नब दास की मौत का कारण जितना सार्वजानिक है, उतना ही गोपनीय भी...
ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास को मारने वाले आरोपी के बारे में कहा जा रहा है कि वो बायपोलर डिसऑर्डर का शिकार था. लेकिन जब हम एक नेता के रूप में नब दास को देखें और साथ ही उन परिस्थितियों को देखें जिनमें हत्या हुई, कई चीजें हैं जो सवाल खड़े करती हुई नजर आ रही हैं.
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बीते दिन उस वक़्त पूरा देश सन्न रह गया, जब ये खबर आई कि, ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास को उन्हीं की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी ने गोलियों से छलनी कर दिया. मामला क्योंकि मंत्री की सुरक्षा से जुड़ा था इसलिए सिक्योरिटी में लगे और लोग फ़ौरन ही हरकत में आए और आरोपी एएसआई गोपाल कृष्ण दास को गिरफ्तार कर लिया गया. एक पुलिस वाले ने हत्या क्यों की? क्या ये पूरा कांड किसी साजिश का हिस्सा है? इसकी जांच के लिए ओडिशा सरकार ने सात सदस्यों की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम नियुक्त की है. मामले की शुरूआती जांच में कई दिलचस्प तथ्य बाहर आ रहे हैं. तर्क दिया जा रहा है कि स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की हत्या करने वाला पुलिसवाला गोपाल कृष्ण दास बायपोलर डिसऑर्डर नाम की बीमारी से ग्रसित था. इसके अलावा ये भी कहा जा रहा है कि गोपाल कृष्ण दास को हाई ब्लड प्रेशर भी था. तो क्या वजह इतनी ही सिंपल है? आइये समझते हैं.
ओडिशा सरकार में मंत्री नब दास की मौत के बाद तमाम सवाल हैं जो खड़े होते नजर आ रहे हैं
हत्या को अंजाम देने वाला गोपाल कृष्ण बीमार है या नहीं? इस सवाल का जवाब बरहमपुर के MKCG मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के मनोविज्ञान विभाग से मिला है. अस्पताल की तरफ से कहा गया है कि गोपाल दास बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित है. विभाग के हेड के मुताबिक गोपाल 8-10 साल पहले गोपाल उनके क्लिनिक में आया था. डॉक्टर्स ने ये भी बताया दास बहुत गुस्सैल स्वाभाव का था और तब भी छोटी छोटी बातों पर आग बबूला हो जाता था. उसका इलाज चल रहा था.'
दास के बीमार होने की बात उसकी पत्नी ने भी मानी है मगर उसे संदेह है कि घर परिवार से काफी दूर रहने के कारण दस दवा ले रहा था या नहीं. शुरूआती जांच स्वास्थ्य मंत्री जैसे पद पर बैठे व्यक्ति की हत्या करने वाले आरोपी को बीमार बता रही है. सवाल ये है कि क्या फाइनल रिपोर्ट में भी इसी बात पर बल दिया जाएगा और मामले को रफा दफा कर दिया जाएगा? सवाल तमाम हैं जिनका जवाब हमें वक़्त देगा लेकिन जब हम इस मामले को और एक नेता के रूप में नब किशोर दास को देखते हैं तो कई चीजें हमें हैरान करती हैं.
ध्यान रहे कि नब कृष्ण दास का शुमार ओडिशा के उन नेताओं में था जिनके पास बेशुमार पैसा था. 2019 में कांग्रेस छोड़कर बीजद में शामिल हुए नब दास माइनिंग से जुड़े थे. इसके अलावा उन्होंने कोयला खनन, परिवहन और हॉस्पिटैलिटी के बिजनेस में भी अपना झंडा गाड़ रखा था. नब दास के पास कितनी संपत्ति थी इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2022 में उन्होंने अपनी कुल चल अचल संपत्ति को 34 करोड़ बताया था साथ ही उन्होंने ये भी खुलासा किया था कि उनके पास तकरीबन 80 गाड़ियां हैं.
दास के बारे में जो जानकारियां सामने आई हैं उसके अनुसार नब दास ने झारसुगुड़ा से 2009 में कांग्रेस से अपना पहला चुनाव जीता था. तब उन्होंने बीजद के किशोर कुमार मोहंती को करारी शिकस्त दी थी. इसके बाद वे 2014 में भी इसी सीट से जीते. लेकिन 2019 चुनाव से पहले उन्होंने बीजद में शामिल होने का निर्णय लिया और 2019 में बीजद के टिकट से चुनाव जीते.
क्योंकि अब तक जो जांच हुई उसमें कहा यही जा रहा है कि नब दास की हत्या का कारण आरोपी पुलिस वाले का बाय पोलर डिसऑर्डर से ग्रसित होना है इसलिए हमारे लिए भी जरूरी है कि हम इस बीमारी पर थोड़ी चर्चा कर लें. यदि सवाल ये हो कि आखिर बायपोलर डिसऑर्डर है क्या? तो बता दें कि बाइपोलर डिसऑर्डर ऐसी मानसिक बीमारी है जिसमें व्यक्ति का मूड बड़ी तेजी से बदलता है. कभी डिप्रेशन तो कभी सनकपन सा सवार हो जाता है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, बीमारी को काउंसलिंग के साथ ट्रीटमेंट से कंट्रोल किया जा सकता है.
बहरहाल नब दस की मौत जितनी साधारण लग रही है उतनी इसलिए भी नहीं है क्योंकि जब विभाग को इस बात की जानकारी थी कि ASI गोपाल कृष्ण दास बीमार है तो सवाल ये है कि उसे सर्विस रिवॉल्वर इश्यू कैसे की गयी? वहीं जब हम इस हत्या की मोडस ऑपरेंडी को देखते हैं तो मौके पर ऐसा कुछ नहीं हुआ जो अचानक हुआ. चश्मदीदों के अनुसार जिस तरह से ASI ने मंत्री को मौत के घाट उतारा ऐसा लग रहा था वो हत्या की प्लानिंग करके आया हुआ है.
चूंकि इस मामले की जांच अभी जारी है इसलिए कह सकते हैं कि जैसे जैसे दिन बीतेंगे तमाम चीजें हमारे सामने आएंगी. इसलिए ये कहना भुई हमारे लिए अतिश्योक्ति नहीं है कि नब दास की मौत का कारण जितना सार्वजनिक है उतना ही गोपनीय भी है.
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