CAA protest के हल्ले में पुलिस को विलेन घोषित करने से पहले रुकिए...
CAA विरोध के नाम पर पूरा देश जल रहा है. जगह-जगह हिंसा हो रही है और Police को स्थिति संभालने में काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है. भले ही पुलिस हिंसा रोकने में नाकाम हो और उसकी आलोचना हो रही हो मगर इस प्रदर्शन में हमें उसके मानवीय चेहरे भी नहीं भूलने चाहिए.
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चाहे राजधानी दिल्ली का जामिया (Violence In Jamia Against CAA), सीलमपुर और दिल्ली गेट हो या फिर लखनऊ और संभल (Violent Protest Against CAA IN Lucknow And Sambhal). कर्नाटक की राजधानी बैंगलोर से लेकर अलीगढ़, मऊ, कानपुर और बुलंदशहर CAA के विरोध में प्रदर्शन (Protest Against CAA) कर रहे लोगों के उग्र हो जाने पर अगर किसी ने सबसे ज्यादा मशक्कत की है तो वो पुलिस (Police Controlling Violence In CAA) है. ऐसा बिलकुल नहीं है कि घटना शुरू होते ही किसी जिन्न की तरह पुलिस बाहर आ जा रही है. हिंसक प्रदर्शन कर रहे लोगों पर आंसू गैस के गोले दागना या फिर लाठी भंजना, गोली मारना शुरू कर दे रही है. देश में कहीं का भी मामला हो, घटना के वक़्त पुलिस मौके पर मौजूद है. पुलिस लगातार लोगों से शांति की अपीलें कर रही हैं उन्हें समझा बुझा रही है. संवाद कर रही है. इस CAA विरोध के दौरान ऐसे तमाम मौके आए हैं जब लोगों ने आरोप लगाया है कि पुलिस बर्बरता पर उतर आई है. वो अलोकतांत्रिक तरीके से लोगों को प्रदर्शन करने से रोक रही है उन्हें लाठियों और आंसू गैस के गोलों का शिकार बना रही है. चाहे पक्ष में हों या विरोध में इन विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए तमाम तरह की बातें हो रही हैं. अब इसे लोगों का राजनीतिक स्वार्थ कहें या कुछ और. मौजूदा हालात में किसी हीरो से ज्यादा पुलिस की छवि, एक विलेन की हो गई है. पुलिस के अच्छे कामों को भी लोग नकार रहे हैं और उन पक्षों को सामने ला रहे हैं जो विभाग के कमजोर पक्ष या ऐसे पक्ष हैं जो पूरे पुलिस महकमे को बैकफुट पर ला सकता है.
CAA विरोध पर भले ही पुलिस की आलोचना हो रही हो मगर उसके मानवीय चेहरे भी हैं
जैसा कि हम बता चुके हैं कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अगर कोई सबसे ज्यादा मुश्किल में है तो वो पुलिस है तो आइये नजर डालें पुलिस के उन चेहरों पर जिनको देखने के बाद ये भ्रम दूर हो जाएगा कि पुलिस विलेन है. अपने इस चेहरे में पुलिस ने वाकई रक्षक का काम किया है और अपनी सूझ बूझ का परिचय देते हुए बताया है कि अगर ये लोग न हों तो शायद पूरा देश धूं धूं कर जल उठे और फिर उस आग को शायद ही कोई बुझा पाए.
छात्रों को समझाकर एसएसपी ने जब जीता सबका दिल
तारीख 17 दिसंबर 2019 नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आग राजधानी दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी से निकलकर अलीगढ़ पहुंच चुकी थी. अलीगढ़ यूनिवर्सिटी किसी रणक्षेत्र सरीखी नजर आ रही थी. कैपस के छात्र और पुलिस एक दूसरे के आमने सामने थे. माहौल में तनाव था. बता दें कि AMU के छात्रों ने प्लान किया था कि वो अपने कैंपस से डीएम ऑफ़िस तक मार्च करेंगे. पुलिस ने इस प्रोटेस्ट मार्च को मंजूरी नहीं दी. वजह, शहर में भीड़ इकट्ठी होना और शांति व्यवस्था बिगड़ना माना गया था.
