दिमाग की गंदगी साफ कीजिए !
आप क्यों भूल रहे हैं कि एक आदमी को बदनाम करते हुए हम एक महिला को भी उस कीचड़ मे घसीट रहे हैं ? मेरी नज़र में ऐसे लोग ज्यादा बड़े रेपिस्ट हैं जो इस तस्वीर में अपनी कुंठित मानसिकता का एहसास करा रहे हैं.
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क्या जानते हैं इस तस्वीर के बारे में ? दो दिन से देख रही हूं, यह तस्वीर सोशल साइट्स पर वायरल हो रही है और मेरी नजर स्वामी रामदेव से ज्यादा इस महिला के ऊपर ठहरती है. मैं सोचती हूं कि रेपिस्ट राम रहीम ही क्यों ? वो लोग क्यों नहीं जो ऐसी हरकत करते हैं, बिना सोचे समझे कुछ भी लिखते और शेयर करते हैं.
मज़ा आ रहा है न, कुंठा फूटफूटकर निकालने में !! एक औरत की छाती का दूध पीकर हम सब बड़े होते हैं, और बिन सोचे समझे हम उसकी इस छवि का भी अपमान करते हैं. हर बात पर बोलते है मां का दूध पीया है ? पिया है मां का दूध ?उसके बाद हम इस तस्वीर के मजे ले सकते हैं ?
जवाब दीजिए...
बाबा रामदेव और इस महिला की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है
मैंने अपनी मां का दूध पिया है और इसलिए इस तस्वीर में एक औरत के चरित्र हनन का विरोध कर रही हूं. मजा लेना है आपको तो उस अस्पताल चले जाइए, जहां इस औरत के कैंसर का इलाज चल रहा है और इसने इसके लिए योग का सहारा भी लिया है. सुना है मैंने असहनीय दर्द होता है कैंसर में, पर वो सहन करेगी क्योंकि वो मां है. दो छोटे बच्चे है जिनके लिए यह जीना चाहती है.
सही लिखा आपने अगला नम्बर इसका. वो कैंसर से भले ही न मरे पर आपकी इस हरकत से जरूर मर जाएगी. कीमोथैरेपी की जरूरत आपको है इसको नहीं.
और एक बार को भी मान लें कि यह एक तस्वीर है, पर आपको इसमें क्या खराब लग रहा है, एक पिता भी, भाई भी तो हो सकता है इस भाव में, क्या आप अगर ऐसी तस्वीरें खिंचवाते है तो मन मे वासना रखते हैं, तभी तो आपने ऐसा सोचा होगा.
जुबान में हड्डी नहीं तो कैसे भी घुमा देंगे, उंगलियों मे लगाम नहीं तो बेलगाम हो जाएगी. साहेब शर्म कीजिए, जो लोग भी इस तरह की हरकत कर रहे हैं वो सोचिए क्या सबूत है इस तस्वीर की सच्चाई का, और क्या खराब है इसमें ?
कोई आधार है कि इसमे कुछ गंदा हो रहा है. पता किया कि ये तस्वीर किसकी है ? आपको रामदेव बाबा से परेशानी होगी तो इमानदारी से तथ्य तलाशने की कोशिश कीजिए और दुनियाभर के आगे रखिए. हिम्मत है तो इमानदारी की पत्रकारिता कीजिए, यह मेरी नज़र में बेहूदगी है.
व्यंग्य का भी एक स्तर होना चाहिए !! आप जानते हैं इस महिला का भी एक परिवार होगा, बच्चे होंगे, पति होगा, समाज होगा. क्या कर रहे हैं आप. फेसबुक आपके गली मोहल्ले में नहीं चलता, पूरी दुनिया मे चलता है, देखा जाता है पढा जाता है.
क्यों न अगला नम्बर आपको जूते लगाने का हो साहेब ? क्यों न आप पर मानहानि का मुकदमा हो ? आप क्यों भूल रहे हैं कि एक आदमी को बदनाम करते हुए हम एक महिला को भी उस कीचड़ मे घसीट रहे हैं ? अगर आपके पास तथ्य है तो आप पुलिस के पास मामला दर्ज कीजिए, कोर्ट जाइए, वरना देश के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिख दीजिए. न्याय का आधार होता है, तथ्य होते हैं पर क्या इस विरोध का आधार है ? तथ्य है ? पर यह क्या है ?
मेरी नज़र में ऐसे लोग ज्यादा बड़े रेपिस्ट हैं जो इस तस्वीर में अपनी कुंठित मानसिकता का एहसास करा रहे हैं. शर्म कीजिए और अपनी बेटी, पत्नी और मां की तरफ देखकर इस महिला की तस्वीर देखिए. फिर जमीर पर हाथ रखकर सोचिए शेयर का बटन दबाएं कि नहीं. एक खत ने रामरहीम गुरमीत की यह हालात कर दी आपके पास सुबूत है तो आप भी खत लिखिए और रामदेव बाबा के लिए, लड़ाई लड़िए. पर ये क्या ?
आप जानते हैं ये कल आपके साथ भी हो सकता है. सोशल मीडिया का मतलब ये नहीं कि आपकी और हमारी नैतिकता मर जाए. और हम कुछ भी उलटियां करें. एक काम कीजिए अपनी बेटी को साथ बैठाकर एक ऐसी सेल्फी या तस्वीर लीजिए अभी, और बिना कुछ लिखे डाल दीजिए फिर एक भी अश्लील और अशोभनीय टीका टिप्पणी आपको इस तस्वीर को शेयर करने का एहसास करा देगी. कल आपकी भी कोई साधारण सी तस्वीर कोई कुछ भी लिखकर वायरल कर देगा तब आप क्या करेंगे ?
शर्म कीजिए यह एक औरत की तस्वीर है.
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