कुछ शादियां मुहब्बत का जश्न होती हैं, अब अनिल कपूर को ही देख लीजिये!
एक ऐसे समय में जब समाज का एक बड़ा वर्ग अपनी शादी (Marriage ) को कुछ साल नहीं सहेज पाता फिल्म एक्टर अनिल कपूर (Anil Kapoor ) अपनी शादी को लंबे वक़्त से सहेजे हुए हैं और आज भी वो अपनी पत्नी से उतना ही प्यार करते हैं जितना वो पहले करते थे.
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जहां शादियां (Marriage) साल और कुछ महीने में टूट जाती हों वहां अगर कोई शादी 36 साल का ख़ूबसूरत सफ़र तय करे तो यक़ीनन कुछ तो ख़ास होगा न उस रिश्ते में. मुहब्बत की अंडरस्टैंडिंग के कई रंग घुले होंगे उसमें. ज़िंदगी का स्वाद होगा उस रिश्ते में, नहीं? ऊपर से ये बात और ख़ास हो जाती है जब शादी से पहले 11 साल तक आप प्रेम में रहें हों. फिर ख़ुद को उस प्रेम के क़ाबिल बनाना और महबूबा को दुल्हन बना कर अपने घर में ले आना इससे सुंदर बात क्या होगी. ऐसे ही प्रेम और शादी की ख़ूबसूरत कहानी है फ़िल्म-स्टार अनिल कपूर (Anil Kapoor) और उनकी पत्नी सुनिता कपूर (Sunita Kapoor) की. कल अनिल कपूर ने अपनी शादी की 36वीं सालगिरह मनाई. उन्होंने अपनी वाइफ़ सुनिता को डेडिकेट करते हुए एक पोस्ट लिखा इंस्टाग्राम (Instagram) पर. जिसमें उन्होंने बड़ी ख़ूबसूरती से अपनी शादी के सुंदर 36 सालों का ज़िक्र किया है.
आज भी अनिल कपूर अपनी पत्नी को पहले जैसा ही प यार करते हैं
अनिल कपूर लिखते हैं कि, 'मेरे लिए आज का दिन ख़ास है. बेहद ख़ास. आज ही के दिन मेरी ज़िंदगी में मेरी महबूबा पत्नी बन कर आयी थी. मेरी शादी कोई ग्रांड शादी नहीं थी. बेहद साधारण तरीक़े से हमने शादी की लेकिन उसके बाद का हर दिन मेरे लिए शानदार रहा है. मैं सुनिता से पहले ही शादी कर लेता लेकिन मैं ख़ुद को उसके क़ाबिल बनाना चाहता था. मैं चाहता था कि जब सुनिता मेरे पास आयें तो मेरे पास अपना एक छोटा सा ही सही घर हो. उन्हें खाना बनाने नहीं आता तो घर के साथ-साथ एक कुक भी हो.
तो जब मैंने अपने कैरियर की एक ख़ास फ़िल्म साइन की तो उसके अगले दिन ही मैं सुनिता के घर पहुंच गया. मैंने सुनिता को प्रपोज़ किया और उसके अगले दिन हमने शादी कर ली. मुझे आज भी याद है जब मैं उनके घर बारात ले कर पहुंचा तो सुनिता, मेरी दुल्हन मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी. उसे दुल्हन के लिबास में देख कर मेरी आंखों में आँसू आ गए. मैं जानता था कि कितनी मुश्किलों के बाद आज हमारे हिस्से में ये ख़ुशी आयी थी.
हमारी शादी की सारी तैयारियां सिर्फ़ एक दिन में की गयी थी. ये हमारे लिए नाउ और नेवर जैसा था. मुझे आज भी ये सोच कर अच्छा लगता है कि मैंने वो किया. हमने सभी नकारात्मक चीजों को दरकिनार करके शादी कर ली और आज भी मुझे गर्व होता है कि हमने हौसला दिखा कर एक दूसरे के साथ को चुना.
जब मैंने शादी की तब सब बोलते थे कि कैरियर की शुरुआत में शादी कर लेने से फ़िल्म इंडस्ट्री में कैरियर नहीं बन पाता. लेकिन वो सुनिता का साथ ही था कि मैं आज जो भी हूं, जहां भी जितना बन पाया हूं. हम दोनों के लिए काम हमेशा बाद में और मुहब्बत पहले रहा है.
मेरे लिए इस प्यार को सेलीब्रेट करने के लिए कोई एक दिन की दरकार नहीं. मैं अपनी और सुनिता के प्रेम को हर दिन, हर लम्हा जीता हूं और आने वाले तमाम साल जीता रहूंगा. सुनिता तुम ज़िंदगी हो मेरी.'
बताइए है न ख़ास उनकी ये एवरग्रीन लव-स्टोरी. बिलकुल सदाबहार अनिल सर की ही तरह. मुहब्बत की ऐसी हसीन कहानियां किसी ख़ास दिन की मोहताज कहां होती हैं. जब आए दिन तलाक़ की ख़बर सुनने को मिल रहीं और ब्रेक-अप के ऐसे में 47साल पुरानी मुहब्बत की कहानी सुनने का अपना सकून है.
अनिल सर और सुनिता मैम आप प्यार में रहें यही दुआ है.
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