शिल्पा को ट्रोल करने वाले "रोजेदार" सिर्फ अटेंशन के भूखे हैं!
दोस्तों संग इफ्तार पार्टी करती शिल्पा के वीडियो पर आ रहे कमेंट्स से एक बात साफ है कि अब सोशल मीडिया पर ट्रेंड बन गया है सेलेब्रिटी के वीडियो या फोटो पर कमेन्ट करना और बेमतलब का अटेंशन हासिल करना.
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अक्सर ही ऐसा देखने को मिलता है कि व्यक्ति कुछ अच्छा करने जाता है मगर जाने अनजाने उसके साथ कुछ एस अहो जाता है जिसके चलते वो आलोचना का पात्र बन जाता है. इस बात को समझना हो तो बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी का रुख करिए. शिल्पा ने एक इफ्तार पार्टी में ये सोच कर शिरकत की कि उससे सांप्रदायिक सौहार्द्र को बढ़ावा मिलेगा मगर उन्हें लेने के देने पड़ गए और उन्हें मुसलमानों की भावना आहत करने के नाम पर इंटरनेट यूजर्स द्वारा ट्रोल कर दिया गया.
दोस्तों के साथ इफ्तार पार्टी का वीडियो डालकर शिल्पा बुरा फंस गई हैं
शिल्पा शेट्टी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया. वीडियो देखने पर पता चल रहा है कि शिल्पा की किसी दोस्त ने रमजान के मद्देनजर अपने घर पर इफ्तार पार्टी का आयोजन किया है. वीडियो में शिल्पा अलग अलग तरह की मिठाइयों और फिर केक का जिक्र करती हैं और इसी के बाद वह एक अन्य मिठाई अफलातून की बात करती हैं और इसी के साथ अक्षय कुमार की फिल्म अफलातून का गाना बजने लगता है और वह अपनी सहेलियों के साथ गाने पर थिरकते हुए नजर आती हैं.
शिल्पा के कुछ फैन्स को उनकी ये अदा नागवार गुजरी और उन्हें उनका ऐसा करना बिल्कुल भी पसंद नहीं आया. कुछ लोगों ने कहा कि, आपको थोड़ा सम्मान दिखाना चाहिए. वहीं किसी ने लिखा, यह किस तरह की इफतार पार्टी है. इसमें गाना बजाया जा रहा है. बहरहाल, वीडियो में जहां एक तरफ समाज का एक बड़ा वर्ग ऐसा था जो शिल्पा से नाराज था तो वहीं काफी लोग ऐसे भी थे जो इस मुद्दे पर शिल्पा का समर्थन कर रहे थे. ऐसे लोगों का तर्क था कि हमें हर चीज को निगेटिव नजरिये से नहीं देखना चाहिए.
हम भी इस बात का पूरा समर्थन करते हैं कि समाज को बेमतलब की ठेकेदारी बंद करनी चाहिए. शिल्पा ने केवल अपने दोस्तों संग एन्जॉय किया था और किसी पल का लुत्फ़ उठाने में वैसे भी कोई बुराई नहीं है. ध्यान रहे कि आजकल सोशल मीडिया पर एक अजीब सा ट्रेंड शुरू हो गया है. लोग अपना सारा काम धंधा छोड़कर दूसरे की खुशियों या फिर निजी जीवन में ताक-झांक कर उनकी आलोचना में जुट जाते हैं. ये मामला तब और भी गहरा हो जाता है जब सामने वाला सेलेब्रिटी स्टेटस रखता हो.
कहना गलत नहीं है कि सेलेब्रिटियों की तस्वीरों पर बेमतलब के कमेन्ट करने वाले लोग भी कहीं न कहीं अटेंशन के भूखे हैं. ये लोग जो भी कर रहे हैं उसका एकमात्र उद्देश्य अटेंशन प्राप्त करना है. यदि इस बात को बेहतर ढंग से समझना हो तो हम आमिर खान का उदाहरण ले सकते हैं. गौरतलब है कि अभी कुछ दिन पहले ही आमिर खान की भी एक तस्वीर सामने आई थी जिसमें वो अपनी बेटी के साथ खेल रहे थे और आलोचकों ने रमजान का ही बहाना बनाकर उनकी इस तस्वीर की खूब आलोचना की थी.
इस तस्वीर पर आमिर खान और उनरी बेटी इरा खान को जमकर ट्रोल किया गया
इस तस्वीर पर आए कमेंट्स में ऐसे लोगों की भरमार थी जिन्होंने यहां तक कह दिया कि रमजान के महीने में आमिर ने इस तस्वीर के जरिये बाप बेटी के रिश्ते का मजाक बनाया है. अंत में हम ये कहते हुए अपनी बात को विराम देंगे कि किसी दूसरे की तस्वीरों पर ज्ञान बांटने वाले लोग अपने निजी जीवन में झांकें और ये देखें कि वो जो कर रहे हैं वो धर्म की दृष्टि से कितना सही है. सही है भी या बस वो धर्म की आड़ में अपने को बेवक़ूफ़ बना रहे हैं.
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