आपके सामने उल्टा तिरंगा, इसे आप कैसे नकार बैठे योगी जी ?
इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि राष्ट्रवाद और राष्ट्र की बात करने वाले उससे कोसों दूर हैं और इसका इस्तेमाल करते हुए केवल और केवल अपनी राजनीति चमकाने में जुटे हैं.
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बीते कुछ घंटों से एक फोटो पूरे सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. इस फोटो में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के एक अन्य फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह हैं. तस्वीर मॉरीशस के दौरे की है. हो सकता है कि लोग ये सोचें कि अब जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गिरिराज सिंह अपने मॉरीशस दौरे से लौट आएं हैं, तो फिर इस तस्वीर के वायरल होने की क्या वजह है. तो ऐसा सोचने वाले लोगों को बताते चलें कि इस तस्वीर के वायरल होने के पीछे की वजह बस इतनी है कि इसमें साफ दिख रहा है कि दोनों ही 'राष्ट्रवादी' नेताओं के सामने राष्ट्र के झंडे का अपमान हुआ है.
इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि राष्ट्रवाद की बात करने वाले नेताओं को ही राष्ट्र की फ़िक्र नहीं है
जी हां बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप. अपने मॉरीशस दौरे पर जिस टेबल पर योगी आदित्यनाथ और गिरिराज सिंह बैठे थे, उसी टेबल पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज उल्टा लगा था. सबसे दिलचस्प बात ये कि न तो अपने भाषणों में देश, सेना, राष्ट्रगीत, राष्ट्रगान जैसी बातें कर पब्लिक में उर्जा भर उन्हें उत्साहित करने वाले योगी आदित्यनाथ ने ही उल्टे झंडे को देखा और न ही उन गिरिराज सिंह ने जो 'देश के खिलाफ' बात करने वाले लोगों को पाकिस्तान भेजने के आतुर रहते हैं.
आपको बताते चलें कि ये फोटो खुद ट्विटर पर सीएम योगी के ट्विटर हैंडल से अपलोड की गई थी. लेकिन फोटो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने यूपी के मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लिया और उनकी जम कर आलोचना की. ज्ञात हो कि पब्लिक से मिली आलोचना के बाद आनन फानन में इस फोटो को सीएम के ट्विटर अकाउंट से डिलीट कर दिया गया है.
बताया जा रहा है कि इस बड़ी चूक से मॉरीशस की सरकार भी सकते में है और उसने भी घटना को लेकर अपना खेद प्रकट किया है. खैर हमें इस तस्वीर को देखकर न तो आहत होना चाहिए और न ही गुस्सा ऐसा इसलिए क्योंकि अब तक हम कई मामले ऐसे देख चुके हैं जहां राष्ट्रवाद या देश का नाम लेकर लगातार अपनी राजनीति चमकाने वाले कई लोग 'राष्ट्र' से कोसों दूर हैं. इस बात को समझने के लिए हमें एक दूसरी खबर को समझना होगा जहां भाजपा के प्रवक्ता नवीन कुमार सिंह ने राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम गाने के दौरान न सिर्फ खुद का बल्कि वंदे मातरम का मजाक बना डाला था.
कहा जा सकता है कि आज के नेताओं की करनी और कथनी में एक बड़ा अंतर होता है
हुआ कुछ यूं था कि एक चैनल पर चर्चा के दौरान एजाज अरशद ने नवीन कुमार को वंदे मातरम गाकर सुनाने की चुनौती दी थी. इस चैलेन्ज के बाद नवीन कुमार ने जिस तरीके से वंदे मातरम गाया वो हैरान करने वाला था. नवीन कुमार ने वंदे मातरम गाने के लिए अपने फोन की भी मदद ली थी पर फिर भी वह सही तरीके से इसे नहीं गा सके. उन्होंने ज्यादातर शब्दों का उच्चारण गलत ढंग से किया जिससे अर्थ का अनर्थ हो गया.
अंत में यही कहा जा सकता है कि कथनी और करनी में बड़ा अंतर होता है और इस मामले में भी देखा जाए तो योगी आदित्यनाथ, गिरिराज सिंह या फिर नवीन कुमार को दोषी ठहराना सही नहीं है. इस घटना के बाद शायद ये कहना सही रहेगा कि इसमें इन नेताओं का कोई कसूर नहीं है शायद इन्हें कभी वक्त ही नहीं मिला कि ये तिरंगे को गौर से देखते या फिर उसे समझते.
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