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Updated: 20 जनवरी, 2018 06:18 PM
आलोक रंजन
आलोक रंजन
  @alok.ranjan.92754
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जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से पाकिस्तान की सीजफायर उल्लंघन की रफ़्तार जारी है. पाकिस्ता‍न ने जम्मू के सांबा, अरनिया, आरएस पुरा सेक्टर में भारी गोलीबारी शुरू की. पाकिस्तान की ओर से इस क्षेत्र की दो दर्जन के करीब चौकियों पर मोटार बम व हल्के हथियारों से गोलियां दागी गईं. भारतीय सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान की इस नापाक हरकत का जवाब बखूबी दिया. हालांकि इस सीजफायर उल्लंघन में दो आम नागरिकों की मौत हो गई जिसमें एक महिला भी शामिल है. इसमें सात लोग घायल भी हो गए. एक खबर के अनुसार पाकिस्तान ने जनवरी 2018 के 19 दिनों में 80 के करीब सीजफायर उल्लंघन किये हैं. पिछले साल, 2017 में पाकिस्तान ने करीब 881 बार सीजफायर उल्लंघन किया था और इसमें कुल 30 लोगों की जान गयी थी.

भारतीय सेना, भारत, पाकिस्तान, घुसबैठ    जिस तरफ पाकिस्तान द्वारा सीजफायर का उल्लंघन किया जा रहा है वो सुरक्षा की दृष्टि से गंभीर चिंतन का विषय है

इससे पहले 17 जनवरी को पाकिस्तानी फायरिंग में एक बॉर्डर सिक्योरिटी फाॅर्स के जवान की मौत हो गयी थी और एक आर्मी कैप्टन घायल हो गया था. 3 जनवरी को भी पाकिस्तान द्वारा सीजफायर उल्लंघन में एक बॉर्डर सिक्योरिटी फाॅर्स जवान की जान चली गयी थी. पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान द्वारा ऐसी गतिविधियां काफी बढ़ गयी हैं जिससे बॉर्डर के आस-पास वाले गांवों में रहने वाले लोग दहशत के माहौल में जी रहे हैं. सीमा पर लगातार हो रही फायरिंग और गोलाबारी पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने चिंता जताई है और कहा है कि भारत और पाकिस्तान को इस मुद्दे का समाधान जल्द से जल्द करना होगा.

सवाल ये है कि जब एक तरफ इस अहम मुद्दे पर उमर अब्दुल्ला बोल रहें हैं तो वहीं दूसरी तरफ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर बोलने से क्यों कतराते हैं. जब कांग्रेस दिल्ली की सत्ता पर काबिज थी तो मोदी ने सीजफायर उल्लंघन को लेकर उस समय के कांग्रेस सरकार को खरी खोटी सुनाई थी. अक्टूबर 2014 में नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान की ओर से बॉर्डर में सीजफायर उल्लंघन के बारे में पूछे जाने पर कहा था कि सब कुछ जल्द ठीक हो जाएगा. साथ में ये भी खबर निकल कर आयी थी कि उन्होंने पाकिस्तान से निपटने के लिए सुरक्षा बलों को खुली छूट दे दी है. मोदी ने ये भी निर्देश दिया था कि बिना दबाव में आए पाकिस्तानी सेना द्वारा की जा रही फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब दिया जाए.

भारतीय सेना, भारत, पाकिस्तान, घुसबैठ इस अहम मुद्दे पर पीएम मोदी की खामोशी उन्हें विपक्ष के सामने भी कमजोर बनाने का काम कर रही है

नवंबर 2016 में पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन के लगातार मामलों से बढ़ते तनाव के बीच नरेंद्र मोदी ने एक हाई लेवल मीटिंग की थी. इस मीटिंग में सुरक्षा से जुड़े हालात की समीक्षा की गई थी. ज्ञात हो कि भारत ने इस मीटिंग में पाकिस्तान को समुचित जवाब देने को लेकर रणनीति बनायी थी.

हाल ही में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल थाइलैंड में पाकिस्तानी समकक्ष नासिर खान से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बावजूद सीमा पर तनाव कम नहीं हुआ. सवाल उठना लाजिमी है जो नरेंद्र मोदी सत्ता से बाहर रहने पर सीजफायर उल्लंघन के मसले को लेकर केंद्र पर तीखा हमला करते थे, वही अब प्रधानमंत्री बनने के बाद बिलकुल चुप्पी साधे हुए हैं. क्या मोदी में अब इतना दम भी नहीं बचा है कि वो आम नागरिकों को पाकिस्तान के हमलों से बचा सकें. हमारे जवान शहीद होते जा रहे हैं और मोदी तब भी चुप्पी साधे हुए हैं.

उनकी इसी चुप्पी को लेकर 24  दिसंबर को कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला था. सुरजेवाला ने कहा कि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. आखिर कब तक साहेब (नरेंद्र मोदी) शब्दों के आडंबर के राग अलापेंगे. सुरजेवाला ने आंकड़े देते हुए कहा कि मई 2014 से 2314 बार बॉर्डर पर सीजफायर का उल्लंघन हुआ है. इसमें 274 सैनिक शहीद हुए हैं और 134 नागरिक मरे हैं.

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लेखक

आलोक रंजन आलोक रंजन @alok.ranjan.92754

लेखक आज तक में सीनियर प्रोड्यूसर हैं.

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