मोशे के माता-पिता ने देखा था पाकिस्तान का सबसे घिनौना चेहरा
26/11 मुंबई अटैक के दौरान कराची में बैठा अबू जिंदाल नरीमन हाउस को कब्जे में ले चुके आतंकियों को निर्देश दे रहा था. ढाई वर्षीय मोशे के माता-पिता उनके कब्जे में थे. और फिर उसके बाद...
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पीएम मोदी इजराइल यात्रा में कुछ ऐसा करने जा रहे हैं जिससे उनकी खूब तारीफ हो रही है. वो मुंबई में 2008 के आतंकवादी हमले के दौरान इजरायली बच्चे मोशे होल्त्जबर्ग को बचाने वाली बहादुर भारतीय आया सैंड्रा सैमुअल्स से पीएम मोदी इजराइल में मिलने जा रहे हैं. वो मोशे से भी मुलाकात करेंगे जो अब 10 साल का हो चुका है.
हमले के वक्त दो साल का था मोशे
मोशे 26/11 के वक्त दो साल का था जब मुंबई में शाबाद में दूतों के तौर पर काम रहे उसके माता-पिता रिवका और गैवरियल होल्त्जबर्ग नरीमन हाउस में लश्कर ए तैयबा के आतंकवादियों के हमले में छह अन्य लोगों के साथ मारे गए थे. नरीमन हाउस को शाबाद हाउस के नाम से भी जाना जाता है.
नरीमन हाउस के अंदर का नजारा. जहां आतंकियों ने मोशे के माता-पिता की जान ली थी.
बता दें, जब नरीमन हाउस में आतंकी घुसे थे तो पाकिस्तान के कराची से अबू हमजा उर्फ अबू जिंदाल उर्फ सैयद जबीउद्दीन उन लोगों को निर्देश दे रहा था. ये बात उसी ने कबूली थी जब आतंकी हमला कर रहे थे तो हैंडलर के रूप में जिंदाल ही उनको पाकिस्तान से बैठकर निर्देश दे रहा था.
पाकिस्तान के हाथ होने की खबर तब मिली जब अबू जिंदाल नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के हत्थे चढ़ा. यही नहीं जिंदाल ने कसाब और दूसरे आतंकियों को हिंदी सिखाई थी. भारतीय एजेंसी के पास दोनों पक्षों के बीच बातचीत के ऑडियो टेप मौजूद है. इस टेप के सामने आने के बाद ये साफ हो चुका था कि इस आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ था. आइए जानते हैं आखिर उस वक्त जिंदाल और आतंकियों के बीच क्या बातचीत हुई थी.
नरीमन हाउस, जहां आतंकी घुसे थे और पाक की मदद से गोली बारी कर रहे थे.
हैंडलर : मैं कह रहा हूं न, यहां (नरीमन हाउस) पर एक मारा बंदा, वहां 50 मारे बंदों के बराबर है.सुनो...
आतंकवादी : जी, जी
हैंडलर : इन लोगों (बंधकों) को मार दो, जान छुड़ाओ अपनी। अगर एक बार फायरिंग शुरू हो गई तो वे बच सकते हैं।
आतंकवादी : नहीं, फिलहाल कोई मूवमेंट नहीं है।
हैंडलर : नहीं, नहीं... इंतजार मत करो। पता नहीं न जब फायरिंग शुरू होगी तो किस समय होगी, किस तरफ से होगी और कितनी तेजी से होगी...
आतंकवादी : मेरे पास ग्रेनेड खत्म हो गए हैं।
हैंडलर : करो, जो करना है करो, मैं सुन रहा हूं।
आतंकवादी : क्या, गोली मार दें?
हैंडलर : हां, उन्हें बिठाएं और उनके सर के पिछले हिस्से पर गोली मार दें।
(कुछ देर बाद)
हैंडलर : काम हुआ या नहीं?
आतंकवादी : अब करूंगा जी, आपकी कॉल का इंतजार कर रहा था।
एक महिला की आवाज : प्लीज, मुझे मत मारो।(गोली की आवाज)
हैंडलर : हां, एक मारा?
इस वीडियो में पाकिस्तानी आतंकियों और उनके हैंडलर की बीच पूरी बातचीत को सुना जा सकता है:
इससे साफ होता है कि पाकिस्तान में बैठकर हैंडलर टीवी पर सबकुछ देखकर आतंकियों को बता रहा था. नरीमन हाउस में न सिर्फ मोशे के माता-पिता की मौत हुई बल्कि आतंकियों ने 4 और लोगों को भी मार डाला. इजरायल में जब मोदी उस बालक मोशे से मिलेंगे, तो कहीं न कहीं मन में ख्याल पाकिस्तान का भी आएगा. जिसके आतंकी अपना खूनी खेल खेलने से बाज नहीं आ रहे हैं.
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