#DeleteNaMoApp के जरिए कांग्रेस अपनी खीज निकाल रही है
प्रधानमंत्री मोदी के आलोचकों विशेषकर कांग्रेस ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर #DeleteNamoApp नाम से उनके खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है. विरोध कर रहे लोगों का तर्क है कि इस ऐप के द्वारा व्यक्ति की निजता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
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ये हैं कांग्रेस की सोशल मीडिया सेल की इंचार्ज दिव्या स्पंदना. गुहार लगा रही हैं कि पहली फुर्सत में NaMo app को delete कर दीजिए...
If there’s one thing you do today, let it be this- #DeleteNaMoApp
— Divya Spandana/Ramya (@divyaspandana) March 23, 2018
ये भी कांग्रेस की सोशल मीडिया सेल में हैं. नेशनल सोशल मीडिया कोआर्डिनेटर हसीबा अमीन. जान लीजिए, ये क्या कह रही हैं:
They're accessing personal information from your phone. If you have installed the app - #DeleteNaMoApp now!!!
— Hasiba (@HasibaAmin) March 23, 2018
बाकी कसर पूरी कर दी संजय झा ने...
#DeleteNaMoApp is top trend. About time every citizen of India fought back against a dangerous fascist party that went to Supreme Court to deny us our Right to Privacy as a fundamental right.
— Sanjay Jha (@JhaSanjay) March 23, 2018
इन ट्वीट्स को ध्यान से देखिये, तो कुछ बातें अपने आप साफ हो जाएंगी. डाटा लीक की ख़बरों के बाद जिस बात का अंदेशा था वही हुआ. प्रधानमंत्री मोदी के आलोचकों विशेषकर कांग्रेस ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर #DeleteNamoApp नाम से उनके खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है. इस अभियान की अगुवाई कर रहे लोगों का तर्क है कि इस ऐप के द्वारा प्रधानमंत्री के पास वो सभी जानकारियां जा रही हैं जो किसी भी व्यक्ति की निजता से जुड़ी हैं. लोगों का ये भी मानना है कि इन सूचनाओं से प्रधानमंत्री कुछ ऐसा कर सकते हैं जिससे भविष्य में होने वाले लोकसभा चुनाव प्रभावित होंगे.
ट्विटर पर कांग्रेस एक बिल्कुल नए अंदाज में पीएम मोदी का विरोध करती नजर आ रही है
ट्विटर पर पीएम मोदी की नमो ऐप को लेकर जो घमासान मचा हुआ है उसको देखकर ये कहना गलत नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी के आलोचक अपनी तरफ से लगातार इसी कोशिश में हैं कि वो कुछ ऐसा कर दें जिससे जिन लोगों ने ये ऐप डाउनलोड की है वो इसे तत्काल प्रभाव में डिलीट कर दें.
यदि ट्विटर पर चल रहे इस एंटी मोदी कैम्पेन को देखें तो मिल रहा है कि इस हैश टैग पर अपने अपने ट्वीट्स करके लोग और कुछ नहीं बस भेड़ चल में चलने और क्षणिक लोकप्रियता पाने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं. बात आगे बढ़ेगी मगर उससे पहले हमें कुछ और ट्वीट्स देखने की जरूरत है.
Don't Allow the Heroes of #SnoopGate To Snoop, Manipulate, Intimidate
Protect Your Privacy Protect Your Personal Data #DeleteNamoApp
— Harsh Bisaria (@harshbisaria) March 23, 2018
BJP wid d help of NaMo App has been capturing d data from phones of Indians without der permission.Dis is dangerous, considering dat India doesn't hav a data protection& privacy law dat allows Apps like NaMo to use your personal information 4 der political gains. #DeleteNamoApp
— Mohd Zuber Shaikh (@mohd_zuber) March 23, 2018
Why are Lakhs of NCC Cadets Being Pressurised toInstall the Personal App of a MegalomaniacWho Wants to Snoop & Manipulate ❓#DeleteNamoApp pic.twitter.com/1ThunahXjl
— Ranjana Singh (@INCRanjana) March 23, 2018
#DeleteNaMoApp I already uninstalled pic.twitter.com/OLDK8RBs5g
— star boy (@SaifsaiyadSaif) March 23, 2018
@facebook lost 65 Billion Rupees. @CamAnalytica is regretting that it ever dealt with @BJP4India . 1.25 Billion lndians are regretting votting for this man who has destroyed the Nation's Economy, Employment, Institutions, Social fabric.Indians, while U #DeleteNamoApp delete BJP 2 pic.twitter.com/DFYTEIWFQY
— Suby (@Subytweets) March 23, 2018
ट्विटर पर चल रही इस लड़ाई को अगर ध्यान से देखें तो मिल रहा है कि इसमें ज्यादातर ट्वीट्स स्वयं कांग्रेस पार्टी से जुड़े लोगों द्वरा किये जा रहे हैं. हो सकता है कि इतना जानकार कोई व्यक्ति ये सोचे कि आखिर कांग्रेस को इससे क्या फायदा होगा? तो आपको बता दें कि ये कांग्रेस की वो नाकामयाबी है जिसका एहसास कांग्रेस को अब हुआ है. जी हां सही सुन रहे हैं आप. सोचिये यदि इस तरफ का कोई ऐप राहुल गांधी ने बनाया होता तो क्या कांग्रेस ये ट्रेंड चलाती इस सवाल का निष्पक्ष जवाब नहीं ही होगा.
What more can expect from propaganda machine @INCIndia #DeleteCongFakeNews #DeleteNamoApp pic.twitter.com/NVBOGBNHJl
— India First (@OurIndiaFirst19) March 23, 2018
गौरतलब है कि यहां सारा विरोध पीएम की इस ऐप द्वारा डाटा के चुराए जाने की बात कहकर हो रहा है. अब अगर इस बात को हम अपने विवेक के मद्देनजर सोचे तो मिलता है कि जब भी हम कोई ऐप डाउनलोड करते हैं वो हमसे तमाम तरह की परमीशन मांगता है तो ऐसा नहीं है कि केवल पीएम की ही इस ऐप द्वारा ही आपके डाटा के साथ सेंधमारी हो रही है.
अंत में हम ये कहते हुए अपनी बात खत्म करेंगे कि आज ये विरोध एक पक्ष द्वारा इसलिए हो रहा है क्योंकि उसका मुखिया नए दौर के साथ कंधे से कंधा मिलकर नहीं चल पाया. यदि उसने भी अपनी लॉन्चिंग के वक़्त कोई इस तरह की ऐप बना दी होती तो आज पीएम मोदी की इस ऐप का विरोध कर रहे लोगों का मुंह बंद रहता.
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