केरल के रहवासी पनीर से इतनी नफरत क्यों करते हैं ?
संजीव कपूर ने 'मालाबार पनीर' की वीडियो रेसेपी ट्विटर पर शेयर की, लेकिन शेयर करते ही केरल के रहवासियों को क्या हुआ, उन्होंने संजीव कपूर पर हमला बोल दिया.
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नॉनवेज खाने वालों के लिए बढ़िया खाने के बीत की जाए तो बहुत सारे ऑप्शन्स होते हैं, लेकिन अगर वेजिटेरियन्स की बात करें तो बढ़िया खाना मतलब..'पनीर'. वेजिटेरियन्स के लिए ये पनीर किसी भी मायने में चिकन या मटन से कम नहीं होता, लेकिन फिरभी बेचारे पनीर को ये नॉनवेज खाने वाले कभी इज्जत नहीं देते.
पनीर को लेकर अब तक मांसाहारी शाकाहारियों का काफी मजाक बनाते आए हैं, लेकिन अब तो हद हो गई... इन्होंने तो मास्टर शेफ संजीव कपूर तक को नहीं बख्शा. हाल ही में संजीव कपूर ने 'मालाबार पनीर' की वीडियो रेसेपी ट्विटर पर शेयर की, लेकिन शेयर करते ही केरल के लोगों को न जाने क्या हुआ कि संजीव कपूर जैसे शख्स तक को ट्रोल करना शुरू कर दिया.
Malabar Paneer - A wonderful Malabar dish that has the flavors spicies and offers several gastronomic opportunities. The food is generally fresh, aromatic and flavored. For more such interesting recipes click on https://t.co/c2rBBuz4LW#foodlover pic.twitter.com/M0RMhpPyRl
— Sanjeev Kapoor (@SanjeevKapoor) April 18, 2018
संजीव कपूर ने अपनी डिश को एक 'एक अद्भुत मलाबार डिश' के रूप में पेश किया. लेकिन दक्षिण भारतीय लोगों को शायद संजीव कपूर की ये डिश समझ नहीं आई क्योंकि इसमें मीट या मछली के बजाए पनीर था, जिसे शेफ ने मालाबारी अंदाज में पेश किया था. मालाबारी खाने के बारे में एक बात खास है कि ये खाना शाकाहारी नहीं होता. केरल के 98% लोग मांसाहारी हैं इसलिए पनीर खाने जैसा वहां पर कुछ नहीं है. इसलिए उन्होंने संजीव कपूर और उनकी पनीर से बनी इस मालाबारी डिश को खूब खरी-खोटी सुना डाली.
देखिए क्या कुछ नहीं कहा दक्षिण भारतीय लोगों ने-
You have sinned you b........This is sacrilege. Malabar dishes are NOT meant for that puerile coagulated dog vomit ..#sayNOtoPaneer
— KalariWarrior (@MathiFryy) April 19, 2018
'अपनी खिचड़ी और पनीर अपने पास रखो'
Keep the kichdi and paneer for yourself.
We aint done with our beef and porotta.
We are already tired of your hindi imposition BS.Why dont you give a break or is this part 2 of the kichdi imposition by modi & co.
— kpmuhammed ©️ (@kpmuhammed) April 19, 2018
'मालाबार में पनीर नहीं होता. लोगों को मूर्ख मत बनाओ !'
We don't have paneer here in Malabar, we have Malabar special Beef biriyaani and beef fry. Don't make people fool Mr.@SanjeevKapoor ..We malabaries don't even like paneer,the veg dish..????????????
— Anagha Harithavayal (@AnaghaNr) April 19, 2018
'पनीर को केरल से दूर रखो हमारे पास बीफ है'
keep paneer out of kerala. we have beef.
— BassheadJay (@BassheadJay) April 19, 2018
'पनीर मालाबार में कब आया?'
When did "paneer" come to Malabar?????
— ❗️Old Monk❗️ (@No_Not_That_One) April 18, 2018
'केरल में पनीर नहीं खाया जाता'
We don’t eat Paneer in Kerala. Never heard of it, never seen it. Did you get this recipe from whatsapp university?
— Balgit Sharma (@BalgitSharma) April 18, 2018
'इसका मजाक तो बनेगा ही'
Malabaar Paneer curry is cultural imposition. It will be mocked . period. Let Sanjeev Kapoor pay tributes to Malabaar non vegetarian dishes before he dishes out this farce.
— Balgit Sharma (@BalgitSharma) April 20, 2018
'मालाबारी नाम जोड़ने से डिश मालाबारी नहीं बन जाती'
Adding Malabar prefix to a dish does not make it a Malabar dish. I dare you to find a Malabar dish that use paneer.
— ivansikorsky (@ivan_sikorsky) April 18, 2018
'ये तो बेइज्जती है !'
Malabar Paneer? That’s very insulting.
— Deviprasad (@deviprasadv) April 19, 2018
तो देखा आपने, एक 'शाकाहारी' मालाबारी डिश ने संजीव कपूर को भी कितना कुछ सुनवा दिया. पर संजीव कपूर जिन्हें मास्टर शेफ कहा जाता है उन्होंने हर जगह के खाने को चखा और बनाया है, यहां तक कि दो संस्कृतियों के खाने को मिलाकर कुछ नया बनाया जिसे 'फ्यूजन फूड' कहा जाता है. वो पंजाबी है, और पंजाबियों में पनीर खूब पसंद किया जाता है, शायद इसी पनीर प्रेम के चलते उन्होंने जब मालाबारी फ्लेेवर्स के साथ पनीर को जोड़ा, तो दक्षिण भारत के लोग हर्ट हो गए. उन्हें ये माराबारी खाने की बेइज्जती लगी.
फ्यूज़न फूड से नफरत क्यों?
क्या ये जरूरी है कि किसी खास जगह का खाना उसी खास तरीके से बनाया जाए? क्या उसमें थोड़ा सा बदलाव भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता? फ्यूजन फूड का तो मतलब ही दो तरह के खाने को आपस में जोड़ना है. और अगर वास्तव में लोग यही मानते हैं कि खाने के साथ किसी भी तरह का एक्सपेरिमेंट नहीं करना चाहिए तो फिर सबसे ज्यादा गुस्सा तो इटली वोलों को होना चाहिए जिनका पिज्जा हम भारतीय अपने तरीके से 'तंदूरी टॉपिंग्स' लगाकर खाते हैं, और फिर नाराज होना चाहिए चीनियों को जिनके चाऊमीन और नूडल्स में लोग गरम मसाले डाल देते हैं. तो भारत के ही लोग अपने ही राज्यों के फूड फ्यूज़न से इतने नाराज क्यों हो जाते हैं. माना कि मांस मछली ही वहां का खाना है लेकिन 2% लोग शाकाहारी ही हैं. अगर किसी को मांसाहारियों के मांस-मछली खाने से ऐतराज नहीं है, तो फिर शाकाहारियों के पनीर और सब्जियों से वो इतना क्यों चिड़ जाते हैं? लेकिन यहां मामला शाकाहार या मांसाहार का नहीं बल्कि नॉर्थ और साउथ इंडिया के आपसी टकराव का है, जिसमें एक शेफ बेकार में फंस गया.
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