उन्नाव के मियागंज का क्या है 'माया' कनेक्शन, जो नाम बदला जा रहा है
यूपी में उन्नाव की ग्राम पंचायत मियांगंज जल्द ही माया गंज हो रहा है. इस संदर्भ में एक पत्र उन्नाव के डीएम रवींद्र कुमार ने शासन को भेजा है. माना जा रहा है कि शासन इसका संज्ञान लेगा और जल्द ही हमें मियांगंज, मायागंज बनते हुए दिखेगा.
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बस कुछ दिनों की बात है. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सियासी सरगर्मियां अपने चरम पर होंगी. सत्ताधारी दल भाजपा को छोड़ दें तो चुनावों से पहले जैसा अन्य सियासी दलों का रुख है. देखकर लग रहा है कि उनकी भी तैयारियां अपने अंतिम दौर पर है. क्या करना है? कैसे करना है? किन मुद्दों को उठाना है? किस मुद्दे को भुनाना है मीटिंगों का दौर शुरू हो गया है. अन्य दल अभी केवल प्लानिंग ही कर रहे हैं. लेकिन 'मियागंज' को माया गंज करते हुए, जो रुख भाजपा का है उसके पत्ते न केवल तैयार हैं बल्कि उसने बाजी चलने की शुरुआत भी कर दी है. जी हां यूपी में उन्नाव की ग्राम पंचायत मियांगंज जल्द ही माया गंज हो रहा है. इस संदर्भ में एक पत्र उन्नाव के डीएम रवींद्र कुमार ने शासन को भेजा है. माना जा रहा है कि शासन इसका संज्ञान लेगा और जल्द ही हमें मियांगंज, मायागंज बनते हुए दिखेगा.
नाम बदलने के मामले में अब यूपी सरकार के निशाने पर उन्नाव का मियांगंज है
उन्नाव के मियां गंज के नामकरण की तैयारी कोई आज की नहीं है. इसका सारा क्रेडिट सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ को जाता है जिन्होंने 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान मियां गंज को मायागंज करने की घोषणा की थी. चूंकि 2017 में योगी आदित्यनाथ ने सूबे की जनता से वादा किया था तो अपने पत्र के जरिये उन्नाव के डीएम साहब यही चाहते हैं कि सीएम 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले पहले योगी आदित्यनाथ अपने वादे को पूरा करें ताकि एक बड़ी आबादी का सपना जल्द से जल्द पूरा हो.
बताते चलें कि मियागंज का नाम बदलकर मायागंज करने की कार्रवाई शुरु हो गई है. ग्राम पंचायत मियागंज ने इस संदर्भ में एक खुली बैठक की है और इसी बैठक में ये प्रस्ताव बनाया गया. ग्राम पंचायत की बैठक के बाद बीडीओ ने भी इसपर अपनी रिपोर्ट लगाकर तहसील को भेजी है.ग्राम पंचायत, ब्लाक की रिपोर्ट के बाद तहसील ने भी खुली बैठक में मियागंज का नाम बदलने की रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजी.
अब डीएम रवींद्र कुमार ने अपर मुख्य सचिव पंचायती राज को सभी रिपोर्ट का हवाला देकर अग्रिम कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है. मामले में सबसे दिलचस्प बात ये है कि मियागंज का नाम बदलने की बात गांव, ब्लॉक और डीएम से पहले क्षेत्रीय विधायक बंबालाल दिवाकर ने शुरू की थी. सबसे पहले पत्र इन्होंने ही लिखा था और कहा था कि मियां गंज का नाम माया गंज किया जाए.
We have received a proposal from Gram Panchayat 'Miyanganj' to rename it as 'Mayaganj'. The proposal has been forwarded to the government for further action: Unnao DM Ravindra Kumar pic.twitter.com/Q7ww20FS6N
— ANI UP (@ANINewsUP) August 25, 2021
चूंकि इस केस में डीएम ने श्ससन से मियांगंज को मायागंज किये जाने की वकालत की है. तो सोशल मीडिया पर यूजर्स का यही मानना है कि कहीं न कहीं डीएम भी इस बात को खूब समझते हैं कि आगामी चुनावों में सरकार भाजपा की ही आएगी और अगले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही होंगे. इसलिए उन्होंने अपने अगले 5 साल सेट कर लिए हैं. यदि मियांगंज मायागंज होता है तो इसका बड़ा फायदा डीएम साहब को भी होगा क्योंकि पहले ही वो सूबे के मुखिया की गुड बुक में अपना नाम दर्ज करा चुके होंगे.
सच्चाई क्या होगी? ये हमें जल्द ही पता चल जाएगा. लेकिन जिस तरह एक के बाद एक यूपी में नाम बदलने की कवायद शुरू हुई है. माना जा रहा है कि मियांगंज को मायागंज किये जाने का सीधा फायदा भाजपा को आगामी चुनावों में मिलेगा. बाकी बात स्थानों और स्थानों और जिलों के नाम बदलने की हुई है, तो चाहे वो अलीगढ़ और फिरोजाबाद हों या फिर अयोध्या, मैनपुरी और प्रयागराज.
भाजपा ने सूबे की जनता को स्पष्ट संदेश दिया है और बताया है कि नाम की राजनीति की ही बदौलत भाजपा यूपी की सत्ता में वापसी करेगी. और अगले 5 सालों तक शासन करेगी. साफ़ है कि यूपी में जनता को वही मिल रहा है जिसकी वो तलबगार है. बाकी चीजें यहां बाद में है नाम मैटर करते हैं जिन्हें एक के बाद एक बदला जा रहा है. कुल मिलाकर चाहे वो सपा और बहुजन समाजवादी पार्टी हों या फिर कांग्रेस विपक्ष के लिए उत्तर प्रदेश का चुनाव इतना भी आसान नहीं होने वाला है.
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