'बिलकीस' दादी से कुछ सवाल, उम्मीद है जवाब आएं!
विश्व की मशहूर पत्रिकाओं में शुमार Time Magazine ने शाहीनबाग़ धरने (Shaheenbagh Protest) के जरिये लोकप्रिय हुईं दादी बिलकीस (Bilkis) को दुनिया के सौ सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किया है. अब चूंकि बिलकीस सेलिब्रिटी स्टेटस हासिल कर चुकी हैं तो चंद जरूरी सवाल हैं जिनका जवाब हम उनसे जानना चाहेंगे.
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बात दिसंबर की है. दिल्ली में ठंड ने दस्तक दे दी थी. इसी बीच सरकार ने संसद में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) पारित कर दिया. भयंकर विरोध हुआ. क्या जामिया मिलिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) क्या अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (Aligarh Muslim University) और लखनऊ का नदवा प्रदर्शनकारियों ने खूब तांडव किया. देश के कई हिस्सों में पथराव हुए. गोलियां चलीं. पुलिस ने लोगों को गिरफ्तार किया. चूंकि दिल्ली का जामिया मिलिया इस्लामिया एंटी-सीएए प्रोटेस्ट के दौरान सेन्टर पॉइंट रहा और यहां प्रदर्शनकारी छात्रों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया इसलिए लोग आहत हुए और जामिया में पुलिस द्वारा लिए गए एक्शन के विरोध में शुरू हुआ 'शाहीनबाग़' (Shaheenbagh). जब धरना शुरू हुआ तो इसकी बड़ी तारीफ़ हुई. कहा गया धरना अगर हो तो फिर ऐसा ही हो. शाहीनबाग़ धरने की पूरी पॉलिटिक्स एक तरफ है और 'दादियां' एक तरफ. शाहीनबाग़ धरने के मद्देनजर दादियों का जिक्र यूं कि विश्व की मशहूर पत्रिकाओं में शुमार Time Magazine ने इसी धरने के जरिये लोकप्रिय हुईं दादी 'बिलकीस को दुनिया के सौ सबसे प्रभावशाली लोगों (TIME’s most influential people of 2020) में शामिल किया है.
जामिया के समर्थन में दिल्ली के शाहीन बाग में धरने पर बैठीं दादी बिलकीस
टाइम मैगजीन में दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल होने के बाद शाहीन बाग की दादी बिलकीस का कहना है कि जिस कानून के विरोध में वह धरने पर बैठी थीं, आज उसी धरने को देखकर दुनिया ने शाहीन बाग का सजदा किया है. बिलकीस की मांग अब भी वही है कि मोदी सरकार इस कानून को वापस ले. बिलकीस का कहना है कि हम शांतिप्रिय लोग हैं, इसलिए कोरोना संकट आने के बाद ही खुद प्रदर्शन को समाप्त करने का फैसला लिया. अपनी ज़िंदगी के 80 बसंत देख चुकीं बिलकीस का 'बिलकीस दादी' बनने का सफर भी खासा दिलचस्प है.
I am so honoured. Bilkis dadi who was included in the @TIME list has sent a video message for me. Thank you @IsmatAraa , you made my day ♥️ pic.twitter.com/SXo9Y68ZJY
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) September 24, 2020
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की रहने वाली बिलकीस फिलहाल दिल्ली में अपने बहू और बेटे के साथ रहती हैं. खबरों की मानें तो जिस वक्त शाहीनबाग़ धरना चल रहा था उस वक़्त इनकी बहू गर्भवती थी और ये उसी की देख रेख के लिए दिल्ली आई थीं. बहू की सेवा के बाद जो टाइम मिलता बिलकिस उसे धरना स्थल पर बिताती. धीरे धीरे बिलकिस लोकप्रिय हुईं और उन्हें टीवी, अखबार और वेबसाइट्स पर जगह मिली. लोग इनके साथ सेल्फी लेते और फिर इसके बाद क्या हुआ नतीजा आज हमारे सामने है.
The 82-year-old #BilkisDadi, who has been the face of protests against the citizenship law in Shaheen Bagh, has been ranked by the world's prestigious #TimeMagazine in the list of 100 influential people in the world. The lamp on oppression is heavy, my chest is heavy! pic.twitter.com/rD2PaBeKQN
— Azhar Imam (@Azhar_Imam20) September 24, 2020
वर्तमान में बिलकीस शाहीनबाग़ धरने की ब्रांड अम्बेसडर हैं और किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं. चूंकि बिलकीस शाहीनबाग़ धरने की पुरोधा रही हैं तो हम इनसे जरूर कुछ सवाल पूछना चाहेंगे.
पहला सवाल ये है कि कानून को आए ठीक ठाक वक़्त गुजर चुका है.अब तक इस कानून का इस्तेमाल कर सरकार ने मुस्लिम समुदाय के किसी भी व्यक्ति की नागरिकता नहीं छीनी. अब चूंकि नागरिकता नहीं गई है और सभी लोग शांति के साथ रह रहे हैं तो बिलकीस बताएं कि आखिर शाहीनबाग़ में जो धरना हुआ वो किसलिए हुआ?
दूसरा सवाल ये है कि एंटी सीएए प्रोटेस्ट ही दिल्ली दंगों की एक बड़ी वजह बना जिसमें तमाम लोगों को जान-माल की हानि हुई. अब चूंकि इस धरने के जरिये बिलकीस का शुमार विश्व के प्रभावशाली व्यक्तियों में है तो बिलकीस बताएं कि इस जानमाल की जो हानि हुई, लोग मरे तो उसकी जिम्मेदारी किसकी है.
बिलकीस से हमारा तीसरा सवाल ये है कि वो देश को बताएं कि जिस कानून को काला कानून बताते हुए वो धरना दे रहीं थीं आखिर वो कानून इस देश के किसी भी मुसलमान को कैसे प्रभावित करता है?
While Delhi Police wants you to believe that Shaheen Bagh was the part of riots conspiracy,Shaheen Bagh ki Daadi Bilkis Name in Time Magazine's list of ???? Most Influential People of the World in 2020..#ShaheenBagh #BilkisDadi pic.twitter.com/f3OvA0nK1Y
— Sartaj Pasha (@SartajPashaa) September 24, 2020
एक बुजुर्ग के रूप में हम बिलकीस का पूरा सम्मान करते हैं. मगर हमारे सवाल इसलिए भी जस के तस हैं क्योंकि शाहीनबाग धरने के बाद न केवल आम लोगों को जान माल की हानि हुई. बल्कि कहीं न कहीं शाहीनबाग़ के प्रदर्शन और एंटी सीएए प्रोटेस्ट से देश की अखंडता और एकता प्रभावित हुई. जैसे आज के हालात हैं अगर दो समुदायों के बीच दूरियां बढ़ी हैं तो इसकी एक बड़ी वजह शाहीनबाग़ धरना और एंटी सीएए प्रोटेस्ट है.
बाक़ी बात अगर दादी की हो तो चंद बुद्धिजीवियों ने अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए बिलकीस जैसे लोगों को चने के झाड़ पर चढ़ाया और परिणामस्वरूप हमनें प्रदर्शनकारियों का वो चेहरा देखा जो न केवल डरावना था बल्कि जिसके कारण हमनें निर्दोष लोगों की लाशों के ढेर देखे.
बहरहाल बुलंदशहर के एक छोटे से गांव से दिल्ली आकर शाहीनबाग़ के धरने में बैठने और इसी धरने की बदौलत दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल हुईं दादी बिलकीस को बधाई.
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