तो क्या मान लिया जाए वाकई पत्रकारों के अच्छे दिन आ गए हैं?
सीधी सी बात है कॉमन मैन, जो फ्लायर है किसी जेन्युइन वजह से, परहेज करता है एयरपोर्ट पर खाने पीने से और फिर उसे पता होता है प्राइस चूंकि हर आइटम का प्राइस डिस्प्ले बोर्ड पर है.
-
Total Shares
एक पत्रकार हैं फराह खान. ट्विटर पर भी खूब सक्रिय हैं। चूंकि अच्छे दिन आ गए हैं तभी तो वो दिल्ली वाली पत्रकार दुबई बस गयी हैं. जहां से जब तब उड़कर इंडिया आती हैं पत्रकारिता करने के लिए। परंतु पता नहीं क्यों उन्हें दो समोसे, एक बोतल पानी और चाय के 490 रुपये देना अखर गया. निःसन्देह वे धनाढ्य हैं, तभी तो हवाई यात्राएं अफोर्ड करती हैं, रेगुलर फ्लाई करती हैं और निश्चित ही ऐसा पहली बार तो उनके साथ नहीं हुआ होगा. लक्ज़री भरी उसकी लाइफ है, वह स्वयं सोशल मीडिया पर अपनी लाइफस्टाइल का स्टॉर्म क्रिएट करती है मसलन ऑउटफिट, बीइंग इन ट्रेवल डेस्टिनेशंस लाइक फुकेत. शायद जरिया है उसका बीजेपी सरकार की लानत मलानत करना जिसके लिए टूल बनाया है उसने पत्रकारिता को.
सो दुबई से उतरी और बॉम्बे एयरपोर्ट पर लेओवर को एक्सप्लॉइट करना था. कोस्टा कॉफी के आउटलेट में आराम फरमाते हुए अचानक कौंधा या कहें बत्ती जली दिमाग की क्यों ना 'अच्छे दिनों' के बहाने मोदी सरकार को निशाना बनाया जाए. हाथ में अभी अभी पेमेंट किया हुआ वाउचर था, सामने ऑर्डर के समोसे, पानी बोतल और चाय सर्व हो रखी थी. बस ! क्या था ! ट्वीट कर दावा कर दिया कि मुंबई एयरपोर्ट पर उनसे दो समोसे, चाय और पानी की बोतल के लिए ₹490 लिए गए. और कैप्शन डाल दिया, 'काफी अच्छे दिन आ गए हैं !'
Two samosas, one chai and one water bottle for 490 Rs at Mumbai airport!! Kafi ache din aa gae hain. #Vikas pic.twitter.com/aaEkAD9pmb
— Farah khan (@farah17khan) December 28, 2022
ऐसा नहीं है कि वे मोदी काल में ताजा ताजा फ्लायर हैं. अवश्य ही उसने 2014 के पहले भी हवाई यात्राएं की होंगी. आखिर एयरपोर्ट पर अन्य जगहों की तुलना में सामानों की कीमतें अधिक क्यों होती है ? वजहें हैं, नियम हैं जो तब भी लागू थे जब यूपीए की सरकार थीं. तब भी समोसे, पानी , चाय, यदि ली होंगी, इतने ही महंगे थे और यदि अपेक्षाकृत थोड़े सस्ते होंगे तो उअसकी वजह महंगाई इंडेक्स ही है.
एयरपोर्ट पर जगह का किराया ज्यादा है, हाइली पेड स्टाफ होता है चूंकि क्वालिफाइड रखना पड़ता है सिक्योरिटी वजहों से, स्टोरेज और इन्वेंटरी कॉस्ट भी ज्यादा है चूंकि कई चेक होते हैं. फिर आपकी चॉइस भी है आपने कोस्टा कैफ़े चुना जो वैसे भी महंगा है अपने ब्रांड की वजह से, डेकॉर की वजह से. जहां तक पानी की बोतल का सवाल है तो फ्री ड्रिंकिंग वाटर एयरपोर्ट पर जगह जगह उपलब्ध है लेकिन आपकी चॉइस है आपको कोई ब्रांडेड अक़्वा वाटर ही लेना है तो आपकी बला से है.
सीधी सी बात है कॉमन मैन, जो फ्लायर है किसी जेन्युइन वजह से, परहेज करता है एयरपोर्ट पर खाने पीने से और फिर उसे पता होता है प्राइस चूंकि हर आइटम का प्राइस डिस्प्ले बोर्ड पर है. और फिर चीजों को देखने का ,समझने का नजरिया उल्टा क्यों हो ? आपने ट्वीट किया, सहानुभूति तो मिली नहीं, जमकर आपको ट्रोल होना पड़ा. मसलन एक यूजर ने लिख ही दिया, 'जब सस्ते समोसे और चाय चाहिए थे तो बस अड्डे जाना था. पता नहीं हवाई अड्डे क्यों चली गईं. कल को फाइव स्टार होटल में जाकर ढाबे के रेट पर सामान मांगोगी।'
आपकी राय