एक दवा जो मरीज को दवा खाना याद दिला सकती है!
एक अमेरिकी कंपनी ने ऐसी दवा बनाई है जो लोगों को अपनी दवाओं के लिए ज्यादा इमानदार बना सकती है. इसके कारण ये पता चल सकता है कि मरीज अपनी दवा सही समय पर खा रहा है या नहीं.
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भूलने की आदत बेहद खराब है, उससे भी खराब है लापरवाही की आदत जो इंसान बहुत ही आसानी से कर जाता है. अगर ये लापरवाही या भूल किसी खतरनाक बीमारी की दवाइयों को लेकर हो तो? जरा सोचिए, ऐसा कितनी बार हुआ है कि आप या आपका करीबी कोई दवा खाना भूल गया हो. ये समस्या ब्लडप्रेशर और हाइपरटेंशन वाले मरीजों के साथ ज्यादा होती है क्योंकि उन्हें दवाओं के साइड इफेक्ट्स ज्यादा समझ आने लगते हैं.
अब नैशविल (अमेरिका) की एक कंपनी Aegis ने एक ऐसी दवा बनाई है जो लोगों को अपनी दवाओं के लिए ज्यादा इमानदार बना सकती है.
ये दवा बता सकती है कि किसी मरीज ने अपने प्रिस्क्रिप्शन के हिसाब से दवाइयां खाई हैं या नहीं.
दवा खाने में अगर कोई मरीज चीटिंग करता है तो उसका पता लगाना काफी मुश्किल हो जाता है. किसी इंसान का ब्लडप्रेशर चेक करते समय ये समझ नहीं आता कि उसने दवाइयां ली हैं या नहीं. इसीलिए एक ऐसी दवा बनाई गई है जो इस बात का पता लगा सके कि किसी मरीज ने डॉक्टर द्वारा दी गई दवा खाई है या नहीं.
क्यों पड़ी इस दवा की जरूरत?
दरअसल, रिसर्च कहती है कि आधे से ज्यादा ब्लडप्रेशर के मरीज अपनी दवाइयां नहीं लेते. ये तब है जब दिल की बीमारियां अमेरिका में होने वाली मौतों का अहम कारण हैं.
दवाइयां न खाना उसके साइड इफेक्ट्स से जुड़ा होता है. ब्लडप्रेशर की दवाओं के कारण चक्कर आना, बेहोशी छाना, पेट गड़बड़ होना जैसे साइड इफेक्ट्स दिखते हैं. जो लोग ये दवाइया शुरू करते हैं उन्हें लगता है कि ब्लडप्रेशर की समस्या इन साइड इफेक्ट्स से ज्यादा बेहतर है. भले ही दिल की समस्या हो जाए बाद में, लेकिन अभी कम से कम कोई साइड इफेक्ट को नहीं हो रहे. यही कारण है कि ब्लडप्रेशर को साइलेंट किलर कहा जाता है.
इस दवा का नाम है KardiAssure इसे मरीजों को इंजेक्शन की मदद से दिया जाता है. इसके साथ ही एक यूरिनएनालिसिस टेस्ट होता है जिससे ये पता चलता है कि मरीज ने पिछले एक या दो दिन के अंदर दवाइयां खाई हैं या नहीं.
यूरिन सैंपल को ऑटोमैटिक मशीनें सर्च करती हैं और ये 80 तरह की कोलेस्ट्रॉल और ब्लडप्रेशर की दवाओं को पहचान सकती है. सिर्फ 3 मिनट के अंदर ये पता चल जाता है कि कहीं मरीज अपनी दवाइयों को नजरअंदाज तो नहीं कर रहा.
ये एक टेस्ट काफी महंगा होता है 6,515 रुपए (100 डॉलर) का, लेकिन इसके कारण आने वाले समय में दिल की बीमारी और कई तरह के टेस्ट से बचाव हो सकता है. साथ ही, इसके कारण डॉक्टर मरीजों से सही तरह से बात भी कर सकते हैं और उनकी सेहत मॉनिटर करने के साथ-साथ उनकी दवाइयों पर भी नजर रख सकते हैं. अगर मरीज दवाइयां ले रहा है और उसकी सेहत पर असर नहीं पड़ रहा तो ये टेस्ट दवाएं बदलने और सही इलाज की ओर बढ़ने में भी मदद कर सकता है.
अभी ये Aegis द्वारा बनाया गया ये ड्रग टेस्टिंग मोड में है और इसका सफल परीक्षण कई ब्लडप्रेशर मरीजों की आदत सही कर सकता है.
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