स्टूडेंट्स पर पोलैंड के राजदूत को आड़े हाथों ले प्रियंका ने नेता होने का फर्ज निभा दिया!
Russia-Ukraine Conflict: यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के लिए एक नेता के रूप में प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्विटर पर भारत में पोलैंड के राजदूत के साथ वही किया जिसकी उम्मीद उनसे की जा रही थी. भले ही इन ट्वीट्स को लेकर आलोचक प्रियंका की खिल्ली उड़ाएं लेकिन प्रियंका ने अपना काम कर दिया है.
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एक आम भारतीय के अपने संघर्ष हैं. अपनी चुनौतियां हैं. ये पंक्ति ही वो प्राथमिक कारण है जिसके चलते अब तक यूक्रेन-रशिया की लड़ाई में क्या हुआ? क्या नहीं हुआ आम भारतीय जन मानस ने उसकी कोई विशेष सुध नहीं ली. अब क्योंकि कहा यही गया है कि मुसीबत तब तक मुसीबत नहीं है जब तक खुद पर न आए. जब मीडिया के जरिये ये पता चला कि रूस- यूक्रेन की जंग में हजारों हजार भारतीय जिंदगियां भी दांव पर लगी हैं ( वो जो यूक्रेन रह रहे हैं और पढ़ाई कर रहे है) सोये हुए भारतीय जागे. लगातार मांग यही हो रही है कि सरकार तेजी दिखाए और उन छात्रों को सुरक्षित स्वदेश लाए जो इन मुश्किल हालात में वहां (यूक्रेन में) फंसे हैं. ध्यान रहे यूक्रेन में रूसी हमले तेज हुए हैं और खारकीव में एक भारतीय छात्र की मौत हो गई है. रूसी बमबारी में मरे भारतीय छात्र की मौत को विपक्ष एक बड़ा मुद्दा बना रहा है और सरकार पर हमलावर है. वहीं जो खबर सरकार की तरफ से आ रही है बताया यही जा रहा है रूस और यूक्रेन में फंसे भारतीयों के लिए सरकार गंभीर है और उसके लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं.
भारतीय छात्रों के मद्देनजर ट्विटर पर शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी और भारत में पोलैंड के राजदूत के बीच जबरदस्त बहस हुई है
मामले पर जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय ने बताया है कि यूक्रेन से अब तक छह उड़ानों के ज़रिए 1,400 भारतीय नागरिकों को निकाला जा चुका है. मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अभी बीते दिनों एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस की है जिसमें उन्होंने बताया कि चार उड़ानें बुखारेस्ट (रोमानिया) और दो उड़ानें बुडापेस्ट (हंगरी) से भारत आई हैं.
ये रेस्क्यू ऑपरेशन सरकार के लिए कितना जटिल है इसका अंदाजा अरिंदम बागची की उस बात से लगाया जा सकता है जिसमें उन्होंने कहा है कि लोगों को निकालने की कोशिशों के दौरान ज़मीन पर परिस्थितियां बेहद जटिल और चिंताजनक हैं. वहीं उन्होंने ये भी कहा कि इस प्रक्रिया में तेज़ी लाई जा रही है.
भले ही यूक्रेन में फंसे छात्रों के लिए सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही हो लेकिन शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी को दाल में काला नहीं बल्कि पूरी दाल ही काली नजर आ रही है. प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्विटर पर सरकार की नीयत पर सवाल उठाए हैं. प्रियंका को अपने सवालों का जवाब मिलता उससे पहले ही उन्हें भारत में पोलैंड के राजदूत ने आड़े हाथों ले लिया फिर ट्विटर पर ट्वीट्स की बरसात हो गयी. प्रियंका के अपने तर्क थे, भारत में पोलैंड के राजूदत एडम बुराकोव्स्की के अपने.
