जिस वीडियो की वजह से भीड़ लोगों की जान ले रही है उसकी सच्चाई कुछ और है !
बच्चों की किडनैपिंग के जिस वीडियो और तस्वीर की वजह से लोगों का गुस्सा निर्दोष लोगों पर फूट रहा है. उसकी हकीकत जानने के बाद कातिल भीड़ के पास सिर्फ पछतावा ही रह जाएगा.
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वाट्सएप पर आने वाले मैसेज जिसमें लिखा होता है कि ये मैसेज 10 लोगों को फॉर्वर्ड करो तो अच्छी खबर मिलेगी, ये पढ़कर लोग भले ही उसे आगे फॉर्वर्ड न करें, लेकिन जब उसमें डराते हुए ये लिखा जाता है कि अगर शेयर नहीं किया तो बुरी खबर मिलेगी, तो देखिए कैसे दनदनाते हुए फॉर्वर्ड किया जाता है वो घटिया मैसेज.
इंसान डरता है. और आजकल सोशल मीडिया पर इसी इंसानी फितरत का फायदा उठाया जा रहा है. कोई नहीं चाहता कि उसका बुरा हो और इसीलिए एक मैसेज या फिर वीडियो को देखकर इंसान पहले 'डरता' है और फिर 'करता' है. सिर्फ मैसेज आगे फॉर्वर्ड करने तक बात होती तो किसी का कुछ नहीं बिगड़ता लेकिन जब यही मैसेज और वीडियो किसी की जान ले लेने का कारण बन जाएं तो इस टेक्नोलॉजी पर अफसोस होता है.
वीडियो कितने फेक हैं और कितने सही ये आम इंसान समझ नहीं पाता. उसे जो दिखता है वो उसे सच समझ लेता है. हाल ही में एक वीडियो आग की तरह वायरल हुआ जिसमें सड़क पर खड़े एक बच्चे को बाइक सवार किडनैपर्स उठाकर ले जा रहे हैं. इस वीडियो को बड़े ही आक्रामक तरीके से पेश किया गया और लोगों को बताया गया कि उनके बच्चे कितने असुरक्षित हैं.
इसी के साथ-साथ बच्चों की एक तस्वीर भी एक वीडियो के रूप में वायरल हुई जिसमें कहा गया कि ये बच्चे अलग अलग देशों से किडनैप करके लाए गए हैं जिनके अंग निकाल लिए गए हैं. जबकि ये तस्वीर सीरिया में मारे गए बच्चों की थी जिसे लोगों को गुमराह करने के लिए वायरल किया जा रहा है.
ये तस्वीर अलग अलग तरीके से वायरल की गई
ये भी सुनिए कि किस तरह लोगों को गुस्सा दिलाने के लिए वीडियो बनाए जाते हैं-
उसके बाद अगर किसी ने हवा में ये बात फूंक भी दी कि ये आदमी या ये औरत बच्चा चोर है तो भीड़ ने उसे नहीं बख्शा. भीड़ का अपना डर होता है और उसी डर के साथ आता है गु्स्सा. जिसके चलते लोगों ने हर व्यक्ति पर संदेह किया. यहां तक कि उन मां-बाप को भी नहीं छोड़ा जो अपने ही बच्चों के साथ जा रहे थे. उन्हें भी पीटा गया. और वजह बनी अफवाहें जो उस वीडियो के साथ वायरल हो रही थीं. जैसे-जैसे वीडियो वायरल हुआ हमारे देश के अलग अलग हिस्सों से मॉब लिंचिंग की घटनाएं भी आम होने लगीं.
भारत के 10 राज्यों में 14 लोग भीड़ द्वारा मार दिए गए. हालात ये हो गए हैं कि अगर किसी को किसी से बदला लेना हो तो वो बस भीड़ के आगे ये कह दे कि ये बच्चा चोर है. बाकी काम भीड़ खुद ही कर देती है.
जिस वीडियो की वजह से ये खूनी खेल चल रहा है उसकी सच्चाई सामने आ गई है. जिसे हर किसी को जान लेना चाहिए.
बीबीसी कराची के पत्रकार सिकंदर किरमानी ने अपने ट्विटर पर वही वीडियो शेयर किया जिसको लेकर इतना बवाल हुआ. उनका कहना है कि 'पाकिस्तान की एक चैरिटी ने बच्चों की सुरक्षा के लिए एक वीडियो बनाया था. लेकिन इसे एडिट किया गया और इस वीडियो ने भारत में बच्चों की किडनैपिंग की झूठी अफवाहें फैलाने का काम किया. वहां एक दर्जन से ज्यादा लोग भीड़ द्वारा मार दिए गए. हमने उस वीडियो को बनाने वाले लोगों से बात की है जो बेहद दुखी हैं'
A Pakistani charity made a video promoting child safety... But it's been edited and used to fuel fake rumours of child kidnappers in India, over a dozen people have been killed there in lynchings! We spoke to the "heartbroken" team behind the original video: pic.twitter.com/2JKXU12nps
— Secunder Kermani (@SecKermani) July 4, 2018
देखिए वीडियो और जान लीजिए सच्चाई-
इस वीडियो में बताया गया है कि ये वायरल वीडियो भारत का नहीं है और न ही ये असली है, बल्कि ये तो एक विज्ञापन था जिसे कराची की एक संस्था द्वारा बनवाया गया था. इसका उद्देश्य पाकिस्तान में बच्चों की सुरक्षा के मामले में लोगों को जागरुक करना था. सिकंदर किरमानी इस वीडियो को बनाने वाली एडवर्टाइजिंग कंपनी के लोगों से भी जाकर मिले. इसे बनाने वाले लोग बेहद दुखी हैं और अफसोस जता रहे हैं कि किस तरह इस वीडियो को एडिट करके इसका गलत इस्तेमाल किया गया.
ये रहा वो वीडियो जिसे एडिट करके वायरल किया जा रहा है-
सोशल मीडिया ने अगर लोगों को जोड़ा है, तो लोगों के विश्वास को कहीं न कहीं तोड़ा भी है. जिसके बेहद खतरनाक नतीजे भी सामने आ रहे हैं. लोग ये समझ नहीं पाते कि एक गलत खबर का असर लोगों पर किस तरह पड़ता है और किस तरह लोग निर्णायक बनकर सड़क पर फैसला सुना देते हैं. अच्छी बातें शायद उतनी तेजी से नहीं फैलती जितनी तेजी से फेक और झूठी खबरे फैलती हैं. नतीजा आपके सामने ही है पाकिस्तान का बना वो असली वीडियो तो वायरल हुआ ही नहीं.
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