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समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
अमरपाल सिंह वर्मा
@10228302757341381
महिलाओं मेंं टीबी के कारण बांझपन का खतरा बढ़ रहा है
पूरी दुनिया मेंं टीबी को जड़ से खत्म करने के उपाय किए जा रहे हैं, फिर भी न केवल टीबी बरकरार है बल्कि यह अन्य रोगों एवं समस्याओं का भी कारण बन रही है. टीबी के कारण महिलाओं मेंं बांझपन का खतरा बढ़ रहा है.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
Soha Moitra
गांवों में टीकाकरण की कमान संभाले एनएनएम क्षमता से दोगुना काम कर रहीं हैं!
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ सर्वेक्षण-5 के आंकड़ों के अनुसार पिछले 5 सालों में देश में बच्चों के टीकाकरण में 14.4% बढ़ोतरी हुई है. लेकिन देश के ग्रामीण क्षेत्रों मे टीकाकरण पहुचाने के हमेशा तत्पर रहने वाली एएनएम की चुनौतियों को नजरंदाज किया जाता रहा है.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
एडिक्शन का दोहन ही है सिगरेट के दाम बढ़ाना...
सिगरेट के दाम बढ़ाना जनहित में नहीं, सिर्फ राजस्व बढ़ाने के लिए है. जनहित तो तब होता जब सिगरेट को बैन कर दिया जाता. जब कभी भी बैन की दिशा में कदम उठा भी है तो केस अगेंस्ट बैन बन ही जाता है. पता नहीं कौन से निहित स्वार्थ सक्रिय हो जाते हैं...
समाज
| 2-मिनट में पढ़ें
Girish Anshul
क्या शराब जश्न में लगाती है सेंध या देती है भरपूर आनंद?
शराब एक ऐसा तरल पदार्थ है जिसे हम दारू, मदिरा आदि नामों से जानते हैं, या यू कहें कि एक मनोरंजन का साधन है. कैसा भी उत्सव हो शराब अगर उसमें शरीक नहीं है तो वो उत्सव फीका सा लगने लगता है. ऐसा क्या है इसमें जो लोग इसे पीने के लिए इतने उत्सुक रहते हैं?
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
नए साल पर ऋतिक रोशन की तरह बॉडी भले न बनाएं, मगर फिट रहने की कोशिश तो कर ही सकते हैं
आपके पास ऋतिक रोशन की तरह सुविधा ना हो तो भी आप फिट रह सकते हैं. सिर्फ आपके मन में खुद को फिट रखने की दृढ़ इच्छा होनी चाहिए. हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप ऋतिक रोशन की तरह बॉडी बना लें मगर अपने शरीर को तो फिट रख ही सकते हैं.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
जानिए आपको दूसरों से अधिक ठंड क्यों लगती है?
कई बार ऐसा होता है कि हमारे आस-पास के लोग टीशर्ट में घूम रहे होते हैं औऱ हमें जैकेट में भी सर्दी लगती है. कई बार तो हमने लोगों को कहते भी सुना होगा कि यार मुझे की इतनी कपकपी क्यों लग रही है? इसके उलट किसी को ठंड नहीं लगती और वे सर्दी को एंजॉय करते हैं. चलिए बताते हैं कि ऐसा क्यों होता है?
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 4-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
महिलाएं कब समझेंगी कि सेल्फ केयर का मतलब स्वार्थी होना नहीं है
क्या महिलाएं अपनी केयर तभी कर पाएंगी, जबकि उन्हें दूसरों की सेवा-चाकरी से वक्त बचेगा? या फिर घर के बाकी लोग समझ लें कि उनकी केयर घर की महिला पर आश्रित न हो? यदि महिलाएं घरवालों की केयर टेकर बनी रहेंगी, तो वे अपना ख्याल नहीं रख पाएंगी.
समाज
| 2-मिनट में पढ़ें
Ankita Tiwari
भले ही किसान दूर भागे लेकिन बांस ही उन्हें 'लखपति' बना सकता है...
चीन से आया एक पौधा जिसकी अहमियत इतनी कि लाखों रुपए की कमाई हो लेकिन बावजूद इसके किसान इससे दूर भाग रहे हैं. बांस को लेकर अच्छी बात ये है कि तमाम सरकारें इसकी खेती पर किसानों को भारी सब्सिडी दे रही हैं.
ह्यूमर
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
दवा के बारे में हिदायतें गले क्यों नहीं उतरती हैं...
विशेषज्ञों ने हल्के बुखार के मामलों में बिना परामर्श के अत्यधिक दवा लेने वाले लोगों के बारे में अपनी चिंता साझा की है। अब इन एक्सपर्ट्स को कौन समझाए कि बात बेबात दवा लेना और उसे खाना हम मिडिल क्लास भारतीयों के संस्कारों में है.