पर्स में कंडोम का चीन में मतलब आप वेश्या हैं!
चीन में ज्यादातर सेक्स वर्कर और युवा अपने पास कंडोम रखने से बचते हैं. उन्हें डर रहता है कि पुलिस का छापा पड़ने पर उन्हें सीधे वेश्यावृत्ति के लिए जेल भेज दिया जाएगा.
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चीन जाएं तो वहां जेब या पर्स में कंडोम कभी न रखें? क्योंकि चीन में ऐसे लोग यदि पुलिस की पकड़ में आते हैं तो उन्हें सेक्स वर्कर मानकर जेल में बंद कर दिया जाता है. ऐसा दावा एशिया कैटेलिस्ट नामक संस्था की एक रिपोर्ट कर रही है.
यह दावा एजेंसी ने चीन के तीन बड़े शहरों में कई महिला, पुरुष और ट्रांसजेंडर सेक्स वर्कर से बात करने के बाद किया है. सर्वे करने वाली एजेंसी का मानना है कि पुलिस की ऐसी सख्ती के कारण महिला, पुरुष और ट्रांसजेंडर सेक्स वर्कर के साथ-साथ आम नागरिकों पर एचआईवी एड्स का गंभीर खतरा है.
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यह सर्वे करने के लिए एशिया कैटेलिस्ट ने 500 से अधिक महिला और ट्रांसजेंडर सेक्स वर्कर से बात करने के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार की है, रिपोर्ट के मुताबिक चीन में ज्यादातर सेक्स वर्कर अपने पास कंडोम रखने से बचते हैं. उन्हें इस बात का डर रहता है कि यदि पुलिस का छापा पड़ता है और उनके पास से कंडोम की रिकवरी होने पर उन्हें सीधे वैश्यवृत्ति के लिए जेल भेज दिया जाता है.
इसके चलते यह भी देखने में आया है कि चीन के युवा भी अपने साथ कंडोम रखकर चलने से परहेज करते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक चीन की पुलिस के लिए जेब या पर्स में कंडोम पाए जाने का सीधा मतलब यही रहता है कि वह व्यक्ति वेश्यावृत्ति में लिप्त रहता है.
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गौरतलब है कि चीन में वेश्यावृत्ति गैरकानूनी है और इसके बावजूद शहरों में बड़े स्तर पर वेश्यावृत्ति होती है. तीन के पब्लिक सिक्योरिटी मंत्रालय की गाइनलाइन्स में भी कंडोम साथ लेकर चलने को वेश्यावृत्ति का साक्ष्य माना गया है. लिहाजा, किसी होटल, पब या सड़क किनारे पकड़े जाने पर यदि पुलिस को कंडोम की रिकवरी होती है तो यह मानते हुए कि शख्स वेश्यावृत्ति में लिप्त है या हो सकता है उसपर जुर्माना या जेल की सजा दे दी जाती है.
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक चीन में असुरक्षित सेक्स के चलते लगभग 10 से 30 लाख लोग एचआईवी संक्रमण के खतरे में हैं. अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को डर है कि चीन पुलिस का कंडोम के प्रति ऐसा रवैया ज्यादा से ज्यादा लोगों को संक्रमण के दायरे में खींच सकता है. फिलहाल अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां चीन सरकार से अपील कर रही हैं कि वह ऐसे गाइडलाइन्स में संशोधन करे और लाखों लोगों को एचआईवी के खतरों से बचाने में मदद करे.
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