गूगल के 48 कर्मचारी 'ब्लॉक', वजह है #MeToo
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने अपनी कंपनी के सभी कर्मचारियों को एक मेल किया है जिसमें उन्होंने ये बताया है कि पिछले दो सालों में कितने कर्मचारियों को सेक्शुअल हैरेस्मेंट के कारण कंपनी से निकाला गया है.
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#Metoo मूवमेंट जितना भारत में सक्रीय है उससे कहीं ज्यादा ये अमेरिका में शक्तिशाली है. अमेरिका में इससे जुड़े कई किस्से सामने आए हैं और वहां इससे जुड़े मामलों पर बहुत ज्यादा बहस भी हुई है और एक्शन भी लिया गया है.
अगर सेक्शुअल हैरेस्मेंट के एक्शन की बात करें तो गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने अपनी कंपनी को लेकर सफाई दे दी है. भले ही ये सीधे #metoo मूवमेंट से नहीं जुड़ा हो, लेकिन ये मामला तो सेक्शुअल हैरेस्मेंट का ही है. सुंदर पिचाई के अनुसार गूगल ने पिछले दो सालों में 48 कर्मचारियों को सेक्शुअल हैरेस्मेंट के आरोप के कारण निकाला है. इनमें से 13 एक्जिक्यूटिव क्लास कर्मचारी हैं. गूगल की तरफ से ये स्टेटमेंट न्यूयॉर्क टाइम्स की एक स्टोरी के बाद आया था जिसे एंडी रूबिन (जो लोग इन्हें नहीं जानते उन्हें बता दूं कि ये एंड्रॉयड के पिता कहे जाते हैं और इन्होंने ही एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम की रचना की थी.) के लिए किया गया था.
Google CEO Sundar Pichai just sent out an email regarding the huge NYT story on Andy Rubin.https://t.co/1m1bJDq5K3 pic.twitter.com/azxs7rneCw
— Ryan Mac (@RMac18) October 25, 2018
सुंदर पिचाई की तरफ से ये सफाई एक ईमेल के जरिए आई है जिसमें उन्होंने कर्मचारियों को कहा है कि कंपनी सेक्शुअल हैरेस्मेंट के लिए बेहद संवेदनशील है. कंपनी अपने कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित जगह बनाना चाहती है और जितने भी कर्मचारी सेक्शुअल हैरेस्मेंट के आरोप में निकाले गए हैं उन्हें एग्जिट पैकेज (कंपनी छोड़ने पर मिलने वाली राशी) नहीं मिली है. इस ईमेल में गूगल की वाइस प्रेसिडेंट एलीन नॉघटन का भी नाम है जिन्होंने सुंदर पिचाई के साथ मिलकर कर्मचारियों को ये मैसेज दिया है कि गूगल की तरफ से ऐसी कोई भी हरकत बर्दाश्त नहीं की जाती. कुल मिलाकर ये एक ऐसा मैसेज था जिसे देखकर लग रहा था कि सुंदर पिचाई सफाई दे रहे हैं.
सुंदर पिचाई ने गूगल की सफाई में एक लंबा चौड़ा मेल सभी कर्मचारियों को किया
जो मेल किया गया उसमें लिखा था कि गूगल की तरफ से Respect@ नाम से एक प्रोग्राम भी लॉन्च किया गया था जो ऐसे मामलों में मदद करता है और पूरी तहकीकात करता है. ये प्रोग्राम गोपनियता का भी पूरा ध्यान रखता है.
सब कुछ ठीक पर अभी एक दाग बाकी है-
न्यूयॉर्क टाइम्स की स्टोरी सिर्फ एंडी रूबिन पर नहीं थी बल्कि उस सेक्शुअल हैरेस्मेंट केस पर थी जिससे एंडी रूबिन को बचाया गया था. जैसा कि मेल में लिखा है कि किसी भी कर्मचारी को एग्जिट पैकेज नहीं दिया गया पर न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक एंडी रूबिन को तो बाकायदा किसी हीरो की तरह फेयरवेल दिया गया था. साथ ही साथ एंडी रूबिन को 90 मिलियन डॉलर का एग्जिट पैकेज भी मिला था.
गूगल छोड़ने पर एंडी रूबिन के लिए गूगल के मालिकों ने बाकायदा स्पीच दी थी, लेकिन जो गूगल की तरफ से सार्वजनिक नहीं किया गया था वो ये था कि एंडी रूबिन को सेक्शुअल हैरेस्मेंट के लिए दोषी पाया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक एंडी रूबिन पर गूगल की ही एक कर्मचारी ने आरोप लगाया था कि उसके साथ एंडी ने 2013 में जबरन एक होटल रूम में ओरल सेक्स करने की कोशिश की. गूगल की तरफ से बाकायदा जांच की गई थी और पाया गया था कि उस कर्मचारी का आरोप सही था और उस समय तत्कालीन गूगल सीईओ लैरी पेज ने एंडी से इस्तीफा मांग लिया था.
पर आखिर एंडी को इतना बड़ा पैकेज क्यों दिया गया? क्योंकि वो एंड्रॉयड के पिता हैं इसलिए? गूगल ने एक नहीं बल्कि पिछले एक दशक में तीन ऐसे ही सीनियर एक्जिक्यूटिव्स को बचाया है. हर बार कंपनी ने जाने वाले एक्जिक्यूटिव को कई मिलियन डॉलर दिए हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में सिर्फ एंडी का नाम ही सर्वोपरी है. न्यूयॉर्क टाइम्स ने रिपोर्ट में लिखा है कि उनकी तरफ से करीब तीन दर्जन अधिकारियों, पूर्व गूगल कर्मचारियों और मौजूदा कर्मचारियों से बात की गई साथ ही कॉर्पोरेट और कोर्ट के डॉक्युमेंट्स भी देखे गए. इनमें से कुछ ऐसे थे जिनके सामने ही ये मामले हुए थे. इनमें से किसी का भी नाम जाहिर नहीं किया गया.
एंडी रूबिन ने अपने स्टेटमेंट में कहा कि न्यूयॉर्क टाइम्स की स्टोरी गलत है और उन्होंने कभी किसी महिला के साथ ऐसा नहीं किया साथ ही ये भी कहा कि स्टोरी में उनके और गूगल के बारे में गलत लिखा है.
मामला चाहें जो भी हो, लेकिन एक बात तो समझी जा सकती है कि गूगल अपने बड़े कर्मचारियों से डरता आया है और लीगल मामले में फंसना नहीं चाहता, शायद यही कारण रहा है कि कंपनी की तरफ से ऐसे मामलों को दबाया गया जो बहुत ही ज्यादा हाईप्रोफाइल हों. खुद सर्गेई ब्रिन का मामला जिसे मीडिया में इतना उछाला गया उसके लिए भी गूगल की तरफ से बहुत ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं मिली थी.
सुंदर पिचाई के मेल से इतनी बात तो साफ हो गई है कि सेक्शुअल हैरेस्मेंट का केस गूगल में बहुत ही संवेदनशील मामला है और कम से कम ऐसा करने वाला कोई भी गूगल का हिस्सा तो नहीं है.
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