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Updated: 03 दिसम्बर, 2022 06:25 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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अनुपमा (Anupamaa) शो में हाल के एपिसोड में दिखाया गया कि अनुपमा और अनुज छुट्टियां बिताने के लिए बाहर जा रहे हैं. रास्ते में वे एक नए शादीशुदा जोड़े को लिफ्ट देते हैं. रास्ते में उन्हें कुछ गुंडे मिल जाते हैं. जो डिंपी को छेड़ने लगते हैं. अनुज-अनुपमा उन्हें बचाने की कोशिश करते हैं मगर गुंडे उनके सिर पर पीछे से सिर पर वार करते हैं जिससे वे बेहोश हो जाते हैं.

अनुपमा-अनुज को जब होश आता है तो वे देखते हैं कि डिंपी का रेप हुआ है. इसके बाद वे डिंपी का साथ देते हैं और उसे लेकर अस्पताल जाते हैं. वह डिंपी का हौसला बढ़ाते हैं और गुडों के खिलाफ एक्शन लेने की सलाह देते हैं.

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डिंपी भी अपने लिए इंसाफ चाहती है. गुंडों को जब यह बात पता चलती है तो वे अनुपमा के परिवार को धमकी देते हैं. वे केस वापस लेने के लिए दबाव बनाते हैं. मगर अनुपमा, अनुज औऱ डिंपी पीछे नहीं हटते हैं. फिलहाल डिंपी ने पुलिस स्टेशन में उन गुंडों की पहचान कर ली है और आगे की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है. अब चलिए बताते हैं कि कौन सी बातें हैं जो हमें अनुपमा के कुछ लेटेस्ट एपिसोड से सीखनी चाहिए.

कभी शॉर्टकट का रास्ता न अपनाएं

एपिसोड में दिखाया गया है कि अनुज जल्दी पहुंचने के लिए शॉर्टकट रास्ता अपना लेता है. जिसके बाद उनके साथ हादसा होता है. इसलिए कहा गया है कि गुर्घटना से देर भली.

गलत के खिलाफ आवाज उठाना

अनुपमा को लाख धमकियां मिलने के बाद भी उसने सच का साथ नहीं छोड़ा औऱ गलत के खिलाफ आवाज उठाई.

अपनी लड़ाई खुद लड़ना

डिंपी को जब सबसे अधिक उसके पति की जरूरत थी को वह उसका साथ छोड़कर भाग गया. ऐसे में भी उसने हार नहीं मानी औऱ अपना लड़ाई अकेली लड़ी.

अपने पैरों पर खड़ा होना

अनुपमा हमेशा एक बात दोहराती है कि लड़कियों को अपने पैरों पर खड़े रहना बेहद जरूरी है. यही बात वो डिंपल से भी कहती है.

डर के आगे जीत है

अनुपमा के रेप सीन ने सिखाया है कि डर के आगे ही जीत है. अगर डिंपी डर कर घऱ में छिप जाती तो उसे कभी न्याय नहीं मिलता.

खुद पर भरोसा रखना

कोई हमारा साथ दे या ना दें, इंसान को हमेशा खुद पर भरोसा रखना चाहिए. जब कोई साथ नहीं होता तो भी हम अपने साथ होते हैं. यह बात डिंपी ने सिखाई है.

जिंदगी को दोबारा मौका देना

डिंपी के साथ इतना गलत हुआ है फिर भी वह हिम्मत करके जिदंगी जीने की कोशिश कर रही है. लाइफ में चाहें जो भी हो जाएं हमें जीना नहीं छोड़ना चाहिए.

पॉजीटिव रहें

जिंदगी में परेशानियां तो आती-जाती रहती हैं. मगर हमें हमेशा सकारात्मक होकर आगे की सोचनी चाहिए. क्योंकि जो बीत गया सो बीत गया.

एक दूसरे का साथ

जब कोई मुसीबत में हो तो उसका साथ देना चाहिए. एक टीम की तरह काम करने से किसी भी परेशानी का सामना किया जा सकता है. इन एपिसोड के जरिए अनुपमा शो महिलाओं के साथ हो रहे अपराध के खिलाफ खास संदेश दे रहा है.

इस शो के हाल के एपिसोड में एक रेप विक्टिम आत्मविश्वास से भरी दिख रही है. जो अपने लिए सिर उठाकर न्याय की मांग कर रही है. औऱ उसका साथ एक ऐसी महिला दे रही है जो खुद एक मां है. वैसे आपको अनुपमा का ये लेटेस्ट ट्रैंक कैसे लगा?

 

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लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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