#Metoo : यौन-शोषण से बचने के लिए महिलाएं रोज करती हैं ये 34 जतन
MeToo की बात करें तो ऐसा नहीं है कि सिर्फ काम के दौरान ही महिलाओं के साथ शोषण किया जाता है. बल्कि सच्चाई तो ये है कि खुद को बचाए रखने की पहली कोशिश सुबह से शुरू हो जाती है.
-
Total Shares
लड़कियां अब तक चुप रहीं, लेकिन अब आवाज उठा रही हैं. अब तक दर्द सह चुकी तमाम महिलाएं MeToo के जरिए अपने शोषण करने वालों के खिलाफ आवाज उठा रही हैं. पर ऐसा नहीं है कि सिर्फ काम के दौरान ही उनके साथ शोषण किया जाता है. बल्कि सच्चाई तो ये है कि खुद को बचाए रखने की पहली कोशिश सुबह से शुरू हो जाती है, जब नहा धोकर कपड़े पहने जाते हैं. घर से बाहर निकल रही हैं तो क्या पहनकर निकलें कि लोग न घूरें और न छेड़ें, ये उसी बचाव का हिस्सा है. फिर सड़क पर कैसे चल रही हैं. ऑफिस पहुंचने के लिए क्या साधन ले रही हैं. लौटते वक्त अंधेरा ज्यादा न हो जाए, मेट्रो जल्दी आ जाए, घर तक जाने के लिए पैदल चलूं या रिक्शा ले लूं, ऑटो लिया तो भी सारा ध्यान ऑटोवाले की गतिविधियों पर लगाए रखना...ये सारे सवाल और ख्याल आते ही इसलिए हैं कि एक महिला खुद को बचाना चाहती है और हर कदम पर उसे इन्हीं चीजों से जूझते रहना होता है.
ये कैसी आजादी है?
एक सोशल रिसर्चर जैकसन काट्ज़ ने इसी बात को समझने और समझाने के लिए पुरुषों और महिलाओं से एक ही सवाल किया कि- रोजाना खुद को यौन शोषण से बचाने के लिए आप क्या करते हैं. और दोनों के जवाबों में जो अंतर दिखाई दिया वो वास्तव में डरावना था. इस रिसर्च के नतीजे लेखक जेनिफर राइट ने ट्विटर पर शेयर किए हैं. पुरुषों और महिलाओं ने जो लिस्ट बनाई उसे देखकर सभी दंग हैं-
Jackson Katz, a social researcher, asked men what they do on a daily basis to avoid being sexually assaulted. Then he asked women. pic.twitter.com/GjniLR4iIZ
— Jennifer Wright (@JenAshleyWright) September 30, 2018
खुद को यौन शोषण से बचाने के लिए आप क्या करते हैं का जवाब जो पुरुषों ने दिया, वो एक ही लाइन में सिमट गया- 'कुछ नहीं, मैं इसके बारे में सोचता ही नहीं'. जबकि महिलाओं ने 34 बातें ऐसी लिखीं जो वो खुद को बचाने के इरादे से करती हैं. वो कुछ इस तरह से हैं-
1. अपनी चाबी को एक संभावित हथियार की तरह पकड़ती हूं.
2. कार में बैठने से पहले बैकसीट जरूर चेक करती हूं.
3. हमेशा फोन साथ रखती हूं.
4. रात को जॉगिंग के लिए नहीं जाती.
5. चाहे कितनी भी गर्मी क्यों न हो, रात को खिड़कियां बंद करके ही सोती हूं.
6. इस बात का ध्यान रखती हूं कि ज्यादा न पियूं.
7. अपनी ड्रिंक को कभी नीचे नहीं रखती.
8. हमेशा अपनी ड्रिंक को बनते हुए देखती हूं.
9. एक बड़ा कुत्ता पाला है.
10. हमेशा पेपर स्प्रे साथ रखती हूं.
11. एक अनलिस्टिड नंबर रखती हूं.
12. अपनी आन्सरिंग मशीन पर पुरुष की आवाज़ लगाती हूं.
