'जख्मी जूतों के अस्पताल' बनाकर आनंद महिंद्रा ने कमाल ही कर दिया
एक ऐसे वक़्त में जब लोग पांच मिनट पहले कही बात भूल जाते हैं आनंद महिंद्रा का अपनी बात याद रख जख्मी जूतों का अस्पताल बनवाना उनकी सोच दर्शाता है.
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बात 17 अप्रैल 2017 की है. ट्विटर की गलियों में रोजाना की तरह कोलाहल था. 10-12 ट्रेंड थे. जिनपर लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे और अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहे थे. तभी वो हुआ जिसपर शायद ही कोई यकीन करे. महिंद्रा ग्रुप के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने एक मोची की फोटो शेयर की.
जिस फोटो को आनंद महिंद्रा ने शेयर किया था वो हरियाणा की फोटो थी
फोटो नस्सी राम नाम के एक मोची की दुकान की फोटो थी. नस्सी राम ने जिस तरह से अपनी दुकान के प्रचार प्रसार के लिए बैनर बनवाया था उसने न सिर्फ लोगों का ध्यान खींचा बल्कि आनंद महिंद्रा तक को सोचने पर मजबूर कर दिया कि कोई आदमी कैसे इतना रचनात्मक हो सकता है. इस बैनर के पीछे का आईडिया इतना बेमिसाल था कि इसे आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया और कहा कि इस आदमी को इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट जैसे संसथान में मार्केटिंग पढ़ानी चाहिए.
This man should be teaching marketing at the Indian Institute of Management... pic.twitter.com/N70F0ZAnLP
— anand mahindra (@anandmahindra) April 17, 2018
ये ट्वीट आनंद महिंद्रा ने 8:47 AM - 17 अप्रैल 2018 को सुबह 8 बजकर 47 मिनट पर किया था. इस ट्वीट पर चर्चा का दौर चल ही रहा था कि उसी दिन फिर सुबह 10 बजकर 1 मिनट पर उनका दूसरा ट्वीट आया. आनंद महिंद्रा का ये ट्वीट भी उसी तस्वीर के सम्बन्ध में था. इस ट्वीट में आनंद महिंद्रा ने कहा कि उन्हें ये तस्वीर किसी ने व्हाट्सएप पर मैसेज की थी और उन्हें इस बात का कोई अंदाजा नहीं है कि मोची कहां है और ये तस्वीर कितनी पुरानी है.
उस ट्वीट में आनंद महिंद्रा ने लोगों से पूछा था कि अगर उस मोची की दुकान अब भी है और वो काम कर रहा है तो वो उसके बिजनेस में इन्वेस्ट करके उसके स्टार्ट अप को आगे बढ़ाएंगे. आनंद महिंद्रा के इस ट्वीट पर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यदि वो वाकई इस दिशा में गंभीर हैं तो वो लोग भी आनंद महिंद्रा की मदद करना चाहेंगे.
Got it on whatsapp. No clue who or where he is or how old this pic is. If anyone can find him and he’s still doing this work I’d like to make a small investment in his ‘startup’. https://t.co/A8kdJTvAN1
— anand mahindra (@anandmahindra) April 17, 2018
ये पूरी बात 17 अप्रैल 2017 की है आज 1 अगस्त 2018 है. इस बात को हुए एक लम्बा वक़्त बीत गया है और जैसा सोशल मीडिया का दस्तूर है सोशल मीडिया की बातें सोशल मीडिया तक ही सीमित रह जाती हैं. आज फिर महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने हमारे होश फाख्ता कर दिए हैं. उन्होंने फिर उसी मोची और उसकी दुकान को लेकर ट्वीट किया है. आज अपने टि्वटर हैंडल पर उन्होंने नरसी राम के इस 'हस्पताल' के लिए चलती-फिरती दुकान का वीडियो शेयर किया है और अप्रैल की वो घटना याद दिलाई है.
Remember the cobbler Narsi Ram with the innovative banner ‘Zakhmi Jooton Ka Hospital?’ Our team had contacted him & conveyed my interest to invest in him.He said he wanted a good kiosk. This is what our Design studio in Mumbai came up with:Great work guys! Will be delivered soon pic.twitter.com/wDgKDPoeHr
— anand mahindra (@anandmahindra) August 1, 2018
आपको बताते चलें कि आनंद महिंद्रा ने अपनी कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा की डिजाइन लैब को नरसी राम के जूतों का अस्पताल बनाने की का काम सौंपा था. कंपनी के इंजीनियरों ने एक महीने के भीतर इस काम को पूरा कर दिखाया. ध्यान रहे कि नरसी राम के इस 'अस्पताल' में जूते रखने के लिए पर्याप्त जगह है. साथ ही जूतों की मरम्मत कराने आए लोगों के बैठने के लिए बेंच का भी इंतजाम किया गया है. इसके अलावा इसमें जूतों की मरम्मत के दौरान उपयोग में लाए जाने वाले सामान रखने के लिए इसमें ढेर सारे सेल्फ भी बनाए गए हैं.
गौरतलब है कि ऐसा पहली बार नहीं है कि आनंद महिंद्रा ने किसी बिजनेस आइडिया को प्रोत्साहन दिया है. इससे पहले भी उन्होंने यूनिक और इनोवेटिव बिजनेस आइडिया को प्रोत्साहित करने का काम किया है. आनंद महिंद्रा ने इससे पहले बोलेरो को फूड ट्रक के रूप में चलाने वाली एक महिला को बोलेरो गिफ्ट किया था. वहीं, एक ऑटो ड्राइवर ने जब अपने ऑटो को महिंद्रा की 'स्कॉर्पियो' का लुक दिया था तब भी आनंद महिंद्रा ने ऑटो वाले की क्रिएटिविटी की तारीफ की थी.
आनंद महिंद्रा का ये प्रयास वाकई हैरान करने वाला है. ऐसा इसलिए क्योंकि एक ऐसे वक़्त में जब सोशल मीडिया पर की गई बातें और कसमे वादे सोशल मीडिया तक ही सिमट कर रह जाते हैं. ऐसे में आनंद महिंद्रा जैसी शख्सियत का नरसी राम के अस्पताल को याद रखना. उस दिशा में काम करना बताता है कि उन्हें मेहनत और टैलेंट की कद्र है.
कहना गलत नहीं है कि आनंद महिंद्रा ने इस वीडियो के माध्यम से उन लोगों को एक बड़ा सन्देश दिया है जिनके पास बड़ी-बड़ी बातें तो है मगर जब बात कुछ करने की आती है तो वो हाथ पीछे खींच लेते हैं. आनंद के इस ट्वीट से एक बात ये भी साफ है कि वो केवल उसी की मदद करेंगे जो अपनी मदद खुद करेगा और जिसके पास सकारात्मक विचार होंगे.
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