जानवरों के लिए राखी का भाव हर राखी हमारी प्रकृति-प्रवृत्ति में शामिल हो
बीमार तेंदुए को राखी बांधती एक महिला की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है. तस्वीर राजस्थान की बताई जा रही है जिसे लेकर तरह तरह की बातें हो रही हैं. अब जबकि तस्वीर हमारे सामने है तो कहा यही जा सकता है कि जानवरों के लिए राखी का भाव सिर्फ इस राखी नहीं बल्कि हर राखी हमारी प्रकृति और प्रवृत्ति में शामिल हो.
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ट्विटर पर आईएफएस सुशांत नंदा द्वारा पोस्ट की गयी एक तस्वीर, जंगल में लगी आग की तरह शेयर की जा रही है. फोटो कई मायनों में खास है. वायरल तस्वीर में रक्षाबंधन को सेलिब्रेट करते हुए दिखाया गया है. हो सकता है कि इतना सुनकर कोई तस्वीर को लेकर सवाल कर दे. कह बैठे कि, रक्षाबंधन तो पूरे देश में सेलिब्रेट किया जा रहा है. फिर पोस्ट की गयी तस्वीर को वायरल करने की वजह? सवाल सही है. तस्वीर क्यों वायरल हुई? वजह इंसान नहीं बल्कि जानवर हैं. असल में राजस्थान में एक महिला ने तेंदुए को राखी बांधी है. महिला का ये अंदाज लोगों को भा गया है और प्रतिक्रियाओं और उनपर विमर्श की शुरुआत हो गयी है. तस्वीर के मद्देनजर हर आदमी की अपनी दलीलें हैं जो खासी दिलचस्प हैं.
राजस्थान में रक्षाबंधन पर तेंदुए को राखी बांधती महिला ने गज़ब का मानवीय पक्ष रखा है
तस्वीर पोस्ट करते हुए आईएफएस सुशांत नंदा ने इस बात पर प्रमुखता से बल दिया है कि कैसे इंसान और पशु एक साथ सद्भाव से रहते हैं. अपने ट्वीट में सुशांत ने लिखा है कि “युगों से, भारत में मनुष्य और जानवर जंगली के लिए बिना शर्त प्यार के साथ रहते आए हैं. राजस्थान में, एक महिला वन विभाग को सौंपने से पहले एक बीमार तेंदुए को राखी (प्यार और भाईचारे का प्रतीक) बांधकर हमारे जंगली जानवरों के प्रति निष्काम प्रेम को दिखाती है.
For ages, man & animal in India have lived in harmony with unconditional love to the wild.In Rajasthan, a lady shows this unfettered love to our wild by tying a Rakhi(symbol of love & brotherhood ) to an ailing Leopard before handing over to Forest Department. (As received) pic.twitter.com/1jk6xi1q10
— Susanta Nanda IFS (@susantananda3) August 12, 2022
गुलाबी साड़ी पहने हुए महिला ने जिस तरह बीमार तेंदुए के प्रति अपना प्रेम जाहिर किया है वो दिल को छू लेने वाला है. कोई कुछ कहे लेकिन अब जबकि ये तस्वीर हमारी आंखों के सामने है. तो कहा यही जाएगा कि असल जीवन में होना कुछ कुछ ऐसा ही चाहिए. राजस्थान से आई इस तस्वीर को देखकर हमें इस बात को भी समझना चाहिए कि दुनिया सिर्फ इंसानों के लिए नहीं है. ईश्वर ने जानवरों का भी निर्माण किया है और हमें हमें जंगलों और वन्य जीवन के साथ सह-अस्तित्व की जरूरत है.
तस्वीर वायरल होने के बाद, कुछ दलीलें ऐसी भी हैं, जिसमें कहा गया है कि तेंदुए जैसे खतरनाक जीव को राखी बांधकर महिला ने अपने साथ साथ मौके पर खड़े अन्य लोगों की जान जोखिम में डाली है. यानी जो कुछ भी महिला ने किया. वो सही नहीं है और उसे किसी सूरत में जस्टिफाई नहीं किया जा सकता.
सच में लोगों के ऐसे 'भोलेपन' पर तो कभी कभी सदके जाने का मन करता है. सवाल ये है कि राखी बंधाते तेंदुए को लेकर इतना हो हल्ला करना ही क्यों है? तेंदुआ एक खतरनाक जीव है. उसने अपने इस गुण को हमेशा ही बरक़रार रखा. अपने स्वाभाव के प्रति न तो उसने कभी छल कपट किया और न ही इसके खिलाफ कोई कैम्पेन चलाया. वो हम ही थे जो एक तरफ जानवरों का शिकार कर रहे थे तो दूसरी तरफ सेफ एनिमल्स की तख्ती अपने अपने गले में टांगकर उनके और पर्यावरण के संरक्षंण की बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थे.
विषय बहुत ज्यादा सीधा और स्पष्ट है. 'स्वाभाव' के मद्देनजर दोहरापन सदैव हमारी, हम इंसानों की फितरत रहा है. जानवर सदैव उससे परे रहे हैं. जानवरों ने कभी हमारे साथ धोखा नहीं किया न ही कभी उन्होंने हमसे कहा कि उनका चाल, चरित्र और चेहरा अलग है.
बहरहाल विषय क्योंकि राजस्थान की महिला द्वारा तेंदुए को राखी बांधना है. तो हम बस ये कहकर अपनी बातों को विराम देंगे कि कुछ इंसान अगर राखी जैसे त्योहार को जानवरों के साथ मना रहे हैं तो हमारी भी यही कामना है कि जानवरों के लिए राखी का भाव सिर्फ इस राखी नहीं बल्कि हर राखी हमारी प्रकृति और प्रवृत्ति में शामिल हो.
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