'सीईओ के साथ समय बिताया और प्रमोशन मिल गया'
जॉब दिलाने वाली एजेंसी टाइम्स जॉब को सोशल मीडिया पर आड़े हाथों लिया जा रहा है और हो भी क्यों न, अपनी मार्केटिंग करने के लिये क्या आप डबल मीनिंग बातें करेंगे?
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'मैंने अपना कुछ समय CEO के साथ बिताया और मुझे प्रमोशन मिल गया'. नहीं, ये किसी कंपनी में काम करने वाली कोई लड़की नहीं बोल रही, बल्कि ये तो टाइम्स जॉब्स का विज्ञापन है. जी हां, सही पढ़ा आपने. जॉब दिलाने वाली एजेंसी टाइम्स जॉब्स को सोशल मीडिया पर खूब आड़े हाथों लिया जा रहा है और हो भी क्यों न, अपनी मार्केटिंग करने के लिये क्या आप डबल मीनिंग बातें करेंगे?
इस विज्ञापन की मुख्य लाइन ही यही है कि- 'मैंने अपना कुछ समय CEO के साथ बिताया और मुझे प्रमोशन मिल गया'.
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'मैंने अपना कुछ समय CEO के साथ बिताया और मुझे प्रमोशन मिल गया' |
इसका क्या मतलब निकाला जाए. आखिर कंपनी ऐसा विज्ञापन कर क्या कहना चाहती है? क्या कंपनीयों में काम करने वाली महिलाएं जो आज सफल हैं, क्या वो अपने CEO के साथ समय बिताकर सफल हुई हैं? या फिर आप महिलाओं को कह रहे हैं कि आप समय बिताइये और सफल हो जाइये? कुछ ऐसे ही सवाल उठ रहे हैं सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर.
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हालांकि एजेंसी कहती है कि आपका CEO आपको अपने काम के प्रति प्रोत्साहित करता है इसलिये आप प्रमोशन पा जाती हैं. बहरहाल ये तो एजेंसी को शायद अब लोग ही बताएगें की इस लाइन का क्या मतलब होता है.
न सिर्फ अखबारों में ये विज्ञापन दिया गया, बल्कि टाइम्स जॉब्स ने ऐसे ही वीडियो भी बनाए हैं जिसमें लड़कियां यही कहती नज़र आ रही हैं.
इस तरह के चीप प्रमोशन करके टाइम्स जॉब्स जैसी नामी गिरामी एजेंसी को पब्लिसिटी तो जरूर मिल जाएगी, लेकिन लोगों की नजरों से उतरने में टाइम बिल्कुल नहीं लगेगा.
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देखिए ट्विटर पर लोगों ने इसपर क्या प्रतिक्रियाएं दीं.
ad gone horribly wrong. #Twitter slams #TimesJobs over advertisement showing #women in bad light. @timesjobsdotcom https://t.co/RutwpTPWGp
— SajithkumarS (@jobinindia) July 29, 2016
Did no one at Times Jobs proof this ad before it was released? Via a Whatsapp group. pic.twitter.com/iipJUOLBxw
— Rohin Dharmakumar (@r0h1n) July 28, 2016
Hmm. This can't be Times Jobs' creative agency's idea, but their own. ;-)Also, #outrage in 3...2...1... pic.twitter.com/mvU68p5tim
— CS (@chin80) July 28, 2016
@chin80 yess... But they haven't mentioned 'quality time' ;)
— Hemanshu Mistry (@_hemanshu_) July 28, 2016
@slyandsulk true. Any good agency will think twice before releasing such a campaign
— CS (@chin80) July 28, 2016
As if the print ad wasn't enough, this video is even more cringe-worthy! What were they thinking? https://t.co/s3OiJ3MNTE /via @UdayAdige
— Karthik Srinivasan (@beastoftraal) July 26, 2016
What non sense is this?! https://t.co/8AhVy8fAHL
— N. Chokkan (@nchokkan) July 26, 2016
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