शनि मंदिर में महिलाओं का प्रवेश, और तिलमिला गई पुरुष सत्ता
शनि शिंगणापुर मंदिर की 400 साल पुरानी परंपरा टूटी और महिलाओं को प्रवेश मिला. लेकिन इस आंदोलन को सफल बनाने वाली तृप्ति देसाई तारीफ की हकदार हैं या गालियों की, समाज को खुद विचार करना चाहिए
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शनि शिंगणापुर मंदिर के 400 सालों के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब महिलाओं ने शनि देव पर तेल चढ़ाया. हालांकि शनि शिंगणापुर मंदिर ट्रस्ट ने इसपर काफी कड़ा रुख अपनाया हुआ था, वो तो हाई कोर्ट के आदेश को भी नहीं मान रहे थे, लेकिन कब तक...आखिरकार ट्रस्ट को कानून के आगे झुकना ही पड़ा, और शनि शिगणांपुर मंदिर के दरवाजे महिलाओं के लिए भी खोल दिए गए.
शनि देव पर तेल चढ़ाती हुई भूमाता ब्रिगेड प्रमुख तृप्ति देसाई |
इस पूरी कवायद में एक नाम जो काफी चर्चाओं में हैं वो है भूमाता ब्रिगेड की लीडर तृप्ति देसाई का. मंदिर में प्रवेश की इस लड़ाई में अगर महिलाओं की जीत हुई है तो इसका श्रेय काफी हद तक तृप्ति को ही जाता है. क्योंकि बदलाव की उम्मीद तो सब करते हैं लेकिन आवाज उठाने वाले और जिद करने वाले कुछ ही होते हैं. तृप्ति ने जिद की और सफल रहीं. उनका कहना है कि यह तो केवल शुरुआत है. जिस भी मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है उनके खिलाफ ये संघर्ष जारी रहेगा. शुरुआत शनि शिंगणापुर से हुई है और अगला पड़ाव है कोल्हापुर का महालक्ष्मी मंदिर, जहां 13 अप्रैल को प्रवेश के लिए संघर्ष किया जाएगा.
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इस महिला की कोशिशों को समाज का एक वर्ग काफी सराह रहा है.
शनि शिंगणापुर में महिलाओं के पूजा सम्बन्धी अधिकार का हम अभिनन्दन करते हैं किन्तु क्या तृप्ति देसाई दरगाहों में इबादत के लिए भी कोर्ट जाएंगी?
— आशुतोष स्नेहसागर (@MishraSnehsagar) April 9, 2016
Congratulations "तृप्ति देसाई" , your efforts have finally paid off, happy for all women who can pray without any restrictions????????
— Mohit G Chotrani (@MOHITGC) April 9, 2016
@aajtak काहे की परंपरा झूठे ढकोसलों के कारण स्त्रियों का प्रवेश वर्जित कर रखा था! बधाई तृप्ति देसाई बहन को !
— Vijay Naidu (@VijayNaidu47) April 8, 2016
#ShaniShingnapur तृप्ति देसाई ने इतना जाहिर कर दिया कि बिना जिद किये दुनिया नहीं बदली जाती है ।
— अश्विनी कुमार (@ashwanipareek) April 8, 2016
वहीं सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने तृप्ति के बारे में जो विचार रखे, उससे लोगों की मानसिकता साफ दिखती है. धर्म और परंपरा की बात करने वाले ये लोग शायद भूल गए कि किसी महिला को सम्मान देना भी हमारी परंपरा है. समाज के इस वर्ग का ये चेहरा काफी शर्मिंदा करने वाला था.
क्या नही करते लोग प्रसिद्धि पाने को, अब तृप्ति देसाई नामक शूपर्णखा से पूछे क्या वो अजमेर में भी जाकर मज़ार पे चढ़ सकती है क्या - थू थू थू
— Praveen Saini (@Prav_Saini) April 9, 2016
लोजी आखिर शनि शिंगणापुर में महिलाओं को पूजा की अनुमति मिल ही गई...अब शायद शनि महराज की कृपा से तृप्ति देसाई की चौथी शादी हो जाये बस !!????????
— ღ अबोध_बालक ツ (@S_urs143) April 9, 2016
तेल लगाने के लिए मरी जा रही तृप्ति देसाई एक बार झंडा लेकर श्रीनगर भी चली जाती #चलो_श्रीनगर @RPDULAR @HinduDefense @sarvtw @Sanjay_Vis
— Rajneesh kumar (@hindu_uday) April 9, 2016
तृप्ति देसाई kal k photo session k baad ab kabi dekhiye nai degi Shani mandir may
— Bhanu Partap Singh (@maan_ki__baat) April 9, 2016
नारी का एक रूप शुपनखा, कैकई, मंथरा भी हैहो गया कलेजा ठंडा, मिल गयी Publicity- भूमाता ब्रिगेड की पूतना तृप्ति देसाई https://t.co/YSFwN3C2RX
— Praveen Saini (@Prav_Saini) April 9, 2016
"तृप्ति देसाई" u r age is to go night parties y u r going temples ? look JNU smelly girls they smokes, drinks and bath once in a month.
— anil Dharurkar (@DharurkarAnil) April 9, 2016
तृप्ति देसाई जी आप साइनाइड को चखकर वैज्ञानिकों को गलत साबित कर दें की साइनाइड एक घातक जहर नहीं है
— virendra pal (@virendr83929687) April 9, 2016
#ShaniShingnapur क्या तृप्ति देसाई अब शनि मंदिर की पुजारन बनाने के लिए आवेदन डालेंगी या फिर नेतागीरी के लिए दूसरे मंदिर जाएँगी
— Dilip mallah (@MallahDilip) April 9, 2016
यह पाखंडी नास्तिक तृप्ति देसाई सनातन हिन्दू धर्म को अराजकता फैला कर खंडित कर रही है और हिन्दू महिलाओ से महापाप करा रही हैै #ShaniShingnapur
— Alok Srii (@AlokSrii) April 8, 2016
तृप्ति देसाई को नागा बाबी बनने को उकसाओ:-D :-D नागा परम्परा पर पुरुषों का एकाधिकार क्यूँ
— पंकज चौहान (@BrahmRishiAshtu) April 9, 2016
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