छात्र लगातार परिसर से बाहर जाने की मांग कर रहे थे. करीब 5000 छात्रों ने प्रोटेस्ट मार्च शुरू किया.स्थिति अनियंत्रित न हो इसलिए पुलिस भी पहले से तैयार थी. मार्च कर रहे छात्रों को यूनिवर्सिटी के गेट पर ही रोक दिया गया. छात्र लगातार उग्र होते जा रहे थे, मामला बिगड़ता उससे पहले एसएसपी आकाश कुलहरि ने हालात संभाल लिए. उन्होंने माइक्रोफोन हाथ में थामा और प्रोटेस्ट कर रहे छात्रों को समझाया.
प्रदर्शन कर रहे छात्रों से एसएसपी आकाश कुलहरि ने कहा कि, आप डेमोक्रेटिक तरीके से अपनी बात रखिए, मैं आपके साथ खड़ा हूं. पर डेमोक्रेटिक तरीके से. अगर कोई बदतमीजी करता है तो आप सामनेवाले को मौका दे रहे हो कि आपका प्रोटेस्ट खत्म कर दे. आप लोग अपनी बात रखिए. कल आपने कहा कि हम डीएम को ज्ञापन देंगे. कल छात्रसंघ ने प्रोटेस्ट किया. क्या हममें से किसी ने दखल दिया? आज आपका कॉल है कि आपका मेमोरेंडम प्रेसिडेंट ऑफ़ इंडिया तक जाना चाहिए. मैं आकाश कुलहरि गारंटी ले रहा हूं कि अगर मुझे खुद भी जाना पड़े तो मैं प्रेसिडेंट ऑफ़ इंडिया तक आपका ज्ञापन लेकर जाऊंगा.
आकाश कुलहरि का ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब तेजी से वायरल भी हुआ है. लोग कह रहे हैं कि पुलिस को ऐसा ही होना चाहिए और इसी तरह से सूझ बूझ का परिचय देना चाहिए
मैं #आकाश_कुल्हरी (SSP Aligarh)गारेंटी लेता हूँ की आपका ज्ञापन भारत के राष्ट्रपति तक पहुंचाने के लिए मेरे को खुद को भी जाना पड़े तो जाऊंगा ????@Uppolice @aligarhpolice #AligarhMuslimUniversityStudenstsProtestAgainstCAB pic.twitter.com/HAxflJOeZn
— Affan Yezdani(عفّان یزدانی) (@yezdaniaffan) December 15, 2019
एसएसपी के इस वीडियो ने न केवल प्रदर्शनकारी छात्रों को खुश किया बल्कि प्रशासन भी उनकी इस सूझ बूझ का कायल हुआ. अलीगढ़ के डीएम ने भी कुलहरि की तारीफ में तमाम कसीदे पढ़े हैं. वाकई इतने संवेदनशील वक़्त पर जो कुछ भी आकाश कुलहरि ने किया उसकी तारीफ होनी चाहिए. खुद कल्पना करिए कि यदि आकाश इस तनावपूर्ण पल को न संभालते तो फिर स्थिति क्या होती ?
जब पुलिस वाले ने राष्ट्रगान गाकर प्रदर्शनकारियों को वापस लौटाया
किसी भी तरह की हिंसा से निपटने के लिए प्रशासन का समझदार होना बहुत जरूरी है. ऐसा इसलिए क्योंकि अगर शांति स्थापित करने वाले लोग ही दिमाग से काम नहीं लेंगे तो बेकाबू हालात संभालने में खासी दिक्कतें आएंगी.
This officer too Anand sir.Karnataka: DCP of Bengaluru(Central),Chetan Singh Rathore, was successful in dispersing the crowd after talking to them and singing the National anthem. pic.twitter.com/gn8MrXpdOc
— গিरीશh ਵਰಮಾ???????? (@14_varma) December 20, 2019
पुलिस वालों को समज्झ्दार होना कितना जरूरी है इसे हम बैंगलोर की ही एक अन्य घटना से समझ सकते हैं. बेंगलुरु सेंट्रल के डीसीपी चेतन सिंह राठौड़ का एक वीडियो इंटरनेट पर खूब सुर्ख़ियों में है. वायरल हुए इस ताजे वीडियो में डीसीपी अनियंत्रित भीड़ को काबू करने के लिए राष्ट्रगान गाते नजर आ रहे हैं. इस वीडियो में दिलचस्प बात ये है कि न सिर्फ मौके पर मौजूद लोगों ने राष्ट्रगान गया बल्कि तमाम लोग ऐसे भी थे जो इसके बाद या तो वहां से चुपचाप चले गए या फिर उन्होंने अपना धरना शांति के साथ किया.