13. गाड़ी हमेशा रौशनी वाली जगह पर ही पार्क करती हूं.
14. पार्किंग के लिए कभी गैरेज का इस्तेमाल नहीं करती.
15. किसी भी पुरुष के साथ या पुरुषों के समूह के साथ एलिवेटर पर नहीं चढ़ती.
16. काम से घर आने के रास्ते बदलती रहती हूं.
17. हमेशा ध्यान रखती हूं कि मैं क्या पहन रही हूं.
18. हाइवे पर रुकने के स्थानों पर नहीं रुकती.
19. होम अलार्म सिस्टम का इस्तेमाल करती हूं.
20. जॉगिंग के वक्त हेडफोन्स नहीं पहनती.
21. दिन के वक्त भी जंगली इलाकों को एवॉयड करती हूं.
22. वो घर किराए पर नहीं लेती जिसमें एक फ्लोर और होता है.
23. हमेशा ग्रुप में ही बाहर निकलती हूं.
24. गन (हथियार) साथ रखती हूं.
25. किसी पुरुष के साथ पहली डेट के लिए किसी सार्वजनिक स्थान पर ही जाती हूं.
26. कोशिश करती हूं कि किराए पर कैब ले लूं.
27. सड़क पर मिलने वाले पुरुषों से आंख तक नहीं मिलाती.
28. पुरुषों को उस नजर से नहीं देखती जो स्वीकारात्मक लगे.
29. हमेशा ध्यान रखती हूं कि मेरे परिवार को मेरे आने-जाने के बारे में सब पता हो.
30. अपने खिड़की दरवाजों पर एक्सट्रा ताले लगाती हूं.
31. इस बात का ध्यान रखती हूं कि मेरे गैरेज के दरवाजे बंद रहें जब तक मैं ड्राइव कर रही हूं.
32. इस बात का ध्यान रखती हूं कि मेरे गैरेज के दरवाजे मेरे कार से उतरने से पहले तक बंद ही रहें.
33. बाहर की लाइटें सारी रात खुली रखती हूं.
34. कार में बैठते ही कार के दरवाजे लॉक कर लेती हूं.
तो ये हैं महिलाओं की वो कोशिशें जो अपने बचाव के लिए हर रोज की जाती हैं. और सबसे खास बात ये है कि पुरुष इस बारे में सोचते तक नहीं हैं- खुद को लिए तो सवाल ही नहीं उठता क्योंकि उन्हें यौन शोषित होने का डर ही नहीं है, और महिलाओं के लिए सोचेंगे ही क्यों. आप किसी भी महिला से पूछ लें, इस 34 सूत्रीय रणनीति का 90 प्रतिशत हर महिला प्रयास करती रही है. और एक बात खास ये भी है कि इन बातों में ज्यादातर वो हैं जो हर महिला को उसकी मां समझाइश के तौर पर बताती आई हैं. ये आज नहीं हो रहा है, बल्कि इसी तरह चला आ रहा है. बस चूंकि अब महिलाओं का दायरा बढ़ रहा है इसलिए बचाव के सूत्र भी बढ़ते चले जा रहे हैं.
अजीब लगता है कि समाज महिलाओं को आजादी तो देता है, लेकिन पुरुषों को महिलाओं के प्रति अपना नजरिया बदलने की समझाइश नहीं देता. लड़कियां आज आज़ाद हैं कहने-सुनने में अच्छा लगता है. लेकिन उनकी जिंदगी का सच यही है कि उनके लिए जिंदगी जीने का मतलब खुद को छेड़छाड़ या रेप होने से बचाते रहना है. किसी महिला के साथ किसी दिन छेड़छाड़ न हो या वो सुरक्षित रह जाए तो वाकई वो खुशकिसमत है, और यही उसके लिए सबसे बड़ी उपलब्धि भी. आजादी देनी है तो इस जद्दोजहद से भी दो जिससे हर लड़की को हर रोज जूझना होता है.
ये भी पढ़ें-
10 साल बाद तनुश्री का वायरल हुआ वीडियो बताता है कि बॉलीवुड में सब कुछ दिखावा है..
आपकी राय