क्या है प्लास्टिक वाली गोभी का सच
चाइना की प्लास्टिक की पत्ता गोभी पर मचे कोहराम को अब विराम देने का वक्त आ गया है. अब सबको जान ही लेनी चाहिए चाइना की इस प्लास्टिक की गोभी की कहानी.
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पिछले कई दिनों से लोगों की रसोई में खलबली सी मची हुई है. अभी तक चाइना के प्लास्टिक के चावल डरा रहे थे, पर अब जब से इंटरनेट पर आर्टीफीशियल पत्तागोभी के वीडियो वायरल हुए हैं, तब से महिलाएं घर पर पत्ता गोभी बनाएं तो पहले गैस पर रखकर चैक करने लगी हैं कि कहीं प्लास्टिक की तो नहीं है.
असल में, अंबाला और हरियाणा से आए वीडियो जो सोशल मीडिया पर वायरल हैं उनमें दावा किया जा रहा है कि चाइना की पत्ता गोभी का पत्ता जलाने पर भी आग नहीं पकड़ता और प्लास्टिक की तरह खिंचने लगता है.
इस तरह के तमाम वीडियो इस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. सोशल मीडिया हो या फिर न्यूज़ चैनल हर कोई चाइना की प्लास्टिक वाली गोभी के वीडियो दिखाकर डराने में लगा है. कहा जा रहा है कि चाइना प्लास्टिक की गोभी बना रहा है जो अब भारत में भी मिलने लग गई है. और हमारे किचन तक पहुंच रही है. इसे 'आपके किचन में चीन की साजिश' का नाम दिया जा रहा है.
मिडिया कुछ इस तरह दिखा रहा है इन खबरों को
लेकिन इस गोभी पर मचे कोहराम को अब विराम देने का वक्त आ गया है. अब सबको जान ही लेनी चाहिए चाइना का इस प्लास्टिक की गोभी की कहानी.
पानी में हरे रंग का तरल पदार्थ डालकर पत्तागोभी बनाए जाने वाले वीडियो असल में वैक्स फूड रैप्लिका (मोम के बने खाद्य नमूने) बनाए जाने के हैं, जो जापान में रेस्त्रां के बाहर सजाए जाते हैं. यूट्यूब पर ये वीडियो करीब दो सालों से हैं और उसमें SBS(Seoul Broadcasting System) लोगों के साथ कोरियन सबटाइटल हैं. ये जापान में बनाए जाते हैं और बदनाम हो रहा है चीन.
वेबसाइट kotaku.com के मुताबिक इन असली दिखने वाले नकली खाद्य पदार्थों को 'शोकुहिन सैंपल'(shokuhin sample) कहा जाता है. ये सैंपल केवल शो पीस के तौर पर इस्तेमाल किए जाते हैं, खाने के लिए नहीं.
देखने में ये एकदम असली लगते हैं
जापानी रेस्त्रां के बाहर मेन्यू कार्ड की जगह इन सैंपल्स को रखा जाता है जिससे लोग देख सकें कि वो क्या ऑर्डर कर रहे हैं. इन्हें देखखर कोई नहीं कह सकता कि ये असली नहीं नकली हैं.
यहां तक कि मछली भी नकली है
देखिए ये वीडियो और सारी कहानी खुद ही समझ लीजिए-
बहुत से रेस्त्रां तो इन मोम के रेप्लिका बनाने वाले कलाकारों के साथ ही काम करते हैं जिससे वो असल में हूबहू वैसा ही रेप्लिका बना सके जो असल में वहां के शेफ बना रहे हैं. ये सैंपल असल खाने से काफी सस्ते होते हैं.
सिर्फ पके हुए खाने के रेप्लिका नहीं बल्कि कच्ची समग्री के भी रेप्लिक बनाए जाते हैं
चाइना द्वारा बनाई गई प्लास्टिक की गोभी वाली जो अफवाह भारत में इस वक्त आग की तरह फैल रही है वो अमेरिका में कुछ महीनों पहले फैल चुकी थी. तब तथ्यों की जांच करने वाली संस्था snopes ने जापानी वैक्स फूड सैंपल्स पर एक स्टोरी की और इस अफवाह का असली चेहरा सामने लाया.
अब अंबाला या हरियाणा के इन वीडियो की सच्चाई की बात करें तो वीडियो सच्चे हो सकते हैं लेकिन वीडियो में दिखने वाली गोभियां तो ये रेप्लिका ही हैं. और भारत में इन रेप्लिका का आना कोई बड़ी बात तो है नहीं.
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