बाबा रामदेव का Kimbho app तो Whatsapp का नूडल वर्जन निकला
पतंजलि और बाबा रामदेव का महत्वकांक्षी एप किम्भो जिसे वॉट्सएप का प्रतिद्वंद्वी माना जा रहा था असल में कॉपी किया हुआ एप है. इसे गूगल प्ले स्टोर से भी हटा लिया गया है.
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अंग्रेजी में 'Whats up' का मतलब होता है 'क्या हाल है?'. संस्कृत में यही होगा 'किम्भो'. बाबा रामदेव ने इस संस्कृत शब्द को अपने नए एप का नाम दे डाला- Kimbho. हूबहू Whatsapp जैसा एप. लेकिन रामदेव इस एप को बनाने में नकल के बाकी निशान मिटाना भूल गए, और पकड़े गए. यानी बाबा रामदेव की पतंजलि ने एप मास्टर के रूप में पहला कदम बढ़ाया ही था, जो शर्मिंदगी का कारण बन गया.
किम्भो शुरुआत से ही विवादों में फंस गया. ऐसा दावा किया जा रहा है कि पतंजलि का ये एप कॉपी किया गया था. BOLO मैसेंजर एप का डिस्क्रिप्शन और फोटो, यहां तक कि OTP फॉर्मेट भी पतंजलि के किंभो मैसेंजर ने कॉपी कर लिया था. इस एंड्रॉयड एप को गूगल ने अपने Play Store से हटा दिया है.
पतंजलि के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने इस एप के बारे में ट्वीट किया था और बोला था कि इसे सीधे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. इस एप को लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित थे और इसे जोर शोर से प्रचारित कर रहे थे.
अब भारत बोलेगा...!पूज्य @yogrishiramdev @Ach_Balkrishna के मार्गदर्शन में उनके शिष्य नवदीक्षित साधुओं और राष्ट्रनिष्ठ विशेषज्ञों ने #स्वदेशी तकनीक से इजाद कर बनाया यह #KIMBHO एप#भारत #स्वाभिमानPatanjali's new app to challenge WhatsApp @bst_official https://t.co/hxBCbwdrnV
— tijarawala sk (@tijarawala) May 30, 2018
पर किस्मत का खेल देखिए कि अब जो भी इस एप को डाउनलोड करना चाह रहा है वो नहीं कर पा रहा.
प्ले स्टोर पर नहीं है ये एप..
गूगल प्ले स्टोर से अचानक इस एप को हटा लिया गया है. अब जो भी लोग इसे सर्च करने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें गूगल प्ले स्टोर पर कुछ नहीं मिल रहा. इसे शुरुआती दौर में डाउनलोड करने वालों का कहना है कि इस बीटा वर्जन वाले एप से फोन हैंग हो रहा था.
एक और दिलचस्प बात ये है कि इसे शुरुआती दौर में डाउनलोड करने वालों का डेटा बिना किसी परमीशन मांगे ही एप ने ले लिया. यहां तक कि सिक्योरिटी में खामियां इतनी कि एक यूजर कई यूजर्स के मैसेज देख पा रहा था.
आखिर क्यों डिलीट किया गया ये एप इसके पीछे सोशल मीडिया पर कई थ्योरी चल रही हैं.
पहली थ्योरी...
Ok, I will stop here. The #Kimbho #android #app is a security disaster. I can access the messages of all the users...????♂️
— Elliot Alderson (@fs0c131y) May 30, 2018
ये सिक्योरिटी के मामले में कितना सही है इसी बात से पता चलता है कि यहां बिना किसी खास परमीशन के यूजर का सारा डेटा भी जा रहा था और तो और दूसरे यूजर्स की जानकारी भी एक्सेस की जा रही थी.
The @KimbhoApp is a copy paste of another #application. The description and the screenshots in the app stores are the same. Moreover, the #Kimbho app is making request to bolomessenger[.]com pic.twitter.com/gOKOhash5X
— Elliot Alderson (@fs0c131y) May 31, 2018
शुरुआती दौर में किंभो एप को जिस एप से कॉपी किया गया था उसका ओटीपी टेक्स्ट भी बोलो नाम से ही आ रहा था. ये बोलो एप था जिसका डिस्क्रिप्शन भी गूगल प्ले स्टोर पर कॉपी किया गया था. bolomessenger.com के नाम से सभी रिक्वेस्ट आ रही थीं.
