सॉरी! सीसीडी वाले वीजी सिद्धार्थ जैसे मामले और आएंगे, तैयार रहिये
CCD के मालिक वीजी सिद्धार्थ की गुमशुदगी ने बहस छेड़ दी है. सरकार पर टैक्स वसूली को लेकर सख्ती के आरोप लग रहे हैं. लेकिन हकीकत ये भी है कि देश के बड़े बकायादारों के कारण ही बैंकों की हालत खराब हो गई थी.
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कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के दामाद और भारत की सबसे बड़ी कॉफ़ी चेन कैफ़े कॉफ़ी डे यानी सीसीडी के मालिक वी जी सिद्धार्थ लापता हैं. सिद्धार्थ को नेत्रवती नदी के पुल पर देखा गया था और माना जा रहा है कि वो आत्महत्या के उद्देश्य से नदी में कूद गए हैं. जानकारी के मुताबिक वी जी सिद्धार्थ अपनी कार से मैंगलोर के बाहरी इलाके तक गए और वहां स्थित नेत्रावती नदी के समीप पहुंचने पर उन्होंने ड्राइवर को कार रोकने का आदेश दिया. पुलिस को जो जानकारी कार के ड्राइवर से मिली है यदि उसपर यकीन किया जाए तो मिलता है कि सिद्धार्थ ने उसे चले जाने का निर्देश दिया और पैदल घर आने की बात कही थी. पुल पर छोड़ने के काफी देर बाद जब सिद्धार्थ नहीं लौटे तो ड्राइवर ने इसकी सूचना पुलिस को दी जिसने तुरंत एक्शन लेते हुए सिद्धार्थ की तलाश शुरू कर दी है.
घटना के बाद से सिद्धार्थ का मोबाइल ऑफ है इसलिए आशंका यही जताई जा रही है कि बीते कई दिनों से फाइनेंशियल लॉस का सामना कर रहे सिद्धार्थ ने नदी में कूदकर अपनी जान दे दी है. बताया जा रहा है कि पुलिस ने सिद्धार्थ की तलाश के लिए दो टीमों का गठन किया है जो नदी में सिद्धार्थ की तलाश कर रही हैं.
सीसीडी के मालिक वीजी सिद्धार्थ की गुमशुदगी ने तमाम अनसुलझे सवालों को जन्म दे दिया है
आपको बताते चलें कि पिछले दो सालों से सीसीडी को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा था. साथ ही कंपनी ने अपने कई प्रमुख स्टोर बंद भी कर दिए थे और इन सब बातों ने सिद्धार्थ को काफी परेशान किया था. इस मामले में सिद्धार्थ द्वारा लिखा गया एक पत्र सामने आया है. इस लेटर में सिद्धार्थ ने वित्तीय संकट की बात कही है. चिट्ठी में सिद्धार्थ ने कर्मचारियों और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को लिखा है कि सभी वित्तीय लेनदेन मेरी जिम्मेदारी है. कानून को मुझे और केवल मुझे जवाबदेह रखना चाहिए.
Founder & owner, Cafe Coffee Day (CCD), #VGSiddhartha's letter to employees and board of directors of CCD, states, "Every financial transaction is my responsibility...the law should hold me & only me accountable."; He has gone missing from Mangaluru, search operation underway. pic.twitter.com/0GJc5vmvYt
— ANI (@ANI) July 30, 2019
लापता होने से पहले वीजी सिद्धार्थ ने अपनी इस चिट्ठी में लिखा है कि, 'इस बात का मुझे पछतावा है, मैंने बहुत संघर्ष किया लेकिन आज मैंने हार मान ली क्योंकि एक प्राइवेट इक्विटी पार्टनर के शेयर बायबैक करने का दबाव नहीं झेल सकता था, जो ट्रांजैक्शन मैंने आंशिक रूप से 6 महीने पहले एक दोस्त के साथ पूंजी इकट्ठा करने के लिए किया था.' साथ ही चिट्ठी में ये भी लिखा गया है कि 'मैंने इसको अपना सब कुछ दिया, मैंने उन लोगों को निराश किया जिन्होंने मुझ पर अपना भरोसा बनाए रखा.'
गौरतलब है कि सिध्दार्थ का शुमार देश के उन रईसों में था जिन्होंने अपने दिमाग के बल पर अपने बिजनस को वहां पहुंचाया जहां तक जाना किसी भी उद्योगपति के लिए किसी बड़े सपने से कम नहीं होता.बात अगर सिद्धार्थ की कंपनी सीसीडी के मुनाफे की हो तो मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार सिद्धार्थ की कंपनी सीसीडी का सालाना टर्न ओवर करीब 4,264 करोड़ है. इसके अलावा सिद्धार्थ खुद 12,000 एकड़ कॉफ़ी प्लान्टेशन के मालिक थे. सिद्धार्थ कितने सफल थे? इसका अंदाजा 2015 में आई फोर्ब्स की उस लिस्ट से भी लगाया जा सकता है जिसमें सिद्धार्थ को 1.2 बिलियन डॉलर यानी 8200 करोड़ की संपत्ति का मालिक बताया गया है.
विवादों में रह चुके हैं सिद्धार्थ
सिद्धार्थ के बारे में दिलचस्प बात ये भी है कि इनपर 2017 में टैक्स की चोरी का आरोप लगा था. कर्नाटक और गोवा क्षेत्रों के आयकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सिद्धार्थ के मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई और चिकमगलूर समेत 20 अन्य ठिकानों पर छापेमारी की थी. साथ ही सीसीडी की रिटेल चेन पर भी छापेमारी हुई थी जिसमें 650 करोड़ अवैध संपत्ति के बारे में पता चला था.
