New

होम -> सियासत

 |  3-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 25 जून, 2017 07:20 PM
अरविंद मिश्रा
अरविंद मिश्रा
  @arvind.mishra.505523
  • Total Shares

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार यानी 26 जून को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे. हालांकि ये बात और है कि भारत और अमेरिका के बीच बातचीत होनी है लेकिन चीन की निगाहें इसपर टिकी हुई हैं.  

प्रधानमंत्री मोदी की इस मुलाकात को लेकर चीनी मीडिया में काफी चर्चा है. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार- भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमरीकी दौरे में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को देखना दिलचस्प होगा. इसके अनुसार 'भारत और अमरीका के आर्थिक संबंधों को हमेशा चीन और अमरीका के आर्थिक रिश्तों की कसौटी पर नहीं देखा जा सकता है. इसकी मुख्य वजह यह है कि भारत विदेशी निवेश और बाजार खोलने के मामले में पीछे रह जाता है.'

chinaमोदी की अमेरिका यात्रा पर चीन की निगाहें टिकी हुई हैं

ट्रंप के साथ मोदी की कई महत्वपूर्ण मसलों पर बात होने की संभावनाएं हैं. पाकिस्तान द्वारा सीमा पर अशांति व आतंकी हमलों को लेकर मोदी ट्रंप से चर्चा कर सकते हैं. वहीं दक्षिण एशिया में चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर भी ट्रंप से बात करने की संभावना है.

वो वजहें जिससे मोदी-ट्रंप की बातचीत पर चीन की नजरें टिकी हुई हैं-

- इस मुलाकात में चीन के बढ़ते कदमों को लेकर चर्चा हो सकती है. खास तौर से चीन के अपनी 'वन बेल्ट वन रोड परियोजना' पर जो दुनिया भर में हावी होने की कोशिश कर रहा है. इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते वर्चस्व से भारत के अलावा अमेरिका, जापान समेत अन्य देश भी चिंतित हैं.

- जहां एक तरफ अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप 'अमरीका फर्स्ट' की नीति का एलान कर रखा है वहीं भारत 'मेक इन इंडिया' का नारा दिया है. अगर ट्रंप अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत के हितों से जुड़े सवालों को उठाते हैं और भारत इस दौरान मार्केट को और खोलने का वादा करता है तो यह चीन के भी हक़ में होगा क्योंकि चीन भी भारत का अहम आर्थिक साझेदार है.

- अगर भारत में निवेश का माहौल बनता है तो इससे न केवल अमरीकी कंपनियों को फायदा होगा बल्कि चीन को भी लाभ मिलेगा.

- चीन को उम्मीद है कि मोदी की अमरीका यात्रा के दौरान एचबीवन वीज़ा का मुद्दा सुलझा लिया जाएगा. एचबीवन वीज़ा को सीमित करने से भारतीय आईटी सेक्टर के लिए बुरी खबर है. इसके साथ ही जो चीनी स्टूडेंट अमरीका में पढ़ रहे हैं उन पर भी असर पड़ेगा.

- अमरीका और भारत के द्विपक्षीय समझौतों पर एचबीवन वीज़ा और पेरिस समझौते का असर रहेगा. अगर मोदी और ट्रंप इन मुद्दों को सुलझाने में कामयाब रहते हैं तो यह चीन के भी हक़ में होगा.

हालांकि मोदी ट्रम्प मुलाकात से चीन को कितना फायदा होगा ये तो आनेवाला समय ही बताएगा लेकिन फिलहाल चीन इसपर टकटकी लगाए हुए है.

ये भी पढ़ें-  

माई फ्रेंड ....(बराक) डोनल्ड !!!!

संभावनाओं और चुनौतियों के बीच मोदी का अमेरिका दौरा

लेखक

अरविंद मिश्रा अरविंद मिश्रा @arvind.mishra.505523

लेखक आज तक में सीनियर प्रोड्यूसर हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय