भारत में योग में नुक्स निकालने की कवायद पिछड़ापन ही नहीं, शर्मनाक भी है
पूरी दुनिया में कहीं से हवा में योग करने की तस्वीरें आ रही हैं तो कहीं पर लोग पानी में योग कर रहे हैं, लेकिन मिजोरम की कांग्रेस सरकार योग और ईसाई धर्म के बीच टकराव को देखते हुए चुप्पी साधे बैठी है.
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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर जहां एक ओर पूरी दुनिया इसका उत्सव मना रही है, वहीं दूसरी ओर मिजोरम में योग दिवस मनाया ही नहीं जा रहा है. पूरी दुनिया में कहीं से हवा में योग करने की तस्वीरें सामने आ रही हैं तो कहीं पर लोग पानी में योग कर रहे हैं, लेकिन मिजोरम की कांग्रेस सरकार ने योग को ईसाई धर्म से जोड़ते हुए एक ऐसी अफवाह उड़ा दी गई है, जिसके चलते वहां योग दिवस को मनाना धर्म के खिलाफ माना जा रहा है. ये वाकई दुर्भाग्य की बात है कि शरीर को स्वस्थ रखने वाले योग को कुछ लोग धर्म के खिलाफ बता रहे हैं.
ये अफवाह फैली है मिजोरम में
मिजोरम में अधिकांश आबादी ईसाई है, जिनका मानना है कि योग हिंदू दर्शन का एक हिस्सा है. ऐसा नहीं है कि सिर्फ योग दिवस न मनाकर ही ईसाई धर्म के लोग इसका विरोध कर रहे हैं. ये लोग समय-समय पर योग का विरोध करते रहे हैं. हाल ही में ये भी खबर आई थी कि मिजोरम के करीब 13 मुख्य चर्चों ने अपने सदस्यों से कहा है कि वे योग से बचें, क्योंकि यह ईसाई धर्म के सिद्धातों के खिलाफ है.
कांग्रेस पर साधा जा रहा निशाना
इस समय मिजोरम में कांग्रेस की सरकार है और इसी साल के अंत में यहां विधानसभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस की सरकार के मुख्यमंत्री लल थनहवला का योग से किनारा करना भले ही मिजोरम में कोई बड़ी बात ना हो, लेकिन कांग्रेस की साख पर उंगली उठने लगी है. ट्विटर पर तो इसे लेकर कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधना शुरू भी हो चुका है. मिजोरम में भाजपा के अध्यक्ष जेवी हलुना का कहना है कि मुख्यमंत्री को ऐसा लगता है कि केंद्र जो भी करता है, उन्हें उसका उल्टा ही करना है. उन्होंने बताया कि मिजोरस में असम राइफल्स के जवान भारी संख्या में तैनात हैं और वो इस साल भी योग दिवस मना रहे हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय एक अधिकारी से मिली जानकारी के मुताबिक 21 जून यानी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन ही मुख्यमंत्री के पोते की शादी है और वह उसी में व्यस्त हैं.
राजस्थान में पूर्व मंत्री भरत सिंह ने भी बाबा रामदेव और सरकार द्वारा मिलकर कराए जा रहे योग कार्यक्रम का विरोध किया था. हालांकि, उनका कहना था कि कांग्रेस का ये विरोध योग के खिलाफ नहीं है, बल्कि जिस तरह से इस कार्यक्रम में जनता का पैसा बर्बाद किया जा रहा है, उसके खिलाफ है.
कैसे-कैसे मनाया जा रहा है योग दिवस?
पूरे देश में लोग अलग-अलग तरीकों से योग मना रहे हैं. सामान्य रूप से जमीन पर तो लोग योग कर रही रहे हैं. साथ ही पानी में, हवा में और समुद्र में आईएनएस विराट पर भी योग दिवस मनाया जा रहा है. इनकी तस्वीरें देखकर आप भी समझ जाएंगे कि लोगों में योग की जागरुकता कितनी तेजी से फैल रही है.
- पीएम मोदी ने देहरादून के फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट में योग किया.
- अहमदाबाद में 800 दिव्यांग लोगों ने योग किया. वह इसके तहत 'सबसे बड़ी शांत योग क्लास' को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बुक में दर्ज कराना चाहते हैं.
- भारतीय नौसेना के शक्ति और कामोर्ता नौसेना के जहाज पर भी योग किया गया. मौजूदा समय में ये जहाज पश्चिमी प्रशांत महासागर और दक्षिण पूर्व एशिया में तैनात हैं.
- भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर केबीएस सन्याल और विंग कमांडर गजानंद यादव ने 15,000 फुट की ऊंचाई पर वायु नमस्कार और वायु पद्मासन किया.
- राजस्थान में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित करने के लिए 1.05 लाख से भी अधिक लोगों ने एक साथ योग किया. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और योग गुरु रामदेव भी मौजूद थे.
- महाराष्ट्र में नौसेना के जवानों ने आईएनएस विराट पर योग किया, जो इस समय मुंबई में है.
- अरुणाचल प्रदेश में इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस के जवानों ने लोहितपुर की दिगारू नदी में रिवर योगा किया.
- केरल में आईएनएस यमुना पर भी नेवी के जवानों ने योग किया. ये जहाज फिलहाल कोच्चि में है.
- यूपी के मुरादाबाद में 23वीं पीएसी बटालियन की टीम ने वाटर योगा यानी पानी के अंदर योग किया.
- उत्तराखंड के हल्द्वानी में गोला बाईपास के नजदीक लोगों ने मास्क पहनकर योग किया और इस तरीके से अपना विरोध सरकार को दिखाया. उनकी मांग है कि वहां जमा किए गए कूड़े को हटाया जाए. आपको बता दें कि यहां पर करीब 90 लाख टन कूड़ा जमा हो चुका है, जो जहरीली गैस पैदा कर रहा है. ये वहां के लोगों के लिए खतरनाक है.
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन जो शख्स जहां था, वहीं से उसने योग किया. इस दिन लोगों ने अपनी क्रिएटिविटी भी दिखाई और गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड तक बनाने की कोशिश की. वहीं कुछ लोगों ने इसका विरोध भी किया है, जैसे मिजोरम. योग दिवस के दिन योग के जरिए अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए भी योग किया गया. ऐसे में मिजोरम के मुख्यमंत्री का योग को तरजीह न देना और वहां के धार्मिक लोगों द्वारा योग में नुक्स निकालना बेहद दुखद है.
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