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समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
अनु रॉय
@anu.roy.31
सीमा हैदर: हर चश्मे से अलग-अलग दिखाई देती है एक ही औरत
आपके लिए सीमा हैदर अली और क्या हैं? बताइए? क्या आपको भी लगता है औरतें चाहे पाकिस्तानी हों या हिंदुस्तानी, अपनी मर्ज़ी से अपनी ज़िंदगी के फ़ैसले लेती है तो उसकी ज़िंदगी उसकी नहीं हो कर टीआरपी और चटखारेदार खबर हो जाती है!
समाज
| 2-मिनट में पढ़ें
अमित पांडेय
आपबीती: दिल्ली मेट्रो की इस 'नाइंसाफी' से पुरुष समाज आहत है!
हम इस बात को नकार नहीं सकते कि उत्पीड़न का सबसे ज़्यादा शिकार इस समाज में महिलाएं होती हैं, और यह सच है, लेकिन यह भी गलत नहीं है कि महिलाएं अपनी आवाज समय-समय पर उठाती रहती हैं. उनके साथ लोग जुड़ भी जाते है, लेकिन पुरुषों के साथ ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है जब कोई पुरुष अपने लिए आवाज उठाता है या लोग उसका साथ देते हैं.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
आनंद प्रधान
Book Review: एक सूरज स्याह सा: अन्तर्मन की कहानियां
Ek Suraj Syah Sa Book Review : 'एक सूरज स्याह सा: अन्तर्मन की कहानियां' किताब उन घर-परिवारों की कहानियां अपने में समेटे है जहां महिला किरदार अदृश्य नहीं हैं और चुपचाप एक बड़े बदलाव को रच-गढ़ रही हैं.
सियासत
| 7-मिनट में पढ़ें
अमरपाल सिंह वर्मा
@10228302757341381
'गूंगी गुड़ियाओं' की बदौलत अब गांवों की तस्वीर बदल रही है
पंचायती राज के विकास में महिलाओं की भूमिका पुरुषों से किसी रूप में कम नहीं है, यह आभास अब किया जा सकता है। महिला जन प्रतिनिधियों ने न केवल सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाई है, वहीं भ्रगष्टाचार के खिलाफ सीना तानकर खड़ी हुईं।
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
सुप्रीम कोर्ट के बदले रुख से स्पष्ट है, गे कपल की विवाह की चाहत अधूरी ही रहेगी...
हां, सामाजिक संरचना में समलैंगिकों को वे सहूलियतें ज़रूर मिल जायेंगी जिनसे वे वंचित हैं. ऑन ए लाइटर नोट कहें, अन्यथा न लीजिएगा, साजन बिना सुहागन ही सुहाग के फायदे मिल जाएंगे. बिलकुल 'ना' से तो थोड़ा 'हां' हो रहा है तो फ़िलहाल संतोष करें.
सियासत
| 3-मिनट में पढ़ें
नवेद शिकोह
@naved.shikoh
बीवियों को किनारे करने में तो जीत ही जाएंगी सपा की वंदना...
राजधानी लखनऊ मेंमेयर सीट के लिए सपा ने कमजोर समाज की मजबूत आवाज़ बनने वाली वंदना मिश्रा को अपना प्रत्याशी घोषित करने के बाद भाजपा की मुश्किल बढ़ा दी हैं. वंदना ब्राह्मण हैं और भाजपा इस जाति के वोट को अपना सुरक्षित वोट मानकर यूपी में पिछड़ी जातियों के चेहरों को एहमियत ज्यादा देती रही है.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
मां को इन बातों के लिए कभी सॉरी नहीं बोलना चाहिए
मां अपने लिए कुछ करना तो दूर सोचना नहीं जानतीं. उनकी पहचान भी उनके बच्चों के नाम से हो जाती है. कई लोग तो उनका नाम तक नहीं जानते. वे सिर्फ फलाने की बहू, सलाने की पत्नी तो चिंटू की मम्मी कहलाने लगती हैं. ऐसा लगता है कि उनका कोई शौक ही नहीं है.
ह्यूमर
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
कान पर रीछ जैसे बाल और फिर धोखे से 27 औरतों से शादी... सच बात है, पैसे में दम तो बहुत है!
ओडिशा के फर्जी डॉक्टर ने क्या किया, क्या नहीं वो एक अलग बात है. मगर उन 27 औरतों के जज्बे को जरूर सलाम रहेगा जिन्होंने इससे शादी की. कमाल की बात ये है कि इन औरतों को रुपए तो दिखे लेकिन डॉक्टर साहब के कान पर रीछ की तरह लगे बाल नहीं. क्लियर हो गया पैसा ही बोलता है. पैसे में ही दम है.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
दिल्ली मेट्रो गर्ल ने जो चाहा था उसे मिल गया, हमने और आपने ही मदद की है!
दिल्ली मेट्रो गर्ल रिदम अब फेमस हो चुकी हैं. गूगल पर उनके बारे में खोजा जा रहा है. उनके नाम के कीवर्ड्स मौजूद हैं. लोग उन्हें इंस्टाग्राम पर फॉलो कर रहे हैं. इंस्टाग्राम से उनकी तस्वीरें और वीडियो निकालकर वायरल कर रहे हैं. लोग उन्हें देखना चाहते हैं...यानि छोटे कपड़े पहनकर वे जो करना चाहती थीं वो देर सबेर हो ही रहा है.