अनुपमा शो की पाखी ने बताया, लड़का हमेशा दोषी और लड़की हमेशा सही नहीं होती...
कितने लड़कों की जिंदगी झूठे केस में बर्बाद हो जाती है. महिलाओं को समझना होगा कि ये सारे कानून, घरेलू हिंसा और उत्पीड़न रोकने के लिए बने हैं, ना कि किसी को झूठे केस में फंसाने के लिए.
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अक्सर देखा जाता है कि लड़का-लड़की में विवाद होने पर दोष लड़के के सिर मढ़ दिया जाता है, जबकि जरूरी नहीं है कि हर बार गलती लड़के की हो. लोगों को समझना होगा कि लड़की की भी गलती हो सकती है और लड़का भी प्रताड़ित हो सकता है. लड़की भी लड़के के ऊपर अत्याचार कर सकती हैं. अनुपमा सीरियल (Anupamaa Serial) में इन दिनों यही बात समझाने की कोशिश की जा रही है.
शो में दिखाया जा रहा है कि पाखी और अधिक भागकर मंदिर में शादी कर लेते हैं. दोनों एक किराये के मकान में अपनी नई जिंदगी शुरु करते हैं मगर सारी जिम्मेदारियां अकेले अधिक के ऊपर आ जाती हैं. अधिक ऑफिस का भी काम करता है और घर का भी.
इसके उलट पाखी ना घर का काम करती है ना बाहर का. अधिक उससे बोलता है कि वह अपनी पढ़ाई पूरी कर ले मगर वह कहती है कि उसे कुछ नहीं करना है. वह अधिक से कहती है कि अब मेरी शादी हो चुकी है. अब मैं तुम्हारी जिम्मेदारी हूं. शादी से पहले मेरी जिम्मेदारी पापा उठाते थे अब तुम उठाओगे. मैं कुछ नहीं करूंगी सिर्फ एक एडवांस हाउसवाइफ की तरह ऐश करूंगी. तुम मेरे सारे खर्चे उठाओगे. मैं नौकरानियों की तरह घर के काम नहीं करने वाली हूं. मुझे मेरी मम्मी की तरह मत समझना.
अनुपमा सीरियल ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि सिर्फ महिलाएं ही नहीं, पुरुष भी घरेलू हिंसा के शिकार हो सकते हैं
अधिक उसे समझाने की कोशिश करता है तो पाखी उस पर गुस्सा करने लगती है. अधिक काम करने जाता है इससे भी उसे परेशानी है. अधिक अगर मीटिंग में रहता है और पाखी का फोन नहीं उठाता है तो वह चिल्लाने लगती है. पाखी छोटी-छोटी बात पर अधिक से झगड़ा करने लगती है. वह अधिक की सैलरी से महंगे शॉपिंग करती है और दिन भर सोशल मीडिया पर टाइम पास करती है. वह अधिक को एक गिलास पानी तक के लिए नहीं पूछती है, ख्याल रखना तो दूर की बात है. वह दिन भर अपने मायके जाकर बैठी रहती है. वहां पर भी वह दूसरों पर रौब जमाती है. वह अधिक को इतना मेंटली टॉर्चर कर देती है कि अपने ऑफिस के काम पर फोकस नहीं कर पाता है. वह घर आता है तो पाखी उससे लड़ने लगती है. दोनों में बहस होती है. पाखी कांच तोड़ देती है जिससे अधिक के चेहरे पर चोट लग जाती है.
इसके बाद पाखी मायके जाकर अपने पापा वनराज से अधिक की शिकायत करती है. वह कहती है कि अधिक ने उसे मारा है, उसे धक्का दिया है. जबकि अधिक ने उसे छुआ तक भी नहीं था हाथ उठाना तो दूर की बात है. इस पर वनराज अपना आपा खो देता है और अधिक को खरी-खरी सुनाता है, उसे धमकी देता है. अधिक का इमोशनल ब्रेक डाउन होता है और वह पाखी से कुछ दिनों के लिए ब्रेक लेने के लिए कहता है.
इसके बाद पाखी अपना आपा खो देती है. और अधिक पर चिल्लने लगती है. वह अपने फोन से वॉइस नोट भेज उसे ब्लैकमेल करती है कि अधिक, अगर तुम्हें मेरे साथ नहीं रहना है तो मत रहो, मैं मर जाउंगी औऱ मेरी मौत के जिम्मेदारी सिर्फ तुम होगे. अधिक घबड़ा जाता है. वह भागकर पाखी के घर जाता है, जहां वह बड़े आराम से हेडफोंस में गाने सुन रही होती है. पाखी की वजह से घर में पुलिस आ जाती है. फिर भी पाखी हार नहीं मानती. वह अपना रिश्ता टूटने का इल्जाम अपने पिता वनराज शाह और मां अनुपमा पर लगाती है.
ऐसा सिर्फ सीरियल में नहीं, असल जिंदगी में भी होता है. कितने पुरुषों पर रेप के झूठे इल्जाम लगाए जाते हैं. कितने पुरुषों पर घरेलू हिंसा के झूठे केस थोपे जाते हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, घरेलू हिंसा के 50 प्रतिशत मामले झूठे होते हैं. पति-पत्नी में लड़ाई हो गई तो मालमा दहेज का लिखवाया जाता है. गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड में ब्रेकअप हो गया तो रेप केस बन जाता है. इस तरह कितने लड़कों की जिंदगी झूठे केस में बर्बाद हो जाती है. महिलाओं को समझना होगा कि ये सारे कानून घरेलू हिंसा और उत्पीड़न रोकने के लिए बने हैं, ना कि किसी को झूठे केस में फंसाने के लिए. असल जिंदगी में अगर किसी के ऊपर पुलिस केस हो जाए, तो वह कहीं का नहीं रहता. इसलिए इन कानूनों का फायदा ना उठाएं....
अनुपमा सीरियल ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि सिर्फ महिलाएं ही नहीं, पुरुष भी घरेलू हिंसा के शिकार हो सकते हैं. उन्हें भी सताया जा सकता है. पत्नियां उनके ऊपर भी अत्याचार कर सकती हैं. इसलिए किसी पुरुष के बारे में राय बनाने से पहले हमेशा दोनों पक्षों की बात सुननी चाहिए.
look, save marriage is one thing i can understand, but for how long can one save a marriage tbh ? Plus if she says that adhik and pakhi are the same for her, how is it that even after seeing how toxic and incompatible pakhi is, she still wants the marriage to work ?
— ??????. (@_ayushi_saran) December 19, 2022
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