ये ओटीपी टेक्स्ट किम्भो एप की तरफ से आया था
ओटीपी में भी बोलो मैसेंजर एप आ रहा था. हालांकि, बाद में इस खामी को तो सही कर लिया, लेकिन फिर भी कॉपी हुआ गूगल की नजर में पड़ ही गया. इस एप को अब गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया है. पूरा एक दिन भी ये एप नहीं चल पाया और गूगल ने इस डुप्लिकेट को प्ले स्टोर से बाहर कर दिया.
मज़े की बात ये है कि सिर्फ ओटीपी फॉर्मेट ही नहीं बल्कि गूगल प्ले स्टोर पर लगाई गई फोटोज भी किंभो एप ने कॉपी कर ली थी.
डिस्क्रिप्शन के साथ-साथ एप स्टोर पर फोटोज भी कॉपी की हुई थीं.
इस एप को यही कहकर लॉन्च किया गया था कि ये वॉट्सएप का स्वदेशी विरोधी है और इसी तरह के बेहतर फीचर्स देता है. ग्राफिक्स, टेक्स्ट, वीडियो आदि शेयर किए जा सकते हैं. इसी के साथ, ये भी कहा गया था कि किंभो सुपर फास्ट एप है और रियल टाइम मैसेजिंग के लिए बेस्ट है. इसी के साथ, बताया गया था कि इस एप में घोस्ट चैटिंग, मैसेज ऑटो डिलीट जैसे फीचर्स भी हैं. पर अगर गौर करें तो ये साफ हो जाएगा कि ये पूरा डिस्क्रिप्शन बोलो मैसेंजर एप का है.
दूसरी थ्योरी...
दूसरी थ्योरी जो सोशल मीडिया पर चल रही है वो ये है कि इस एप की वजह से फोन हैंग हो रहा था और डेवलपमेंट टीम इस पूरे मामले को फिक्स करने की कोशिश कर रही है. इसी वजह से एपल स्टोर और गूगल प्ले दोनों से ही इस एप को हटा दिया गया है. हालांकि, आईफोन वाले ये बोलो मैसेंजर वाली थ्योरी को भी सपोर्ट कर रहे हैं.
तीसरी थ्योरी...
तीसरी थ्योरी थोड़ी दिलचस्प है. एक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट की गई है कि इस एप में पाकिस्तानी एक्ट्रेस की फोटो लगाई गई थी और इसके कारण ही इस एप को डिलीट किया गया है.
देसी नहीं बल्कि पाकिस्तानी एक्ट्रेस की फोटो लगाई गई
हालांकि, मामला जो भी हो, लेकिन मुद्दा तो यही है कि बाबा रामदेव का ये एप डिलीट किया जा चुका है.
अब बाबा रामदेव के लिए क्या ही कहा जाए. पहले मैगी नूडल्स में दिक्कत हुई तो वो अपनी मैगी लेकर आ गए. तेल, मसाले, कॉस्मैटिक आदि तो न जाने कब से चल ही रहे हैं. दो दिन से बीएसएनएल के साथ पार्टनरशिप वाली सिम की बात चर्चा में थी और अब कुछ दिन से फेसबुक और वॉट्सएप को लेकर चर्चा चल रही थी और डेटा चोरी के आरोप लग रहे थे तो बाबा रामदेव ने वॉट्सएप का विरोधी लॉन्च कर दिया. शायद जल्दी ही फेसबुक का विरोधी भी लॉन्च कर दें और अपने पतंजलि परिवार के साथ मिलकर सोशल नेटवर्किंग साइट का प्रचार प्रसार करें. ईकॉमर्स में तो बाबा रामदेव पहले ही आ चुके हैं. खेती, रियल एस्टेट, ईकॉमर्स, फार्मा, आईटी, सर्विस प्रोवाइडर, एडवर्टाइजिंग, मार्केटिंग, फाइनेंस, रिटेल, सेल्स आदि कई सेक्टर से तो बाबा रामदेव जुड़ ही चुके हैं. हो सकता है वो दिन दूर नहीं कि पतंजलि ब्रांड की फिल्में भी आएं और एमएसजी के बाद रामदेव दूसरे बाबा बनें फिल्म बनाने वाले.
बहरहाल, भविष्य में जो भी हो फिलहाल तो बाबा रामदेव का ये एप शुरुआती दौर में औंधे मुंह गिर पड़ा है और ये कहना गलत नहीं होगा कि इस एप का भी नूडल ही बन चुका है.
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