अब बीजेपी के भीतर पाटीदार की 'बगावत'!
क्या भाजपा पटेल का सम्मान लौटाने के लिए उन्हें फिर से नए विभाग देगी? वहीं गुजरात के मुख्यमंत्री के अनुसार नितिन पटेल ने गुजरात चुनाव में कोई खास मेहनत नहीं की या उनका कोई खास योगदान नज़र नहीं आया. इसी कारण उन्हें मनचाहे विभाग नहीं दिए गए.
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तो एक बार फिर गुजरात की सियासत में पटेल आंदोलन की सुगबुगाहट दिखने लगी है. मगर इस दफ़ा हार्दिक पटेल नहीं बल्कि गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल के समर्थक विधायक पटेल आंदोलन कर सकते हैं. ख़बरों के अनुसार मन मुताबिक पद नहीं मिलने से नितिन पटेल नाराज हैं और यही वजह है कि उन्होंने अभी तक पदभार भी नहीं संभाला है. मगर अब उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल का समर्थन करते हुए पाटीदार नेता लालजी पटेल ने एक जनवरी को मेहसाणा ‘बंद’ का आह्वान किया है. कुछ खबरें ये भी हैं कि नितिन पटेल भाजपा की नई सरकार में उन्हें दिए विभागों को लेकर नाराज हैं.
पाटीदार नेता लालजी पटेल ने नितिन पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने की सूरत में पूरे राज्य के बंद के आह्वान की धमकी दी. सरदार पटेल समूह के संयोजक लालजी पटेल ने आज उप-मुख्यमंत्री व उनके दर्जनों समर्थकों के साथ गांधीनगर के अपने सरकारी आवास पर मुलाकात की.
नितिन पटेल को पटाने में लगी भाजपा
इस पूरे मसले पर पाटीदार नेता हार्दिक पटेल का कहना है की अगर नितिन पटेल अपने 10 विधायकों के साथ आयें तो वो कांग्रेस से बात कर सकते हैं. यानी गुजरात में कांग्रेस की उम्मीदें बनती नज़र आ रहीं है. अगर ऐसा होता है तो ये गुजरात की सियासत में अब तक का सबसे बड़ा सत्ता पलट होगा.
वहीं इस पूरे मसले पर नितिन पटेल ने भी चुप्पी तोड़ी है. नितिन पटेल ने संवाददातों से कहा कि ‘मैंने पार्टी हाई कमान को अपनी भावनाओं से अवगत करा दिया है और मुझे उम्मीद है कि वे मेरी भावनाओं पर उचित प्रतिक्रिया देंगे.’ उप मुख्यमंत्री ने कहा- 'यह कुछ विभागों की बात नहीं है, यह आत्मसम्मान की बात है.' राज्य की पिछली सरकार में पटेल के पास वित्त और शहरी विकास जैसे महत्वपूर्ण विभाग थे लेकिन इस बार उन्हें सड़क एवं भवन और स्वास्थ्य जैसे विभाग आवंटित किये गये हैं.
मतलब अब जब बात आत्मसम्मान पर ही है तो क्या भाजपा पटेल का सम्मान लौटाने के लिए उन्हें फिर से नए विभाग देगी? वहीं ख़बरों के अनुसार नितिन पटेल को महत्वपूर्ण विभाग इसलिए नहीं दिए गए क्योंकि गुजरात के मुख्यमंत्री के अनुसार नितिन पटेल ने गुजरात चुनाव में कोई खास मेहनत नहीं की या उनका कोई खास योगदान नज़र नहीं आया. इसी कारण उन्हें मनचाहे विभाग नहीं दिए गए.
अब देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस मसले को कैसे हल करती है. क्योंकि अगर कांग्रेस पटेल को कहती है कि आप अपने विधायकों को लाइए और हम आपको सीएम बनाएंगे तो वाक़ई में कुछ भी हो सकता है.
अपडेट: ताजा खबर ये है कि अमित शाह ने फोन करके नितिन पटेल को मना लिया है. और उनकी नाराजगी दूर हो गई है. यदि कोई समझौता हुआ है तो उसकी पूरी जानकारी अभी बाहर नहीं आई है. लेकिन पटेल के इस विरोध ने पार्टी के भीतर बाकी असंतुष्ट लोगों को मुखर होने का मौका जरुर दे दिया है.
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