दिल्ली में odd-even की घोषणा के बाद ट्विटर पर smog फैल गया
दिल्ली हाई कोर्ट के दखल के बाद और शहर में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर पुनः दिल्ली में ऑड-इवन नीति की वापसी हो गयी है. ट्विटर पर, कोर्ट के इस फैसले से जहां एक तरफ लोग खुश हैं तो वहीं दूसरी ओर लोगों का ये भी मानना है कि इससे केवल जनता का टाइम वेस्ट होगा.
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Smog की चादर में ढंकी दिल्ली खांस रही है. उसे सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही है. जिन सड़कों पर कल तक गाड़ियों की लम्बी कतारें थीं वहां आज पूर्व की अपेक्षा शांति है. शहर में, सड़कों से लेकर गलियों तक. बसों से लेकर ऑटो और मेट्रो तक ज्यादातर जगहों पर सन्नाटा पसरा है या फिर जहां नहीं है और लोग चल रहे हैं, वहां उनके चेहरे पर मास्क है. इस दहली हुई दिल्ली के पतन के पीछे की वजह हम खुद हैं. आज हम जो भी भोग रहे हैं या फिर भविष्य में हमें जो भी मिलेगा उसके पीछे हमारा अतीत है. वो अतीत जिसने हमेशा ही अपने आस पास को, अपने पर्यावरण को नजरअंदाज किया और सीना चौड़ा कर ये कहा कि, हमारे अकेले के करने से क्या होगा? आज जब हमें अपनी गलती का एहसास हुआ तब तक बहुत देर हो चुकी है.
ऑड-इवन नीति को लेकर ट्विटर पर लोगों की मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है
दिल्ली हाई कोर्ट के दखल के बाद और शहर में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर पुनः odd-even नीति की वापसी हो गयी है. दिल्ली हाई कोर्ट से निर्देश मिलने के बाद दिल्ली सरकार ने यह फैसला किया है. खबर है कि राष्ट्रीय राजधानी में 13 नवंबर-17 नवंबर के दरम्यान ऑड-इवन की व्यवस्था लागू रहेगी. यानी इवन दिन पर इवन रजिस्ट्रेशन नंबरों वाली गाड़ियां व ऑड दिनों पर ऑड नंबरों वाली गाड़ियां ही चल सकेंगी.
बढ़ते प्रदूषण और अचानक आए स्मॉग पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की वजह से 'आपातकालीन स्थिति' पैदा गई है. अदालत ने दिल्ली सरकार से वाहनों के लिए ऑड-इवन स्कीम लाने और क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम बारिश) कराने पर विचार करने के लिए कहा है. स्मॉग और बढ़ते प्रदूषण पर कोर्ट अपना काम कर रहा है, मगर इसपर राजनीति बदस्तूर जारी है. और ये राजनीति चल रही है दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और केंद्र सरकार के बीच.
दिल्ली समेत उत्तरी राज्यों में प्रदूषण का लगातार बढ़ना जहां एक तरफ मुख्यमंत्री केजरीवाल को चिंतित किये हुए है तो वहीं इस चिंता से पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी परेशान हैं मगर उन्होंने पासे को केंद्र सरकार के बोर्ड पर डालते हुए साफ कह दिया है कि इस समस्या पर केंद्र सरकार के हस्तक्षेप किए जाने की ज़रूरत है. पराली जलाए जाने पर भी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपना रुख साफ कर दिया है और कहा है कि, पराली जलाने की समस्या से अकेले पंजाब नहीं निपट सकता है. पराली जलाने के संबंध में केंद्र को किसानों के लिए मुआवजा तुरंत मंजूर करना चाहिए.
सरकार के इस फैसले से लोगों के बीच खुशी के साथ साथ रोष भी है
बहरहाल, मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट के दखल और हो रही राजनीति पर लोगों की मिश्रित राय है. सोशल नेटवर्किंग साईट ट्विटर पर ऑड-इवन टॉप ट्रेंड में है और लोग लगातार इसपर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं. ट्विटर पर कुछ लोगों का मानना है कि ये सरकार का एक बेकार फैसला है तो वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनका ये मानना है कि ये एक व्यर्थ का प्रयास है और सरकार इससे केवल आम आदमी को परेशान कर उसका समय बर्बाद कर रही है.
As Delhi govt planning to reintroduce #OddEven rule, remembering the epic take by an elite. pic.twitter.com/iXaUObChwj
— Tarique Anwer (@tanwer_m) November 9, 2017
Bringing back odd even scheme to check pollution is classic Indian tokenism; patient dying of cancer, apply band aid! #OddEven
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) November 9, 2017
#OddEven is nothing but mere theatrics/drama by one party for cheap publicity. Will #SmogInDelhi or #pollution levels reduce in just 5 days (13th-17th Nov) ? This will only be a headache for the public as it fails to provide any concrete solution. #OddEvenFail https://t.co/dv7tjWDsL1
— Vijay Goel (@VijayGoelBJP) November 9, 2017
Tragic that even on such an emergency, the Centre and states can’t come together and act swiftly. Hope @ArvindKejriwal @drharshvardhan @capt_amarinder and @mlkhattar are listening and will put aside political differences to save the nation’s Capital. #DelhiSmog #OddEven
— Abhijit Majumder (@abhijitmajumder) November 9, 2017
Such jokes Delhi govt throws at us in #smog crises. Fact: Delhi hasn’t added one bus since Sheila Dixit’s in 2010. An 8000-bus fleet is down to 5,500. AAP shd answer this than do tamashas https://t.co/bFs4A0juWT
— Shekhar Gupta (@ShekharGupta) November 9, 2017
Kejriwal is a visionary leader that by mere announcing the #OddEven scheme, smog has gone, blue sky all over, flowers are blooming, oxygen in abundance, children are happily breathing & dancing
— Ra_Bies (@Ra_Bies) November 9, 2017
@ArvindKejriwal will finish talking to Punjab and Haryana CMs by that time. Winds will cause spontaneous resolution and we shall claim credit for #OddEven @ippatel @ManojTiwariMP https://t.co/bhCyQm4n48
— Dr Piyush Gupta (@piyushguptadr) November 9, 2017
What a stupid policy to follow. Bcoz of #OddEven significant no of new vehicles were purchased & many vehicles r parked on road causing traffic jams & evn more emission. @ArvindKejriwal change public transport that's only way. @CPDelhi control unruly drivers causing jams! #Delhi
— sukumar parida (@sukumar_says) November 9, 2017
Since Delhi Govt couldn't think of a new idea after the failure of first #OddEven , how about changing the name this time to #EvenOdd ? If not a fresh idea we can at least get a fresh name. #smogindelhi #smog #SmogCapital #SmogDelhi
— Sunil Raina (@reachraina) November 9, 2017
ट्विटर पर आए हुए ज्यादातर ट्वीट्स देखकर एक बात तो साफ है कि लोग सरकार के इस फैसले से खुश नहीं हैं और उनका मानना है कि इस नीति के द्वारा एक बार फिर से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्र को घेर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोसेंगे ताकि उन्हें भरपूर मीडिया लाइमलाइट मिल पाए. वहीं दूसरी तरफ ट्विटर पर कुछ ऐसे यूजर भी हैं जिनको लगता है कि इस तरह के छोटे-छोटे प्रयासों से ही कई सारी बड़ी समस्याओं का अंत कर पर्यावरण संरक्षण कर पाएंगे.
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