अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस खेल रहा है बड़ा खेल!
अमेरिकी हितों और अमेरिकी संस्कृति की बात करने वाली रिपबल्किन पार्टी का उम्मीदवार रूस के राष्ट्रपति पुतिन को बेहतर बता रहा है! तो हंगामा तो होना ही है...
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इधर डोनाल्ड ट्रंप और हिलेरी क्लिंटन सेना, सुरक्षा और वैश्वविक राजनीति पर भविष्य में अपने रोल पर टीवी पर एक से एक बढ़कर एक बातें कर रहे थे और उधर लगता है कि लिबरेशन पार्टी के उम्मीदवार गैरी जॉनसन अब रेस से जल्द बाहर हो जाएंगे. एक टीवी कार्यक्रम में जब गैरी जॉनसन से सीरिया संकट और उसके शहर अलेप्पो से जुड़ा सवाल पूछा गया तो जॉनसन ने उल्टा पूछ डाला कि अलेप्पो क्या है. एंकर को बताना पड़ा कि अलेप्पो सीरिया का एक शहर है जो इन दिनों सबसे ज्यादा प्रभावित है. हाल ही में अलेप्पो से एक बच्चे की तस्वीर भी वायरल हुई थी.
हो सकता है कि जॉनसन से भूल हो गई हो, और उन्हें एकदम से याद न आया हो लेकिन चर्चा तो होगी ही. ये कैसे हो सकता है कि सबसे शक्तिशाली राष्ट्र के राष्ट्रपति पद की दौड़ में जो व्यक्ति शामिल हो उसे दुनिया के अहम मसलों की जानकारी न हो!
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लेकिन अमेरिका के चुनावी मौसम में बात यही भर नही है. असली जंग और ट्रंप और क्लिंटन के बीच जारी है. बस देखना है कि ये जाकर खत्म कहां होती है.
फर्ज कीजिए, 2019 के चुनाव के दौरान राहुल गांधी कह दें कि नवाज शरीफ साहब नरेंद्र मोदी से भी बेहतर नेता हैं, या फिर फिर मोदी कह दें कि राहुल गांधी से अच्छे बिलावल भुट्टो हैं! तो क्या होगा. अमेरिका के रिपबल्किन पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने जब कहा कि रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन आज के दौर में बराक ओबामा से ज्यादा बेहतर नेता हैं तो विवाद तो मचना था. एक तो चुनावी मौसम और ऊपर से एक अमेरिकी द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति को रूस के राष्ट्रपति से कमतर बताना!
ट्रंप अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं. हर मुद्दे पर उनके अपने तर्क हैं. भले आप माने या न मानें. शायद, इसलिए उनकी अपनी पार्टी रिपब्लिकन में भी उन्हें लेकर बहुत सहमति नहीं थी. फिर भी बाजी उन्होंने मार ली. बहरहाल, पुतिन को लेकर जो प्रेम ट्रंप लगातार दिखा रहे हैं, वो उन्हें कहां ले जाएगा..ये बड़ा सवाल है. डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने ट्रंप के बयान को न केवल अमेरिकी लोगों का अपमान बताया बल्कि ये भी कह दिया है कि ये देशभक्ती नहीं है. क्लिंटन ने कहा कि ऐसा लगता है कि पुतिन जो करना चाहते हैं, ट्रंप उनको करने देंगे और फिर उनके लिए बहाने बनायेंगे.
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ये वाकई दिलचस्प है. भारत में भी जब चुनाव होते हैं तो पाकिस्तान भी एक मुद्दा बन जाता है. लेकिन वो पाकिस्तान प्रेम नहीं होता बल्कि एक उल्टी धारा बहती है. जबकि अमेरिका में अमेरिकी हितों, अमेरिकी संस्कृति और अमेरिकी लोगों की बात करने वाली रिपबल्किन पार्टी का उम्मीदवार रूस के राष्ट्रपति को बेहतर बता रहा है. और ये पहली बार नहीं है जब ट्रंप का पुतिन प्रेम इस कदर सामने आया हो.
इसी साल जुलाई में जब हिलेरी क्लिंटन का ई-मेल विवाद सामने आया तो डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से गुजारिश की थी कि हिलेरी ने अपने जो ई-मेल डिलीट किए हैं, उसे रूस जारी करे. ये पूरा विवाद तब सामने आया था जब डेमोक्रेटिक पार्टी की गवर्निंग बॉडी डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी से जुड़े डाटाबेस को लीक करने की कोशिश हुई थी. उस समय माना गया कि इसमें रूस का हाथ हो सकता है और इसका मकसद अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में दखलअंदाजी का होगा. हालांकि ये सीधे-सीधे साबित नहीं हो सका कि इसमें रूस की सरकार का ही हाथ हो. लेकिन ट्रंप इस थ्योरी को मानने को तैयार नहीं थे. न ही उन्होंने सीधे तौर पर ये कहा कि रूस को अमेरिकी चुनाव से दूर रहना चाहिए.
ट्रंप और पुतिन का 'प्रेम'
पिछले साल के आखिर में ऐसी खबरें आई थीं कि पत्रकारों से बातचीत में पुतिन ने ट्रंप की प्रशंसा की थी और कहा कि अमेरिका के अगले राष्ट्रपति के दौड़ में वो अच्छे दावेदार हैं. वैसे, ट्रंप और पुतिन के 'प्रेम' की कहानी पुरानी है. एक नई कई मौकों पर ट्रंप ने पुतिन की सराहना की है. पिछले साल एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा था कि उन्हें लगता है कि उनमें और पुतिन में खूब बनेगी. और अभी जो समस्या रूस के साथ चल रही हैं वो शायद तब न रहे.
ट्रंप का पुतिन प्यार.. |
यहां तक कि ट्रंप ने तब पुतिन पर अपने खिलाफ लिखने वाले पत्रकारों को मरवाने के आरोप पर भी रूसी राष्ट्रपति का ये कहते हुए बचाव किया था, 'पुतिन अपना देश चला रहे हैं और कम से कम वो एक नेता तो हैं. यहां (अमेरिका) तो कोई भी नहीं. मुझे लगता है कि हमारा देश भी कई लोगों की जान लेता है.'
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यही नहीं, जब विरोधियों ने ट्रंप से ये कहा कि वे पुतिन द्वारा की प्रशंसा को नकार दे तब भी ट्रंप ने अपने विरोधियों को पागल कहा था. ट्रंप ने तब भी इस बात को दोहराया कि उन्हें लगता है कि पुतिन के साथ उनकी अच्छी बनेगी और कौन नहीं चाहता कि दो देशों के बीच संबंध बेहतर हों.
ऐसे कई और उदाहरण हैं, जो दिखाते हैं कि ट्रंप अपना पुतिन प्रेम जताने से कभी नहीं चूकते. लाख टके का सवाल है कि राष्ट्रवाद और अमेरिका के सम्मान की बात करने वाले ट्रंप आखिर पुतिन के सवाल पर नर्म क्यों हो जाते हैं? उनका पुतिन प्रेम चुनाव में उन्हें फायदा दिलाएगा या फिर दांव उल्टा पड़ जाएगा, ये तो वक्त बतायेगा लेकिन तय मानिए अमेरिकी चुनाव में रूस का किरदार भी अब अहम हो गया है. और शायद सीरियाई शहर अलेप्पो का भी!
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