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Updated: 26 सितम्बर, 2018 01:50 PM
पारुल चंद्रा
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प्रधानमंत्री मोदी को आपने भाषण देते सुना होगा, मन की बात करते सुना होगा लेकिन क्या आपने प्रधानमंत्री को कभी रोते हुए सुना है? ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी की माताजी हीराबेन का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो घर के कुछ काम करती दिखाई दे रही हैं. बैकग्राउंड में मोदी की आवाज सुनाई दे रही है जिसमें वो अपनी मां का जिक्र करते वक्त बेहद भावुक नजर आ रहे हैं. इतने भावुक कि आवाज तक नहीं निकल पा रही है.

देखिए ये वीडियो और सुनिए क्या कह रहे हैं प्रधनमंत्री मोदी-

ये वीडियो निर्देशक प्रिया गुप्ता के ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया है जिसमें लिखा गया है कि ये उस इंसान की मां हैं जिन्हें राहुल गांधी चोर करते हैं. उनकी मां से उनके सादे जीवन की तुलना करें. नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी दोनों जनता के सेवक हैं. तो उस हिसाब से दोनों की संपत्ति भी तो बराबर होनी चाहिए है न?

असल में इस वीडियो में प्रधानमंत्री द्वारा बोले गए शब्द उस वार्तालाप का एक हिस्सा है जो उन्होंने मार्क जकरबर्ग के साथ अपनी मुलाकात में कहे थे, जब मोदी 2015 में कैलीफोर्निया में फेसबुक के हेडक्वाटर गए थे.

वो पूरा वीडियो यहां देखा जा सकता है-

उनकी इस बात को उनके मां के वीडियो के साथ मिलाकर ये पोस्ट किया गया है. इस वीडियो को बनाने का मतलब राहुल गांधी और प्रधानमंत्री मोदी के जीवन की तुलना करना था. लेकिन मोदी विरोधी लोगों ने प्रधानमंत्री की मां के साधारण जीवन में भी कमी खोज लीं, इसपर भी प्रधानमंत्री की आलोचना की गई कि वो अपनी मां को अपने साथ क्यों नहीं रखते... वगैरह वगैरह. लोगों को इस बात से भी परेशानी थी कि अगर मोदी जी की मां इतना साधारण जीवन जीती हैं तो मोदी जी डिजाइनर कुर्ते क्यों पहनते हैं.

लोगों ने तो यहां तक कहा कि राफेल मामले से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह का वीडियो प्रचारित किया जा रहा है.

मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं, वो मजबूत और सशक्त हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वो रो नहीं सकते और मां के प्रति उनका प्रेम दिखावा है. मां को लेकर पहले भी इमोशनल हो चुके हैं नरेंद्र मोदी. 2014 में जब भाजपा पूर्ण बहुमत से विजयी हुई, तब उन्हें भाजपा संसदीय दल का नेता चुना गया. संसद के सेंट्रल हाल में वो लाल कृष्ण आडवाणी के एक शब्द से आहत हो गए थे. और रो पड़े थे.

हालांकि वीडियो चाहे मोदी का हो या राहुल गांधी का, पक्ष और विपक्ष के लोग अपनी प्रतिक्रिया देने से नहीं चूकते. वो अच्छाई में भी बुराई खोज लेते हैं और सच को भी झूठ कहते हैं. यहां तक कि आंसुओं पर भी शक करते हैं. लेकिन ऐसी भी क्या सोच जो सच और झूठ में फर्क करना भी भुला दे. इंसान को इंसानियत से देखना भुला दे. प्रधानमंत्री की आलोचना करने में डूबे लोग ये भूल रहे हैं कि जाने अनजाने में वो उसी स्तर पर जाकर उनकी बूढ़ी मां का भी उपहास उड़ा रहे हैं, जिनकी उम्र 90 साल से भी ज्यादा है.

narendra modiमोदी की माता जी को बीच में लाना बहुत खराब है

लोग कर कैसे कर पाते हैं ये सब. मोदी से परेशानी है, आलोचनाएं करने के लिए सब स्वतंत्र हैं लेकिन इसमें उनके परिवार और उनकी मां को घसीटना कितना उचित है. ये तब ही समझा जा सकता है जब कोई फलां शख्स आपकी मां को इस तरह बीच में लाए...पर तब बर्दाश्त नहीं होगा क्यों वो आपकी मां हैं. लेकिन मोदी की मां के लिए सब चलता है.

अगर राजनीति को किनारे रखकर ये वीडियो देखे जाएं तो यही पाएंगे कि इंसान चाहे बड़ा हो या छोटा बात जब अपनी मां की आती है तो भावुक होना लाजिमी है और यह भी सत्य है कि मां को याद करके बहने वाले आंसू कभी झठे नहीं हो सकते. अब लोग इसे क्यों और किस नियत से प्रचारित कर रहे हैं उसमें न ही पड़ा जाए तो अच्छा है.

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लेखक

पारुल चंद्रा पारुल चंद्रा @parulchandraa

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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