छात्रों को आंदोलन का हथियार न बनाइये बताते तनवीर अहमद
19 दिसंबर 2019 वो तारीख जब CAA के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे आम लोगों और विपक्ष ने भारत बंद का ऐलान किया था. बात पूरे देश की है तो कर्नाटक की राजधानी बैंगलोर से भी एक वीडियो बड़ी ही तेजी के साथ वायरल किया जा रहा है. वायरल विडियो में तनवीर अहमद नाम के पुलिस के अधिकारी हैं जो प्रदर्शन में आई महिला को अपने नाम से अवगत करा रहे हैं साथ ही उन्हें ये भी बता रहे हैं कि कैसे वो लोग अपने आंदोलन में पढ़ने लिखने वाले छात्रों को शामिल कर उनका भविष्य बर्बाद कर रहे हैं.
Next time I am in Bengaluru, Mr Tanveer Ahmed, wherever you are, whichever police station you are posted in, I will find you, and I will gift you half a kilo of the best Mysorepak there ever was made.
That's a promise. #IndiaSupportsCAApic.twitter.com/J8lLHIsocz
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) December 19, 2019
सोशल मीडिया पर बहुत तेजी के साथ वायरल किये जा रहे इस वीडियो में तनवीर अहमद बड़े ही साफ़ लहजे में बता रहे हैं कि कैसे प्रदर्शनकारियों द्वारा नियम कानून को ताख पर रखा जा रहा है ऑफर भोले भाले छात्रों को आंदोलन में जोड़कर उनका भविष्य बर्बाद किया जा रहा है. अगर इस वीडियो को ध्यान से देखें तो मिलता है कि पुलिस अधिकारी तनवीर अहमद प्रदर्शन के नाम पर हिंसा कर रहे और कानून हाथ में ले रहे लोगों से खासे नाराज हैं.
मस्जिद के सामने मुसलमानों को CAA और NRC समझाता इंस्पेक्टर
बात CAA के विरोध के दौरान पुलिस वालों की समझदारी की चल रही है तो हमें बैंगलोर का ही एक वीडियो और देखना चाहिए. इंटरनेट पर वायरल हो रहा ये वीडियो बैंग्लोर के एचएसआर लेआउट इलाके का है. इलाके के इंस्पेक्टर राघवेन्द्र एक स्थानीय मस्जिद के सामने खड़े होकर वहां एकत्र मुसलमानों को CAA और NRC के बारे में बता रहे हैं और कह रहे हैं कि इस कानून से हिंदुस्तान में रहने वाले किसी भी नागरिक की नागरिकता को खतरा नहीं है.
Now it is @BlrCityPolice, @hsrlayoutps inspector Raghavendra openly about explaining what's #CAA_NRC in front of local Mosque.All those gathered were listening to him and responding to him positively. Blr police are handling this brilliantly.#CAASupport #CAAProtestsVideo -1 ???? pic.twitter.com/JOTZ0OGyZD
— Chiru Bhat | ಚಿರು ಭಟ್ (@mechirubhat) December 20, 2019
न सिर्फ सोशल मीडिया पर लोगों ने बल्कि वो तमाम लोग जो मौके पर मौजूद थे उन्होंने इंस्पेक्टर राघवेन्द्र की समझदारी की सराहना की है. ज्ञात हो कि CAA के विरोध के नाम पर जो उपद्रव मचाया जा रहा है उसकी एक बड़ी वजह वो अफवाहें हैं जो इस कानून की जानकारी के आभाव में फैल रही हैं और लोगों को उग्र प्रदर्शन के लिए बाध्य कर रही हैं.
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