क्या झूठा है 11 साल की 'जलपरी' की रिकॉर्ड तैराकी का दावा?
कानपुर से इलाहाबाद तक के 570 किलोमीटर लंबे सफर को गंगा नदी को तैरकर पार करने निकली श्रद्धा शुक्ला को लेकर विवाद छिड़ गया है और कहा जा रहा कि तैराकी का ये दावा झूठा है?
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महज 11 वर्ष की उम्र में कानपुर से इलाहाबाद तक 570 किलोमीटर की दूरी गंगा को तैरकर पार करने निकली श्रद्धा शुक्ला सुर्खियों में छा गई हैं. इतनी कम उम्र में उफनाती गंगा की लहरों से जूझते हुए 570 किलोमीटर लंबा सफर तय करना बेहद मुश्किल है. यही वजह है कि श्रद्धा की हिम्मत और जज्बे को देखकर उन्हें जलपरी कहा जा रहा है.
लेकिन अब इस प्रेरणादायी लगने वाली कहानी के साथ एक विवाद जुड़ गया है. हाल ही में सामने आए एक वीडियो में दावा किया गया है कि ये रिकॉर्ड तैराकी की बात फर्जी है और इसकी असली कहानी कुछ और ही है. इस वीडियो के मुताबिक ये सारा खेल श्रद्धा के पिता और कोच ललित शुक्ला का रचाया हुआ है. इस वीडियो के सामने आने के बाद गंगा में 570 किलोमीटर तैरने के श्रद्धा के दावे पर सवाल उठ खड़े हुए हैं, आइए जानें आखिर क्या है इस विवाद की वजह.
क्या झूठा है 11 साल की लड़की के 570 किलोमीटर तैराकी का दावा?
हाल ही में जब मीडिया में कानपुर की एक 11 साल की लड़की के गंगा में 570 किलोमीटर की रेकॉर्ड तैराकी की खबर आई तो श्रद्धा शुक्ला नाम की ये लड़की रातोरात स्टार बन गई. किसी ने उसे जलपरी का नाम दिया तो किसी ने उसे भविष्य में भारत के लिए ओलंपिक में मेडल जीतने की उम्मीद करार दिया. एक छोटी सी लड़की द्वारा गंगा नदीं में की जाने वाली इस विशाल तैराकी यात्रा ने सबको हैरत में डाल दिया.
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लेकिन हाल ही में यूट्यूब पर भागीरथी फिल्म्स द्वारा 'जलपरी की सच्चाई' नाम से अपलोड किए गए एक वीडियो में दावा किया गया है कि 570 किलोमीटर की श्रद्धा की तैराकी का दावा झूठा है और इसके मास्टरमाइंड श्रद्धा के पिता ललित शुक्ला हैं जोकि खुद को श्रद्धा का कोच भी बताते हैं. इस वीडियो में बताया गया है कि कैसे श्रद्धा के पिता ने मीडिया में लाइमलाइट पाने के लिए ये सारी कहानी गढ़ी.
इस वीडियो को बनाया है राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता फिल्मकार और पत्रकार विनोद कापड़ी ने. एनबीटी के मुताबिक कापड़ी श्रद्धा की कहानी से प्रभावित होकर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाने पहुंचे थे लेकिन जब वह दो-तीन दिनों तक श्रद्धा के साथ रहे तो उन्हें ये जानकर बहुत निराशा हुई कि श्रद्धा रोज 70-80 किलोमीटर के बजाय महज 2-3 किलोमीटर ही तैरती है और बाकी समय नाव पर समय तय करती हैं. अब वह इस सच्चाई पर एक डॉक्यूमेेंट्री बना रहे हैं.
श्रद्धा कानपुर से इलाहाबाद तक की 570 किलोमीटर तैराकी के दौरान उनके साथ रहने वाली टीम के एक सदस्य ने बताया है कि श्रद्धा को कुछ किलोमीटर ही तैराकी कराई जाती है और लोगों की आंखों से दूर होते ही उसके पिता उसे नाव में बैठा लेते हैं और बाकी का कई किलोमीटर का सफर ऐसे ही तय किया जाता है. उसके बाद जैसे ही मीडिया और लोग नजर आते हैं श्रद्धा को वापस पानी में कुदा दिया जाता है.
एक वीडियो में आरोप लगाए गए हैं कि श्रद्धा के पिता उसे कुछ किलोमीटर की तैराकी कराकर बाकी का सफर नाव से तय करते हैं |
इस आदमी का ये भी आरोप है कि श्रद्धा के पिता रास्ते में लोगों द्वारा उसे दिए जाने वाले इनाम और पैसों को अपने पास ही रख लेते हैं और श्रद्धा के साथ चल रहे लोगों का बिल्कुल भी ख्याल नहीं रखते है. इस वीडियो में श्रद्धा अपने पिता ललित शुक्ला के साथ नाव में बैठकर सफर करती हुई नजर आती है. यानी महज कुछ किलोमीटर की तैराकी और लाइमलाइट पूरा.
इस वीडियो में कई बार श्रद्धा नाव के पीछे बने एक लकड़ी के छोटे से तख्ते पर भी लेटी नजर आती है, जिसे नाव खींचती हुई ले जा रही है. यानी लोगों की नजरों से दूर होते ही बाकी का सफर वह तैरकर नहीं बल्कि नाव के पीछे लगे लकड़ी के तख्ते पर लेटककर या नाव में बैठकर बिताती है.
गड़बड़झाला? वीडियो में नाव के पीछे लगे लकड़ी के एक तख्ते पर श्रद्धा शुक्ला लेटी नजर आती हैं |
फिर घाट के करीब पहुंचने से पहले फिर से नदी में तैरने उतर जाती है. इस वीडियो में इस सारे खेल का मास्टरमाइंड श्रद्धा के पिता ललित शुक्ला को बताया गया है.
वह वीडियो जिसने श्रद्धा शुक्ला की रिकॉर्ड तैराकी की सच सामने लाने की बात कीः
इन आरोपों पर हालांकि अभी तक श्रद्धा के पिता की तरफ से कोई सफाई नहीं पेश की गई है लेकिन वीडियो में दिख रहे तथ्यों को देखते हुए इतना तो तय है कि इस प्रेरणादायी लगने वाली कहानी में कुछ गड़बड़ तो जरूर है!
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