Anupamaa तुम कितनी भली क्यों न हो, एक लड़का और लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते!
अनुपमा की छवि को लोग बहुत पसंद करते हैं लेकिन उन्हें बस एक ही बात खटकती है कि अनुपमा का दोस्त कोई लड़का कैसे हो सकता है? भले ही अनुपमा अनपढ़ है, गंवार है, सीधी है, आध्यात्मिक है लेकिन फिर भी उसका कोई लड़का दोस्त नहीं हो सकता...
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अनुपमा (Anupamaa) एक सीधी-साधी भोली-भाली महिला है. जिसके चेहरे पर ज्यादातर एक उदासी रहती है. अनुपमा (Anupamaa Actress) का दिल साफ है और वह कभी गलत तो होती ही नहीं है. वह कान्हा जी की भक्त है और उसके दिन की शुरुआत तुलसी मां की पूजा के साथ शुरु होती है. वह अपने बड़ों की इज्जत करती है और छोटों पर तो जान लुटाती है. वह पूरे घर को संभालकर चलती है और अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए दिन-रात भागती ही रहती है. वह अपने बारे में सोचती भी नहीं है.
कुल मिलाकर मतलब यह है कि एक भारतीय संस्कारी बहू के रूप में अनुपमा (Anupamaa serial TRP) की छवि को लोग बहुत पसंद करते हैं लेकिन उन्हें बस एक ही बात खटकती है कि अनुपमा (Anupamaa Serial) का दोस्त कोई लड़का कैसे हो सकता है? भले ही अनुपमा अनपढ़ है, गंवार है, सीधी है, आध्यात्मिक है लेकिन फिर भी उसका कोई लड़का दोस्त नहीं हो सकता...
अनुपमा को लोग बहुत पसंद करते हैं
मतलब, फिल्म मैंने प्यार किया की यह लाइन ‘एक लड़का और एक लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते' यह महज एक डायलॉग भर नहीं है. असल जिंदगी में भी लोग इस बात को ही सच मानते हैं. ऊपर से फिल्मों के निर्देशक करण जौहर ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी, उन्होंने भी अपनी कई फिल्मों में लड़का-लड़की के दोस्ती को आखिरकार प्यार में बदल ही दिया था. अब इसलिए भी शायद ऐसा हुआ हो, क्योंकि प्यार की शुरुआत ही दोस्ती से होती है.
‘एक लड़का और एक लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते' यह महज एक डायलॉग भर नहीं है
सीरियल में अनुपमा की जिंदगी हमेशा परेशानियों में घिरी रहती है. वह कितनी भी कोशिश क्यों न कर ले समस्याएं उसका साथ छोड़ती ही नहीं हैं. अभी अनुपमा सीरियल की कहानी काफी सस्पेंस वाला रूप ले चुकी है. सीरियल में इस समय, अनुज अपनी दोस्त अनुपमा को बताता है कि वह उससे कितना प्यार करता है तभी बदमाश उसपर हमला कर देते हैं, अब वह अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है.
वहीं वनराज का तो अलग ही रायता फैला है, वह बंदा कब बदल जाए उसका कोई भरोसा ही नहीं. वनराज ने अपनी दूसरी पत्नी काव्या को तलाक देने की बात कही है. दूसरी ओर तलाक के पेपर मिलने के बाद काव्या भी बौखलाई हुई है और वह वनराज से बदला लेने के लिए उसपर घरेलू हिंसा का केस करने की सोच रही है.
अनुपमा की जिंदगी हमेशा परेशानियों में घिरी रहती है
अब लोगों का कहना है कि अनुपमा सीरियल ने साबित कर दिया कि एक लड़का और लड़की सच में कभी दोस्त नहीं हो सकते. वनराज से तलाक लेने के बाद अनुपमा की जिंदगी में कॉलेज के अनुज की एंट्री होती है. इसके बाद धीरे-धीरे दोनों की दोस्ती होती है लेकिन अनुज मन ही मन अनुपमा से एकतरफा प्यार करता है. अनुपमा के पूर्व पति वनराज को यह बात खटकती है. इसके साथ ही अनुपमा के बड़े बेटे पारितोष और सास लीला भी इस बात को पचा नहीं पाते कि अनुपमा का कोई दोस्त भी हो सकती है. काव्या बार-बार अनुज को अनुपमा का ब्वॉयफ्रेंड कहकर ताना मारती है. जबकि अनुपमा के लिए अनुज एक दोस्त से ज्यादा कुछ नहीं है.
