एक देश, जहां खूबसूरती का मतलब हो गया है मौत
1972 के बाद यानी करीब 40 सालों के बाद 2015 में इराक को एक ब्यूटी क्वीन मिली थी. लेकिन कट्टरपंथियों को इस महिला की खूबसूरती और उसके ग्लैमरस होने से ऐतराज है, लिहाजा जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं.
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इसमें कोई शक नहीं कि महिलाएं खूबसूरत होती हैं. लेकिन खूबसूरती के साथ-साथ ग्लैमरस भी हों तो क्या कहने. लेकिन एक देश ऐसा भी है जहां इन खूबसूरत महिलाओं के लिए उनका ग्लैमरस और आधुनिक होना उनके लिए सबसे बड़ा खतरा बनता जा रहा है.
ये देश इराक है. और यहां महिलाओं के साथ जो कुछ हो रहा है वो वाकई दिल दहला देने वाला है. टीवी होस्ट और मिस इराक रह चुकीं 23 साल की शिमा कासिम ने अपने इंस्टाग्राम पर एक लाइव वीडियो में बताया कि उसे जान से मारने की धमकी दी जा रही हैं. उसे कहा गया है कि 'you’re next' यानी अगली तुम हो.
2015 में मिस इराक बनीं तीं शिमा कासिम
अगली का मतलब आप इस बात से समझ सकते हैं कि मिस बगदाद और मिस इराक की रनर अप रहीं तारा फारीस की एक सप्ताह पहले ही दो मोटरसाइकिल सवारों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. शिमा का वीडियो बहुत भावुक कर देने वाला था. शिमा ने वीडियो में रोते-रोते ये सब कुछ कहा कि 'इस देश में महिलाओं को बेरहमी से काट दिया जाता है.'
शिमा के डर को इन घटनाओं से समझा जा सकता है-
- 27 सितंबर को 22 साल की मॉडल तारा फारीस की कार जब ट्रैफिक लाइट पर रुकी तो दिनदहाड़े उसपर तीन गोलियां मारी गई थी. इराक में रहने वाली धर्मनिर्पक्ष महिलाओं में तारा सबसे नई शिकार बनी थीं. तारा को उनकी हत्या के ठीक पहले इंटरनेट पर इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा बुरी तरह से अपमानित भी किया गया था.
तारा की बेरहमी से हत्या कर दी गई सिर्फ इसलिए क्योंकि वो बाकियों से अलग थीं
तारा 2015 में मिस बगदाद बनी थीं. और उनका इंस्टाग्राम अकाउंट उनकी ढेरों ग्लैमरस तस्वीरों से भरा हुआ था. यूट्यूब पर उनका एक चैनल भी था जिसपर वो मेकअप टिप्स देती थीं. वो मुखर थीं और कई बार धर्म और नेताओं के खिलाफ भी बोला करती थीं. इसलिए उन्हें गैर इस्लामी कहा जाता था.
- तारा की हत्या से दो दिन पहले यानी 25 सितंबर को बसरा शहर में भी एक महिला एक्टिविस्ट सुआद-अल-अली को भी मार डाला गया था. जाहिर है उनका बोलना भी कट्टरपंथियों का नहीं सुहाता होगा.
- 17 अगस्त को 32 साल की प्लास्टिक सर्जन डॉ. रफीफ-अल-यसीरी जिन्हें इराक की बार्बी भी कहा जाता था, वो भी संदिग्ध अवस्था में मृत पाई गई थीं. वो आत्मनिर्भर थीं, पढ़ी लिखी थीं और ग्लैमरस भी. वो भी सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें शेयर किया करती थीं.
प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर रफीफ भी खटकती थीं
- इसके एक सप्ताह बाद ही एक नामी ब्यूटी कंपनी की मालकिन रशा-अल-हसन को भी उनके घर में मृत पाया गया था.
इन घटनाओं से साफ जाहिर होता है कि उन्हीं महिलाओं को टार्गेट किया जा रहा है जिनका लाइफस्टाइल मॉर्डन है. जो औरों से अलग सोच रखती हैं और प्रोग्रेसिव हैं. प्रधानमंत्री हैदर-अल-अबीदी ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
1972 के बाद यानी करीब 40 सालों के बाद 2015 में इराक को एक ब्यूटी क्वीन मिली थी. मिस इराक बनने के तुरंत बाद भी शिमा को जान से मानने की धमकियां मिली थीं, लेकिन तब शिमा आत्मविश्वास से भरी हुई थीं. लेकिन एक के बाद एक हत्याओं के बाद उनसे ये कहना कि अगला नंबर उनका है, ये खौफनाक तो होगा ही.
शिमा कासिम का डरना स्वाभाविक है
इस देश में वो महिलाएं जिनकी अलग पहचान है या वो जो एक्टिविस्ट हैं उन्हें कट्टरपंथियों से खतरा है. कहा जा रहा है कि एक संगठित नेटवर्क इस दिशा में काम कर रहा है. जो इनपर हमले करके वहां की महिलाओं को डराना चाहते हैं कि वो बाहर न निकलकर अपने घरों में ही कैद रहें. इनकी यही मंशा है कि महिलाएं आगे न बढ़ सकें. मुस्लिम समाज में महिलाओं की दशा किसी से छुपी नहीं है, लेकिन इन देशों में तो कट्टपंथ अपने चरम पर है.
सरकार इस मामले को कितना जल्दी सुलझा पाती है ये तो वक्त बताएगा, लेकिन इन सारी घटनाओं ने महिलाओं के दिलों में दहशत तो भर ही दी है. वो महिलाएं जो खुद की पहचान बनाने के लिए एक कदम आगे आगे बढ़ा रही थीं उन्होंने मौत के खौफ से दो कदम पीछे कर लिए हैं.
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