Anupama latest episode: 5 डायलॉग से समझिए एक दादी की मॉरल पुलिसिंग कैसे होती है
बहू-बेटी, पत्नी के रूप में महिलाओं की मॉरल पुलिसिंग के किस्से तो बहुत सुने होंगे आपने. अब सुनिए कि जब एक महिला दादी-नानी वाले मुकाम पर पहुंच जाती है तो समाज उसके लिए कैसी लक्ष्मण रेखा खींचता है.
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अनुपमा सीरियल (Anupama serial) के पिछले कुछ एपिसोड्स में तो अनुपमा के लिए एक से बढ़कर एक कड़वी बातें कही जा रही हैं. अनुपमा को नीचा दिखाया जा रहा है. उसे ताने कसे जा रहे हैं, क्योंकि अब वह दादी बनने वाली है, और दादी यदि अनुपमा है तो उसे खुश होने का अधिकार कैसे हो सकता है?
असल में होली के दिन सबके सामने अनुज ने अनुपमा से शादी की बात की थी. तभी से अनुपमा की जिंदगी में भूचाल आ गया है. उसे मोहल्ले वालों से लेकर परिवार के लोग इतना कुछ सुनाते हैं कि वह दबाव में आकर अनुज से दूरी बनाने लगती है.
आदमी पत्नी के साथ रहते हुए अफेयर कर सकता है. उसे धोखा देकर दूसरी शादी कर सकता है. तलाक देने के बाद भी पहली पत्नी पर अपना अधिकार जमा सकता है लेकिन औरत सिंगल होकर भी दूसरी शादी नहीं कर सकती. क्योंकि वह किसी की बहू है, किसी की मां है, किसी की सास है तो किसी की दादी...
जल्द ही दादी बनने वाली अनुपमा शादी करने के बारे में सोच भी नहीं सकती
दरअसल, जब अनुज ने अनुपमा से प्रेम और शादी करने की बात की तो यह अनुपमा की सास लीला को बिल्कुल अच्छा नहीं लगा. वह गुस्से में आकर तांडव करने लगी. बा ने यह कहते हुए बड़ा मुद्दा खड़ा कर दिया था कि 'जल्द ही दादी बनने वाली अनुपमा शादी करने के बारे में सोच भी नहीं सकती.' बा का कहना है कि समाज इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा. जो हुआ सो हुआ, एक समय में मैंने कहा था कि दोनों शादी कर लो, लेकिन अब अनुपमा को अनुज से अपने सारे संबंध तोड़ देना चाहिए.
दादी बनने जा रही अनुपमा को मिला ये कड़वा डोज़:
जो डायलॉग बा, वनराज, पाखी या राखी दवे ने अनुपमा को कहा वह सिर्फ इस सीरियल नहीं बल्कि पूरे समाज की सच्चाई है.
1- अनुपमा की शादी के बारे में सुनकर पाखी कहती है कि "पापा की शादी स्वीकार थी, क्योंकि पापा लोग दूसरी शादी कर सकते हैं, लेकिन मम्मी नहीं करती है. मम्मी लोगों की शादी नहीं होती". मतलब पिता पुरुष है तो उसे इस बात की इजाजत है, लेकिन मां तो महिला होती है, मां का काम सिर्फ बच्चों के लिए जीनी है, उनका ध्यान रखना है. मां अगर अपने बारे में सोचे तो गलत है, करना तो बहुत दूर की बात है.
2- बा ने कहा कि, "अमेरिका में दादियां शादी करती होंगी, पर यहां तो भजन करती हैं और अनुपमा भी वही करेगी". मतलब हमारे यहां दादी सिर्फ भजन कर सकती हैं, उन्हें अपने बारे में सोचने का अधिकार ही नहीं है. उनके लिए तो पहले से ही नियम बना दिए गए हैं.
3- इतना ही नहीं, बा का यह भी कहना है कि "यह समाज हमारे साथ नहीं चलता है, हमें समाज के साथ चलना पड़ता है. ये पढ़ाई, प्यार, शादी, बच्चे... सबकी एक उम्र होती है. हमारे यहां तो दादा-दादी बनने के बाद लोग गोवा नहीं जाते, और अनुपमा हनीमून पर जा रही है. दादी सत्संग करती हुई अच्छी लगती है, शादी करते हुए नहीं. मतलब दादी बनना यानी अपनी पसंद, अपनी आदतें सब छोड़ देना.
4- बापूजी हमेशा अनुपमा का साथ देते हैं, क्योंकि वे अपने अनुभव के आधार पर समाज का सच जानते हैं. उनका कहना है कि "पुरुष को बंधने के लिए समाज के पास सिर्फ एक धागा होता है, जिम्मेदारी. जबकि एक स्त्री को बंधने के लिए सिर्फ एक धागा नहीं बल्कि 100 बेडियां होती हैं. जिम्मेदारी, रिश्ते, उमर, परिवार, इज्जत, बदनामी, सच और ना जाने क्या-क्या... माने महिलाएं तो संस्कृति, परिवार का सम्मान बनाए रखने के लिए हमेशा ही अपनी ख्वाहिशों का गला घोंटते आई है.
5- राखी दवे जो सिर्फ तमाशा देखकर मजे लेने का काम करती है. जो एक माडर्न वुमेन है. जो एक बिजनेस चलाती है. वह कहती है कि संस्कार की बात करने वाली अनुपमा के आज खुद के संस्कार कहां गए? अब इस उम्र में शादी के सपने देख रही हैं. इनके हिसाब से किसी तलाकशुदा महिला का दोबारा शादी करना गुनाह है, हां पुरुष कर सकता है क्योंकि वह पुरुष है और यह उसके लिए काफी है. दादी की शादी नहीं होती है. राखी दवे जैसे लोग यह साबित करते हैं कि, कि प्रगतिशील विचार रखने के लिए बस पढ़-लिख जाना ही काफी नहीं है.
जब इस समाज में तलाकशुदा महिलाओं को ही नहीं अपनाया जाता. उनके चरित्र पर उंगली उठाई जाती है तो एक होने वाली दादी की शादी को कैसे पचा पाएंगे? वैसे क्या आप चाहते हैं कि अनुपमा की अनुज से शादी हो जाए, वह अपनी जिंदगी में आगे बढ़े. अगर आपका जवाब ना है तो फिर वनराज जैसे पुरुषों का क्या?
Happy Sunday??#Anupamaa #Anupama#AnujKapadia #Anuj #MaAnKiShaadi pic.twitter.com/tf8KeKXFts
— _Riya?_ ??Ladke wale??♥️ (@ILoveMaan1) March 27, 2022
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