क्या वाकई यह फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन है?
यह कोई पहला मामला नहीं है जब देश में फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन के नाम पर देश में विवाद हुआ हो. हमारा संविधान जरूर हमें फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन का अधिकार देता है, मगर क्या इसकी आड़ में किसी का अपमान सही है?
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एआईबी ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर के साथ डॉग फ़िल्टर लगा कर पोस्ट किया था जिसके बाद एआईबी और तन्मय भट्ट को काफी खरी खोटी सुननी पड़ी और इसी मामले में उनपर एफआईआर भी दर्ज की गयी. इस घटना के बाद तन्मय भट्ट और एआईबी के समर्थन में कई लोग आ गए, इसमें फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के अलावा कई दलों के नेता भी शामिल हैं.
कांग्रेस के शशि थरूर और संजय झा ने भी अपनी तस्वीरों में डॉग फ़िल्टर लगा कर उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. एआईबी के समर्थन में आए लोगों का कहना है कि एआईबी के खिलाफ एफआईआर फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन पर रोक लगाने जैसा है, मगर क्या तन्मय भट्ट के मज़ाक़ को फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन के दायरे में रखा जा सकता है?
Attn all trolls: I took the #DogFilter challenge! @AllIndiaBakchod pic.twitter.com/0lmClCS7CF
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) July 15, 2017
I love dogs; and you? #DogFilter @AllIndiaBakchod pic.twitter.com/nKl7vupl2q
— Sanjay Jha (@JhaSanjay) July 15, 2017
यह कोई पहला मामला नहीं है जब देश में फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन के नाम पर देश में विवाद हुआ हो. देश में अकसर इस मुद्दे पर विवाद होता रहा है. हमारा संविधान जरूर हमें फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन का अधिकार देता है, मगर क्या इसकी आड़ में किसी का अपमान सही है?
Got back to @Snapchat just for their controversial #filters . Inspired by @quizderek ;) chill people, this is fun, not blasphemy! pic.twitter.com/ihuFyP6LIg
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) July 15, 2017
एआईबी की पोस्ट के बाद काफी लोग तर्क देते नजर आ रहे हैं कि इसमें कोई बुराई नहीं है. मगर देश के प्रधानमंत्री के लिए इस तरह के पोस्ट को अपमानजनक कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए. मज़ाक और किसी के अपमान में बहुत फर्क होता है और शायद यह फर्क एआईबी को समझ में आए इसकी भी उम्मीद नहीं करनी चाहिए. क्योंकि एआईबी का मक़सद ही लोगों के चरित्र हनन और गन्दी गलियों द्वारा मनोरंजन करने का है, और एआईबी लोगों के बीच विवाद के कारण ही चर्चा में भी आया था.
क्या सोनिया गांधी की तस्वीर डॉग फिल्टर के साथ लगाएंगे शशी थरूर?
कांग्रेस के नामी नेताओं ने एआईबी के समर्थन में अपनी तस्वीरें तो डॉग फिल्टर के साथ लगा दीं, लेकिन इस बात से इत्तेफाक न रखने वालों का एक सवाल सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया कि अगर ये फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन है तो क्या शशि थरूर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तस्वीर के साथ डॉग फिल्टर लगाएंगे?
Hi @ShashiTharoor. Post an image of Ms Sonia Gandhi with the #DogFilter. If you do, I PROMISE: I will join @INCIndia. As a worker. Tomorrow.
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) July 15, 2017
If Shashi ji posts pics of Rahul ji & Sonia Ji with dog filter
— Sarsij Nayanam (@sarsij) July 15, 2017
Well done maam,but this is not how it works. AIB guy didn't use the filter on his own image.You are supposed to do this on Sonia G's image.
— Raju Das | ৰাজু দাস (@rajudasonline) July 15, 2017
मगर शशि थरूर जैसे पढ़े लिखे नेता से तो इस बात की उम्मीद की ही जानी चाहिए कि अगर वो इस तरह की चीजों का विरोध नहीं कर सकते तो कम से कम इनका समर्थन तो ना ही करें. बेशक एआईबी के ऊपर की गयी एफआईआर पर चर्चा की जा सकती है, मगर एआईबी के पोस्ट को हल्का फुल्का मज़ाक कहना कहीं से भी तर्कसंगत नहीं लगता, एआईबी की फूहड़ता हो सकता कि कुछ लोगों को अच्छी लगे, मगर देश के सम्मानित पदों पर बैठे लोगों के लिए इस तरह की फूहड़ता को फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन का नाम देकर नकारा नहीं जा सकता.
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