वैसे यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन अपने एक शोध में साबित भी कर चुकी है कि लड़के और लड़की के बीच अगर दोस्ती है तो वे परस्पर सेक्शुअल अट्रैक्शन से नहीं बच सकते. यह अलग बात है कि वे इससे कैसे निपटते हैं. हालांकि रिसर्च का क्या है ये बदलते भी रहते हैं. अनुपमा अपनी सास से कहती भी है कि भले ही बेटा शादी के बाद भी अफेयर कर सकता है लेकिन बहू तलाक के बाद सिंगल होकर भी किसी लड़के को अपना दोस्त नहीं बना सकती. लीला इस बात को नहीं मानती और आखिरकार एक दिन अनुज को सिंदूर देकर कहती है कि वह अनुपमा से शादी कर ले.
बापूजी अनुपमा से कहते हैं कि बेटी अनुज को अपने मन में आने दे
इस सीरियल में हमेशा से ऐसे मुद्दे दिखाए जाते हैं जो महिलाओं की जिंदगी का सच में हिस्सा हैं. अनुपमा में महिलाएं खुद को इसलिए ही देख पाती हैं क्योंकि वे खुद इन हालातों का सामना कर रही हैं. पुरुष जब चाहें अपने मन की कर सकते हैं, उन्हें हर बात की आजादी है लेकिन एक महिला अपनी सहेली को भी घर बुलाने से पहले भी 10 बार सोचेगी.
अनुपमा को सभी लोग कई बार एहसास करवाते हैं कि एक लड़का और लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते. अनुपमा का बेटा पारितोष कहता है कि मम्मियों के दोस्त नहीं होते. आखिरकार सभी के सामने एक दिन अनुज बोल ही देता है कि वह अनुपमा से पिछले 25 सालों से प्यार करता है और आखिरी दम तक करता रहेगा. बस फिर क्या घरवालों को अनुपमा को नीचे दिखाने का मौका मिल जाता है. एक दिन बापूजी अनुपमा से कहते हैं कि बेटी अनुज को अपने मन में आने दे. तुझे भी किसी साथी की जरूरत है.
बा अनुज से अनुपमा की मांग भर कर रिश्ते को नाम देने को कह चुकी हैं
अनुज के साथ हुए मारपीट के बाद अब सीरियल में यह दिखाया जा रहा है कि अनुपमा भी अनुज के प्रति कुछ महसूस कर रही है. उसे अनुज की चिंता एक दोस्त से बढ़कर होने लगी है. अनुज को अस्पताल में देखकर अनुपमा का बहुत बुरा हाल है. वह वनराज से अनुज के बारे में बात करती है. अब देखना है कि क्या आगे अनुपमा अनुज से अपने प्यार का इजहार करती है या फिर दोस्त ही बने रहती है.
वैसे इस सीरियल की खासियत यह है कि यह तेजी से आगे बढ़ता, अनुपमा सीरियल के निगेटिव किरदारों की अच्छाइयां भी दिखाई जाती हैं. लगता है कि सच में हम किसी परिवार की असल जिंदगी को जी रहे हैं, खासकर एक हाउसवाइफ की कहानी जिसे दुनिया तवज्जो नहीं देती. किसतरह वह जिंदगी के हालातों का सामना करते हुए आगे बढ़ती है. इस सीरियल में दिखाया गया है कि महिला चाहें हाउसवाइफ हो या घरेलू पुरुष उसे हमेशा अपने नीचे ही रखना चाहता है. पुरुषों को पत्नी एक आदर्श ही चाहिए, भले वह कुछ भी क्यों न करे, रहेगा वह घर का मालिक ही.
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— Ormax Media (@OrmaxMedia) December 7, 2021
खैर, अगर अनुपमा अपने दोस्त अनुज से प्यार का इजहार करने के बाद जिंदगी में आगे बढ़ती भी है तो इससे किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए, लेकिन यह बात को सच हो ही जाएगी कि एक लड़का और एक लड़की कभी दोस्त नहीं हो सकते...वैसे आपका इस बारे में क्या मानना है?
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