जेटली का हिंदी में बजट भाषण चुभ गया है कुछ लोगों को
वित्त मंत्री द्वारा हिन्दी में भाषण दिए जाने से कई लोग बहुत आहत हो जाये हैं जिनको अगर वक़्त रहते संभाला नहीं गया तो आने वाले वक़्त में स्थिति बेहद चिंताजनक हो जाएगी.
-
Total Shares
बीजेपी कुछ करे और चर्चा के साथ-साथ हो हल्ला न हो, ऐसा भला हो सकता है? इधर संसद में, वित्त मंत्री पहली बार हिन्दी में, सरकार का बजट पेश कर रहे थे और उधर सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर पर लोगों को इससे मतलब नहीं था कि क्या महंगा हुआ और क्या सस्ता. ट्विटर पर जेर-ए-बहस मुद्दा ये था कि वित्त मंत्री ने अपना संबोधन हिन्दी में क्यों किया. क्या वो गैरहिन्दी भाषी लोगों और राज्यों पर अपने इस भाषण के माध्यम से जबरदस्ती हिन्दी थोपने का प्रयास कर रहे हैं? वित्त मंत्री के हिन्दी में दिए गए भाषण से आहत लोगों ने ट्विटर पर हिन्दी बजट नाम का हैशटैग चला दिया जिसपर लोग लगातार अपने तर्क और कुतर्क पेश करते नजर आ रहे हैं.
बजट को लेकर ट्विटर पर एक अलग तरह का घमासान मचा हुआ है
वित्त मंत्री द्वारा लिए गए इस फैसले से बहुत से लोग आहत हैं. ये लोग लगातार यही कह रहे हैं कि, हमेशा की तरह इस बार भी सरकार ने इस भाषण के माध्यम से, दक्षिण भारतीय राज्यों और गैर हिन्दी भाषी लोगों को नजरंदाज कर उन्हें नीचा दिखाने का काम किया है. इसके विपरीत भाषण को हिन्दी में दिए जाने के विषय में सरकार कह रही है कि ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि ये बजट मुख्य रूप से किसानों के लिए हैं और वो बात आसानी से समझ जाएं इसलिए बजट को अंग्रेजी के अलावा हिन्दी में पेश किया गया है. सरकार के इस बयान पर भी आलोचकों के अपने तर्क हैं. आलोचकों का ये कहना है कि ऐसा भला किसने कह दिया या मान लिया कि देश में जो भी लोग कृषि से जुड़े हैं और किसान हैं हिन्दी जानते हैं.
काफी हद तक गैर हिन्दी भाषी लोगों का मानना है कि सरकार उनपर हिन्दी थोपने का काम कर रही है
बहरहाल, सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर पर इस विषय को लेकर युद्ध की स्थिति बनी हुई है. लोगों को इस बात से कोई मतलब नहीं दिख रहा कि सरकार ने उनके हित में क्या किया. कहां उनका नुकसान हुआ? कहां क्या घटा, कहां क्या बढ़ा. लोगों की सारी चिंता इसी बात पर दिख रही है कि आखिर भाषण के लिए अंग्रेजी के अलावा दूसरी भाषा के रूप में हिन्दी का ही चयन क्यों किया गया. तो आइये एक नजर डालते हैं ट्विटर पर और देखते हैं उन 10 प्रोफाइल्स को जिनकी भावना वित्त मंत्री द्वारा इस्तेमाल की हुई हिन्दी से आहत हो गयी है.
There had been incidents when a Prime Minister from South was denied to make his I-Day Address in his mother tongue. This majoritarian attitude of the Government , destroying the federal structure of this country has to be condemned in d strongest voice. #HindiBudget #Budget2018
— Moorthy (@PJMoorthy7) February 1, 2018
. @arunjaitley delivered his budget speech also in Hindi. Tomorrow they will speak only in Hindi. #UnionBudget2018 #HindiBudget . They have decided to destroy India.
— புரட்சி - Puratchi (@RPuratchimani) February 1, 2018
Yesterday i had got a Whatsapp forward pdf on #BUDGET BENEFITS . I was intrigued by clairvoyance of the sender so opened it. Inside was a picture of a BELL & Nothing else. Translate "BELL" from English to Colloquial Hindi and U get the meaning. The Guy was indeed clairvoyant :-)
— Amit Chand (@amitchand) February 1, 2018
When hindians walked out &barked for ARR's concert having more tamil songs, What should non hindians do for the #Budget2018 being #HindiBudget ?R we living in #India or #Hindia?#Hindibudget
— Arunprasath (@Arunprasath02) February 1, 2018
I support his thinking. No reason to break protocol and speak in Hindi when Hindi speaking states don’t contribute enough to revenues. South India contributes far more and the budget isn’t even printed in any of the South languages. Less than 30% speak Hindi per last census data
— buddharaju (@Buddharaju) February 1, 2018
Top 5 states contributing to budget are all non-Hindi. First time budget speech in Hindi. Not officially printed in non-Cowbelt languages either. Clearly those you loot do not need to know they were looted. Those who get the loot need to know how much they got. #Budget2018
— Garga Chatterjee (@GargaC) February 1, 2018
Why is the FM delivering budget speech in Hindi? What about the people who don’t speak Hindi? South India contributes more revenue than rest of India. Don’t they deserve better ? Stop this Hindi imposition!
— Nagarjun Dwarakanath (@nagarjund) February 1, 2018
Interesting difference in style and content in the Hindi and English sections of the Budget speech. Focus in Hindi sections: women (LPG connections), farmers, sanitation. Also more conversational, less new schemes, more restatements/extensions of existing ones in Hindi section
— Mihir Sharma (@mihirssharma) February 1, 2018
Interesting difference in style and content in the Hindi and English sections of the Budget speech. Focus in Hindi sections: women (LPG connections), farmers, sanitation. Also more conversational, less new schemes, more restatements/extensions of existing ones in Hindi section
— Mihir Sharma (@mihirssharma) February 1, 2018
#Budget2018 #HindiBudget pic.twitter.com/Uz1PZDiiuY
— Vetri Selvan (@Vetri2Selvan) February 1, 2018
खैर इस पूरे प्रकरण को देखकर कहा जा सकता है कि हम भारतीय बड़ी ही अजीब स्थिति में हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि जब हमें अपने मूल अधिकारों, रोजगार, महंगाई, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे मुद्दों के लिए प्रदर्शन करने चाहिए हम एक ऐसे मुद्दे को लेकर आक्रोश में हैं जिसका न तो सिर है न पैर.
अंत में हम ये कहते हुए अपनी बात खत्म करेंगे कि अगर ट्विटर की बुद्धिजीवी जनता ने "हिन्दी बजट" की जगह कोई ऐसा हैशटैग बनाया होता जो आम नागरिकों के हित से जुड़ा होता तो ये प्रयास सराहनीय कहलाता. कहा जा सकता है कि अब वो वक़्त आ गया है जब देश की सरकार को भाषा की इस लड़ाई के प्रति गंभीर हो जाना चाहिए. कहीं ऐसा न हो जब तक सरकार इसके लिए गंभीर हो तब तक बहुत देर हो जाए और देश की अखंडता खतरे में आ जाए और देश टूट जाए.
ये भी पढ़ें -
इंजीनियरिंग कॉलेज के लड़के सिगरेट हाथ में लिए बजट देख रहे हैं जेटली जी !
इस तरह बर्बाद किया जा रहा है हमारा टैक्स का पैसा...
बजट 2018: इन चीजों की कीमतों पर पड़ेगा असर..
आपकी राय