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Updated: 12 अक्टूबर, 2018 11:27 AM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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जब कभी भारत की ताकत बढ़ती है तो पाकिस्तान के पसीने छूटते लगते हैं और चीन के माथे पर भी शिकन आ जाती है. हाल ही में भारत और रूस के बीच हुए एस-400 मिसाइल सौदे ने भी दोनों देशों में जमीन को हिलाने का काम किया है. अब जब भारत की शक्ति बढ़ रही है तो पाकिस्तान अपनी शक्ति कैसे नहीं बढ़ाए, वो बात अलग है कि घर में खाने के भी लाले पड़ रहे हैं. भारत-रूस के बीच हुए मिसाइल सौदे से चिंता में डूबने वाला चीन अब पाकिस्तान की ताकत बढ़ाने में उसकी मदद करने जा रहा है. इसके लिए चीन 48 अत्याधुनिक ड्रोन पाकिस्तान को देगा, जो चीन की अब तक की सबसे बड़ी निर्यात की डील होगी. इसे चेंगदू एयरक्राफ्ट इंडस्ट्रियल ग्रुप ने बनाया है, जिसने पहली बार पिछले साल फरवरी में उड़ान भरी थी. तो चलिए जानते हैं कैसे इस ड्रोन से पाकिस्तान खुद को ताकतवर बनाएगा. डालते हैं एक नजर इस ड्रोन की खास बातों पर-

- यह ड्रोन 20 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है और इसकी अधिकतम स्पीड 370 किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है. यह 11 मीटर लंबा है, जबकि पंखों समेत इसकी चौड़ाई 20.5 मीटर है और ऊंचाई 4.1 मीटर है.

- इसकी पहली उड़ान के बाद 10 महीने के अंदर इस ड्रोन के कई तरह के टेस्ट किए गए. यह लाइव फायरिंग भी कर सकता है, जो इस ड्रोन के ग्राहकों की मांग थी.

विंग लूंग II, चीन, पाकिस्तान, हथियारचीन 48 अत्याधुनिक मिलिस्ट्री ड्रोन पाकिस्तान को देगा.

- ये ड्रोन किसी स्टेशन या पोस्ट को टारगेट कर सकता है, किसी चलती हुई चीज पर निशाना लगा सकता है और टाइम सेंसिटिव टारगेटिंग भी कर सकता है.

- इस ड्रोन का वजन 400 किलो है और इसमें 480 किलो तक वजनी हथियार रखे जा सकते हैं. यह ड्रोन अपने साथ 12 लेजर गाइडेड बम और मिसाइल ले जा सकता है. इसमें कई तरह के बम जैसे FT-9/50 50kg bomb, GB3 250 kg laser-guided bomb, TL-10 bomb आदि रखे जा सकते हैं और कई तरह की मिसाइलें भी लगाई जा सकती हैं.

- इसमें इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल पेलोड पैड लगा है, जो दिन की रोशनी के साथ-साथ, अंधेरे में भी हर तरफ नजर रखता है और मिलने वाले डेटा को कंट्रोल रूम भेजता है.

- विंग लूंग II 1500 किलोमीटर के रेडियस में काम कर सकता है, जो सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम से लैस है. ऐसे में, ड्रोन से कभी भी डेटा लिया जा सकता है और उसे कमांड दी जा सकती है.

- इस ड्रोन का सस्ता होना भी इसकी एक खासियत है. एक मिलिट्री एक्सपर्ट और टीवी कॉमेंट्रेटर Song Zhongping के अनुसार अमेरिकी ड्रोन MQ-1 Predator और MQ-9 Reaper रीपर तकनीक के मामले में चीन के Wing Loong II से काफी एडवांस हैं, लेकिन अमेरिका ने इनके निर्यात को सीमित कर रखा है. साथ ही वह चीन के ड्रोन की तुलना में काफी महंगे भी हैं.

पाकिस्तान के हर मौसम का दोस्त है चीन. और यही पाकिस्तान का सबसे बड़ा हथियार सप्लायर भी है. दोनों देश साथ मिलकर एक लड़ाकू विमान JF-Thunder भी बना रहे हैं, जिसमें सिर्फ एक इंजन होगा, लेकिन खूबियां ढेर सारी होंगी. अभी इसे बनने में तो समय है, लेकिन तब तक अपनी ताकत दिखाने के लिए पाकिस्तान ने Wing Loong II खरीदने का फैसला किया है. हालांकि, अभी यह पता नहीं है कि इस डील की कीमत क्या है, लेकिन पाकिस्तान ने फेसबुक के जरिए इस डील की घोषणा तो कर दी है. खैर, जो पाकिस्तान जासूसी के लिए अपना हेलिकॉप्टर लेकर ही प्रतिबंधित क्षेत्र में घुस जाता है और नियमों को तार-तार कर देता है, उसके लिए तो ये ड्रोन सोने पर सुहागा जैसे हैं.

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