दरअसल शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी यूक्रेन में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स की समस्याओं को बड़ा मुद्दा मान रही हैं और यही वो कारण है जिसके चलते वो लगातार इस मुद्दे को ट्विटर पर खूब तबियत से उछाल रही हैं और मदद की गुहार लगा रही हैं. बीते दिन प्रियंका ने पोलैंड और लिथुआनिया के दूतावास और भारतीय विदेश मंत्रालय को टैग करते हुए एक ट्वीट किया.
अपने ट्वीट में प्रियंका ने लिखा कि,' नमस्ते @IndiainPoland, बहुत से भारतीय स्टूडेंट्स को पोलैंड में घुसने से रोक दिया गया है. कुछ स्टूडेंट्स को, जिन्हें कल (रविवार को) अनुमति दी गई थी, उन्हें भी वापस भेज दिया गया है. इससे घर पर उनके माता-पिता डर गए हैं. ऑपरेशन गंगा (यूक्रेन से भारतीयों को निकालने के अभियान) और भारतीय विदेश मंत्रालय से अनुरोध है कि वे इसमें दख़ल दें.'
Hi @IndiainPoland , lots of Indian students have been denied entry into Poland, some who were allowed yesterday have also been sent back. Their parents back home are in a state of panic. Urge your intervention @opganga @MEAIndia
— Priyanka Chaturvedi?? (@priyankac19) February 28, 2022
प्रियंका का ये आरोप भारत में पोलैंड के राजदूत एडम बुराकोव्स्की को किसी नश्तर की तरह चुभा. उन्होंने प्रियंका चतुर्वेदी के इस ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा कि उनका ये आरोप बिल्कुल भी सच नहीं है. बुराकोव्स्की ने ट्वीट किया कि,'मैडम, ये बिल्कुल भी सच नहीं है. पोलैंड की सरकार ने यूक्रेन से लगती सीमा से घुसने से किसी को भी मना नहीं किया है.' वहीं इसी ट्वीट में उन्होंने प्रियंका से ये भी कहा कि, 'कृपया, अपने संपर्क सूत्रों की जांच कर लें.' इसके अलावा बुराकोव्स्की ने प्रियंका सेफ़ेक न्यूज़ न फैलाने का भी अनुरोध भी किया.
Madam, this is absolutely not true. Polish government did not deny anyone to enter from the border with Ukraine. Please check your sources.Please do not spread #FakeNews
— Adam Burakowski (@Adam_Burakowski) February 28, 2022
लेकिन चूंकि बात शुरू हो चुकी थी और साथ ही प्रियंका पर फेक न्यूज़ फैलाने के आरोप लग चुके थे वो कहां ही चुप रहतीं. प्रियंका ने एक ट्वीट और किया इस ट्वीट में उन्होंने एडम बुराकोव्स्की, भारत में पोलैंड और लिथुआनिया के दूतावास के साथ ऑपरेशन गंगा के ट्विटर हेल्पलाइन और भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची को भी टैग किया.
अपने इस ट्वीट में प्रियंका ने लिखा कि, 'सर, पूरे सम्मान के साथ कह रही हूं कि जो आप कह रहे हैं, स्टूडेंट्स वही बात नहीं कह रहे हैं. यह बहुत दुर्भाग्य की बात है कि आपने इस ख़बर को फ़ेक न्यूज़ बताया है, लेकिन मुझे वहां फंसे हुए लोगों के नंबर और उनके नाम साझा करते हुए ख़ुशी होगी. और मैं तारीफ़ करूंगी यदि फ़ेक न्यूज़ का हल्ला करने से पहले ख़बर की तह तक जाने की ज़रूरी तहज़ीब दिखाई जाती. धन्यवाद!'
Sir, with all due respect, that’s not what I have been told by the students. Unfortunate that you called it fake news, will be happy to share numbers&names of those people stranded. And I’d appreciate before screaming fake news having the basic etiquette to reaching out. Thanks.
