पाकिस्तान में 'ग्लोबल आतंकी' होने के मायने
न मोदी को ज्यादा खुश होना चाहिए, और न ट्रंप को किसी छलावे में रहना चाहिए कि उन्होंने सैयद सलाहुद्दीन को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करके बड़ा तीर मार लिया है.
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सोमवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मुलाकात से सिर्फ घंटों पहले ही अमेरिकी सरकार ने हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन को ग्लोबल टेरेरिस्ट यानी वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया था. यही नहीं भारत को खुश करने के लिए, अमेरिका ने अपने नागरिकों को सलाहुद्दीन के साथ किसी भी तरह का संबंध रखने पर प्रतिबंध लगा दिया. साथ ही अमेरिका के अधिकार क्षेत्र में आने वाली उसकी सारी संपत्तियां जब्त कर दी.
अब ट्रंप साहब को ये कौन बताए कि आतंकियों के लिए ग्लोबल टेरेरिस्ट माना जाना एक चिंता का नहीं बल्कि गर्व का विषय होता है. इस लिस्ट में नाम आने के बाद आतंकी अपनी बिरदारी में वीवीआईपी के तौर पर पहचाने जाते हैं.
अमेरिकी राज्य विभाग ने कहा कि- 'हिजबुल मुजाहिद्दीन के वरिष्ठ नेता के रूप में सलाहुद्दीन के कार्यकाल में हुजबुल मुजाहिद्दीन ने कई हमलों की जिम्मेदारी ली. इसमें अप्रैल 2014 में भारतीय-प्रशासित जम्मू कश्मीर में हुए विस्फोटक हमले भी शामिल थे. इस विस्फोट में 17 लोग घायल हुए थे.' इसके जवाब में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बाग्ले ने कहा, 'भारत इस अधिसूचना का स्वागत करता है. इससे ये साबित होता है कि भारत और अमेरिका दोनों को आतंकवाद से खतरा है.'
चलिए आपको बताएं सईद सलाहुद्दीन के बारे में कुछ बातें जो पता होनी चाहिए:
1- 71 साल का सैयद सलाहुद्दीन पाकिस्तान से कश्मीरी आतंकवादी समूह हिजबुल मुजाहिदीन का प्रमुख है.
2- इस बात की रिपोर्ट है कि सलाहुद्दीन और उसका परिवार कश्मीर घाटी में रहते हैं. सलाहुद्दीन के परिवार में उसकी पत्नी, पांच बेटे और दो बेटियां हैं. खबर इस बात की भी है कि उसके चार बेटों ने सरकारी नौकरियां ले ली है.
3- सलाहुद्दीन का तालुक् कश्मीर के बडगाम जिले से है. और 1989 के आसपास वो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के हिस्से में जाकर बस गया था.
4- इसके पहले सलाहुद्दीन ने 1987 में मुस्लिम संयुक्त फ्रंट की टिकट पर कश्मीर विधानसभा का चुनाव लड़ा था.
5- हिंसक विरोध प्रदर्शन के लिए गिरफ्तारी और फिर रिहा होने के बाद 1989 में सलाहुद्दीन हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ.
6- सलाउद्दीन का नाम एनआईए की मोस्ट वांटेड अपराधियों की लिस्ट में दर्ज है.
7- उसे सैयद मोहम्मद यूसुफ शाह के नाम से भी जाना जाता है.
8- हिजबुल मुजाहिदीन के साथ-साथ सलाहुद्दीन संयुक्त जिहाद परिषद् (यूनाइटेड जिहाद काउंसिल) का भी मुखिया है. संयुक्त जिहाद परिषद् 1990 से जम्मू और कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी संगठनों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
9- यूएस स्टेट डिपार्टमेंट ने अपने बयान में कहा- 'पिछले साल सलाहुद्दीन ने "कश्मीर संघर्ष में किसी भी तरह के शांतिपूर्ण प्रस्ताव को रोकने की कसम खाई थी" साथ ही उसने और भी कई कश्मीरी युवकों आत्मघाती हमलावरों के रूप में प्रशिक्षित करने की धमकी दी थी.
10- उसने बुरहान वानी को एक शहीद का दर्जा दिया था और कश्मीर घाटी को भारतीय सेना के लिए एक कब्रिस्तान में बदलने का प्रण किया था.
11- माना जाता है कि 26/11 के मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के साथ भी सलाहुद्दीन के करीबी रिश्ते हैं. पिछले साल आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद सलाहुद्दीन ने हाफिज सईद के साथ लंबी बैठकें भी की थी.
12- पिछले साल लाहौर में एक रैली में सलाहुद्दीन ने खुलेआम गृह मंत्री राजनाथ सिंह को सार्क देशों के गृह मंत्रियों की बैठक में शामिल होने पर इस्लामाबाद की यात्रा पर आने के खिलाफ धमकाया था.
इतना ही नहीं आइए आपको बताएं कुछ ऐसे आतंकी संगठनों के बारे में जो सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि देश-दुनिया के लिए सिरदर्द बन चुके हैं. इन आतंकी संगठनों से निजात पाने के नाम पर अमेरिका और रूस जैसे देशों ने नाम बड़े और दर्शन छोटे की कहावत को ही सही साबित किया है.
ग्लोबल टेरेरिस्ट लिस्ट में इनके नाम पहले से ही शामिल हैं
ये कुछ ऐसे आतंकी संगठन हैं जिनका नाम अपने आकाओं के साथ ग्लोबल आतंकियों की लिस्ट में शामिल हैं. लेकिन आज भी ये आतंकी संगठन निर्विवाद रूप से काम कर रहे हैं और फल-फूल रहे हैं. देखना ये है कि क्या सचमुच इस बार अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ के अपने वादों पर गंभीर होता है या फिर सिर्फ बतकही तक ही सीमित रहते हैं.
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माई फ्रेंड ....(बराक) डोनल्ड !!!!
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