ऐसे पुरुषों के लिए भी लिफ्ट में चढ़ना सेफ नहीं हैं !
लिफ्ट में महिला को अकेला पाकर एक मनचला उसके साथ छेड़खानी करने की कोशिश करने लगा. उसके बाद महिला ने जो उस शख्स के साथ किया उसे दुनिया देख रही है.
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कहते हैं कि महिलाओं के लिए तो हर जगह असुरक्षित होती है, क्या घर...क्या बाहर. वो कहीं भी हों मनचले उन्हें छेड़ने का कोई मौका नहीं छोड़ते. लेकिन जनाब, जमाना बदल रहा है और बदलते जमाने का ट्रेलर तो आप पिछले कुछ दिनों से देख ही रहे हैं. महिलाएं #MeToo की सुनामी लाईं जिसमें अच्छे-अच्छे डूब गए.
महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और शोषण की खबरें तो आप देखते आए हैं, अब देखिए कि वो उसका जवाब कैसे दे रही हैं. एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें एक मनचला लिफ्ट में महिला को अकेला पाकर उसके साथ छेड़खानी करने की कोशिश करने लगा.
लिफ्ट में महिलाओं के साथ ऐसी हरकतें आम हैं
शुरू में तो महिला ने सोचा कि शायद गलती से हो गया होगा और उसे इग्नोर कर दिया. लेकिन जब दूसरी बार मनचले ने अपना हाथ महिला के कंधे पर रखा तो महिला ने अपनी अबला वाली छवि को साइड में रखा और एक जोरदार थप्पड़ घुमा कर उस मनचले के गाल पर रसीद कर दिया. इतना ही नहीं, आगे जो कुछ हुआ उसे देखना काफी दिलचस्प है.
वायरल हो रहा है ये CCTV फुटेज-
He’s lucky she stopped when she did. #Karma pic.twitter.com/mWexZLtZLH
— Darwin Award ???? (@AwardsDarwin) October 19, 2018
उसे ऐसी जगह चोट की, जिसके बाद वो उठने लायक भी न रहा.
कुछ ही साल पहले हम ही ने कहा था कि लिफ्ट जैसी महफूज जगह भी महिलाओं के लिए खतरे से खाली नहीं हैं. क्योंकि तब इसी तरह का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें अकेले लिफ्ट में चढ़ने वाली महिला पर एक पुरुष ने हमला कर दिया था और उसका पर्स छीन लिया था.
ये वारदात लिफ्ट में महिलाओं के साथ होने वाली आपराधिक घटनाओं की चेतावनी देने के लिए काफी थी. लेकिन अब मनचले की पिटाई वाले इस वीडियो को देखकर कहा जा सकता है कि महिलाएं अब जवाब देने लगी हैं. अगर आपको लगता है कि ये भारत की महिला नहीं है इसलिए इतनी दबंग है, तो जनाब इस वीडियो को देख लीजिए. ये नजारा तो भारत का ही है, यहां एक बैंक मैनेजर ने लोन के एवज में एक महिला से शारीरिक संबंध बनाने को कहा था. और फिर जो महिला ने किया वो आपके सामने है.
तो देखा आपने, किस तरह शिकारी खुद शिकार हो रहे हैं. वो जमाना अब धीरे-धीरे पुराना हो रहा है जब महिलाओं के साथ कोई भी मनचला कुछ भी करके निकल जाता था और वो चुप-चाप सब सह जाती थीं. आज आप किसी महिला को हाथ लगाकर देखिए, थप्पड़ से कम वापस नहीं मिलेगा.
वो बात और है कि ऐसी महिलाएं कम हैं जो खुद पर हो रहे अन्याय के खिलाफ तुरंत एक्शन लेती हैं. इनकी संख्या और ज्यादा होनी चाहिए. क्योंकि महिलाओं को हिम्मत देने वाली महिलाएं ही होती हैं. आप #MeToo अभियान से सीख ले सकते हैं. अगर महिलाओं ने खुद पर हुए शोषण के खिलाफ सही समय पर आवाज उठाई होती तो आरोपियों के साथ जो आज हो रहा है वो तभी हो गया होता, सजा समय पर मिल गई होती और इतने बड़े अभियान की जरूरत ही नहीं पड़ती. इसलिए महिलाओं के लिए बेहतर यही है कि वो फैसला 'ऑन द स्पॉट' करें.
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