माना जा रहा है कि अपने पीस प्लान के लिए जिनपिंग यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी चर्चा करना चाहते हैं.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
रमेश ठाकुर
@ramesh.thakur.7399
Russia Ukraine War: अंतर्विरोध संसार की देन है साल भर युद्ध का खींचना...
युद्व के बाद रूस के अंदरूनी हालात ज्यादा अच्छे नहीं हैं. बेरोजगारी और महंगाई की समस्या दिनों दिन बढ़ रही है. इसका प्रमुख कारण उन पर लगा आर्थिक प्रतिबंध है. ज्यादातर मुल्कों ने रूस के साथ आयात-निर्यात करना बंद कर दिया है. सिर्फ भारत एक ऐसा देश है जो राजी रखे हुए है.
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
पोलैंड पर गिरी रूसी मिसाइल 'विश्वयुद्ध रोकने वालों' ने दागी हैं!
रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच पोलैंड (Poland) में रूसी मिसाइलों से दो लोगों की मौत की खबर से हड़कंप मच गया था. क्योंकि, अभी तक रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से जिस तीसरे विश्व युद्ध (World War) के भड़कने की संभावना जताई जा रही थी. पोलैंड पर रूसी मिसाइल से हमले के बाद पूरी दुनिया अचानक ही उसकी दहलीज पर आ खड़ी हो गई थी.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
Russia Ukraine War: बेगानी शादी में चेचन्या कमांडर की वजह से क्या दुनिया का मुसलमान दीवाना होगा
शायद ही चेचन्या (Chechnya) के कमांडर रमजान कादिरोव (Ramzan Kadyrov) की अपील का दुनियाभर के मुसलमानों (Muslim) पर कोई असर पड़ेगा. हां, भारत के कट्टरपंथी मुस्लिमों की बात नहीं की जा सकती है. क्योंकि, वो तो भारत को आजादी मिलने से पहले भी तुर्की के खलीफा को हटाए जाने पर खिलाफत आंदोलन तक चला चुके हैं.
सोशल मीडिया
| 4-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
क्या भारत के खिलाफ कोई गहरी साजिश रच रहा है अमेरिका?
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 2022 के लिए भारत (India) की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है. जबकि, इससे पहले जुलाई में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था. ऐसी कई अन्य खबरों के हवाले से सोशल मीडिया पर एक यूजर ने दावा किया है कि ये भारत के खिलाफ एक गहरी अमेरिकी साजिश (USA Conspiracy) है.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
निधिकान्त पाण्डेय
@1nidhikant
पेलोसी के कारण चीन-ताइवान-अमेरिका के बीच रिश्ता हुआ वॉर ट्रायंगल वाला
पेलोसी अमेरिकी कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के हिंद-प्रशांत क्षेत्र के दौरे के हिस्से के रूप में ताइवान पहुंची थीं. पिछले 25 सालों में ताइवान का दौरा करने वाली वो पहली अमेरिकी शीर्ष अधिकारी हैं. पेलोसी के दौरे से चीन और अमेरिका के संबंध अब तक के सबसे खराब दौर में पहुंच गए हैं.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
आखिर 'बॉर्न टू रूल' सिंड्रोम से कब बाहर आएंगे राहुल गांधी?
लंदन में हुए 'आइडिया फॉर इंडिया' कार्यक्रम (Ideas of India Conclave) में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भारत के संविधान, अर्थव्यवस्था, कांग्रेस के चिंतन शिविर, विदेश नीति जैसे तमाम मुद्दों पर एक बार फिर अपना 'अलग' नजरिया रखा. उनका ये नजरिया कांग्रेस से मिले 'बॉर्न टू रूल' वाले सिंड्रोम का ही असर दिखाई पड़ता है.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
अमित सिंह
@100000411375491
आखिर क्यों भारत को अपने खेमे में करना चाहता है अमेरिका
जब सैकड़ों देश भारत के पीछे खड़े हो, तो भारत का किसी खेमे में जाना उस खेमे की शक्ति को कई गुना बढ़ा सकता है. जाहिर है कि इसे समझते हुए ही अमेरिका हर तरह से भारत पर डोरे डालकर उसे अपने खेमे में करने का प्रयास कर रहा है.