भयंकर कर्ज की चपेट में थे सिद्धार्थ
जो जानकारी अब तक हासिल हुई है उसे देखकर साफ पता चल रहा है कि लगातार घाटे का सामना करने वाले सिद्धार्थ भयंकर कर्जे की चपेट में थे. बताया जा रहा है कि इनके ऊपर 7000 करोड़ से अधिक की देनदारी केवल बैंक की थी इसके आलवा कहा ये भी जा रहा है कि इन्होंने एक अन्य व्यक्ति से काफी पैसे लिए थे जिसे चुकाने में ये नाकाम थे.
सिद्धार्थ की गुमशुदगी का कारण क्या टेक्स टेररिज्म है?
सिद्धार्थ की गुमशुदगी के बाद टैक्स टेररिज्म की बात सामने आ रही है और कहा जा रहा है कि वीजी सिद्धार्थ के साथ जो भी हुआ वो टेक्स टेररिज्म के नाम पर हुआ है. इंडिया टुडे के पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी इस मामले को बड़ी ही प्रमुखता से उठाया है और इस पर ट्वीट किया है. राजदीप ने लिखा है कि यदि वीजी सिद्धार्थ का पत्र वास्तविक है (अभी तक सत्यापित किया जाना है), तो यह केवल इस बात की पुष्टि करता है जी व्यापारी बीते कुछ समय से कह रहे हैं. टैक्स टेररिज्म हमें अतीत में वापस ले जा रहा है, निवेश / विकास को पीछे छोड़ रहा है.और अगर एसएम कृष्णा के दामाद के साथ ऐसा हो सकता है, तो फिर भगवान ही छोटे बिजनेसमैन की मदद करें.
If VG Siddhartha letter is genuine (yet to be verified), then it only confirms what bizmem have been saying for a while now: tax terrorism is taking us back to the past, retarding investment/growth. And if this can happen to the son in law of SM Krishna, god help small bizmen.
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) July 30, 2019
राजदीप सरीखी बात ही पत्रकार शेखर गुप्ता ने भी लिखी है. शेखर गुप्ता ने अपने ट्वीट में लिखा है कि वीजी सिद्धार्थ एक मेहनती, समझदार और हंसमुख उद्यमी हैं. आशा है कि वह ठीक है होंगे. इसकी एसएम कृष्णा परिवार को शुभकामनाएं. हालाँकि, भारत का उद्यमशील माहौल दिन पर दिन जहरीला होता जा रहा है, जिसमें कर आतंक और अधिक अपराधीकरण के कारण आर्थिक गिरावट आई है जिसे हम नकारते रहते हैं.
VG Siddhartha is a hard-working, understated & cheerful entrepreneur. Let’s hope he’s ok & wish SM Krishna family the best. India’s entrepreneurial climate, however, is turning toxic by the day, with tax terror & over-criminalisation added to an economic collapse we keep denying
— Shekhar Gupta (@ShekharGupta) July 30, 2019
ज्ञात हो कि घटते हुए एनपीए या फिर बैंकों को करोड़ों का चूना लगाकर विजय माल्या जैसे लोगों के विदेश भागने बाद सरकार उन लोगों पर सख्त हुई है जो अब तक उसकी आंख में धूल झोंक रहे थे. टैक्स को लेकर जिस तरह सरकार सख्त है वो आज हमारे सामने हैं और इसी के अंतर्गत कुछ लोग ऐसे भी है जो उन लोगों को लगातार डरा रहे हैं जिन्होंने चोरी की थी और जो डिफ़ॉल्टर हैं. इसलिए कहा ये भी जा सकता है कि यदि सिद्धार्थ के साथ कुछ हुआ है तो 'टैक्स' भी एक बड़ी वजह रहेगा.
कुछ लोग देश छोड़ देते हैं तो कुछ दुनिया
अपने कर्जदारों से मुंह चुराकर विदेश भागने वालों की बात आएगी तो विजय माल्या का नाम सबसे पहले लिया जाएगा. अपनी कंपनी किंगफिशर के लिए कर्ज के बोझ से दबे माल्या ने कारोबारी घाटे का सामना करने के बजाए अपनी जमा-पूंजी बटोरकर लंदन भाग जाना उचित समझा. माल्या और नीरव मोदी जैसों से चोट खाई सरकार अब सतर्क है. और सख्त भी. सीसीडी के मालिक सिद्धार्थ का मामला कारोबारी घाटे और देनदारियों से जुड़ा हुआ ही है. सिद्धार्थ घाटे में थे. उनके ऊपर भयंकर कर्ज था. बैंक उनके पीछे पड़ा था. इस स्थिति में सिद्धार्थ को शायद यही आसन तरीका लगा और वो नदी में कूद गए.
टैक्स चोरों और भगोड़ों पर जैसा देश की सरकार का रुख है, साफ है कि सिद्धार्थ का मामला एक बानगी भर है. ये कहते हुए हमें खुद खेद हो रहा है मगर अकाट सत्य यही है कि आने वाले समय कारोबार का घाटा किसी बड़ी मुसीबत की तरह आने वाला है. बैंकों का कर्ज और सरकार का टैक्स किसी बड़े जाल की तरह होने जा रहा है. जिसे दाएं-बाएं नहीं किया जाएगा. आने वाले वक़्त में हम ऐसे कई मामले से रू-ब-रू होंगे और हमें उनके लिए तैयार रहना चाहिए.
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