— Priyanka Chaturvedi?? (@priyankac19) February 28, 2022
प्रियंका के इस ट्वीट के जवाब में बुराकोव्स्की ने लिखा, 'और प्लीज़ मैडम! मैं मदद के लिए हमेशा तैयार हूं. मैं अपना नंबर यहां शेयर नहीं कर सकता, लेकिन प्लीज़ मुझे सीधा मैसेज़ भेजिए.' उसके बाद प्रियंका चतुर्वेदी ने जवाब देते हुए एक और ट्वीट किया, ''नहीं, मैं आपको सीधा मैसेज़ नहीं करूंगी. भारत में पोलैंड के दूतावास से मदद की मेरी गुहार पर बिना मेरा जवाब जाने आपने अभी इसे फ़ेक न्यूज़ क़रार दे दिया. मेरा नंबर और कॉन्टैक्ट डिटेल्स जगजाहिर है और आपके आरोप लगाने से पहले सारे तथ्य मेरे हाथों में है.'
उससे पहले एक अन्य ट्वीट में पोलैंड के राजदूत बुराकोव्स्की ने लिखा था, ''डियर मैडम, मुझे पूरा यकीन है कि ऐसा नहीं हुआ है. कॉन्टैक्ट्स के साथ सूची यहां साझा नहीं की जा सकती, इसलिए कृपया उसे पोलैंड में भारतीय दूतावास के साथ साझा करें, क्योंकि वे इस मामले को देख रहे हैं और वे फंसे हुए लोगों की मदद कर सकते हैं. हम एचई नगमा मलिक के लगातार संपर्क में हैं.'
Dear Madam, I am absolutely sure that it did not happen. The list with contacts could not be shared here please share them with @IndiainPoland, because they are coordinating it and they can help those people.We are in constant contact with H.E. Nagma Mallick @IndiainPoland
— Adam Burakowski (@Adam_Burakowski) February 28, 2022
प्रियंका चतुर्वेदी ने जवाब में लिखा कि, 'कभी भी मेरे देश और देशवासियों के प्रति निष्ठा पर सवाल मत कीजिए, जैसे मैं आपकी निष्ठा पर सवाल नहीं करूंगी.' इसपर बुराकोव्स्की ने फिर लिखा कि, 'डियर मैडम, रूस के हमले के बाद से अब तक सभी नेशनलिटी के क़रीब 3 लाख शरणार्थी यूक्रेन से पोलैंड की सीमा में दाख़िल हो चुके हैं. उनमें से क़रीब 1,200 लोग भारत के नागरिक हैं, जबकि अभी कई और लोग आ रहे हैं. पोलैंड ज़रूरत चाहने वालों की मदद करता है. हमारे अधिकारी भारत के अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहे हैं.'
प्रियंका और बुराकोव्स्की के बीच भारत में जो ट्वीट वॉर चली है नजारा तू सेर तो मैं सवा सेर जैसा है. न तो प्रियंका ही पीछे हटीं न ही बुराकोव्स्की झुकने को राजी हुए लेकिन बात क्योंकि युद्ध के इस माहौल में यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों की है. तो हमारी भी कामना बस इतनी है कि सरकार के प्रयास कामयाब हों और समस्त भारतीय छात्र सही सलामत अपनी धरती पर लौट आएं.
बहरहाल बात क्योंकि प्रियंका के और यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के संदर्भ में हुई है तो हम बस ये कहकर अपनी बात को विराम देंगे कि एक नेता के रूप में उन्होंने वही किया जिसकी उम्मीद उनसे की जा रही थी. भले ही इन ट्वीट्स को लेकर आलोचक प्रियंका की खिल्ली उड़ाएं लेकिन प्रियंका ने अपना काम कर दिया है.
यूक्रेन में फंसे छात्रों के तहत किये गए ये ट्वीट्स प्रियंका और शिवसेना दोनों के लिए बहुत फायदेमंद हैं. दूसरे दल और नेताओं को इन ट्वीट्स और मुद्दे से प्रेरित जरूर होना चाहिए.
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