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सिनेमा
| 7-मिनट में पढ़ें
मुकेश कुमार गजेंद्र
@mukesh.k.gajendra
Chhatriwali Movie Review: 'आम' कहानी को भी रकुल प्रीत सिंह ने 'खास' बना दिया है!
Chhatriwali Movie Review in Hindi: सेफ सेक्स और सेक्स एजुकेशन जैसे अहम विषय पर आधारित फिल्म 'छतरीवाली' ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर स्ट्रीम की जा रही है. इसमें रकुल प्रीत सिंह, सुमित व्यास और सतीश कौशिक लीड रोल में हैं. फिल्म की कहानी 'आम' होने के बावजूद रकुल अपनी शानदार एक्टिंग से 'खास' बना देती हैं.
सिनेमा
| 4-मिनट में पढ़ें
प्रशांत प्रत्युष
@10209994546762034
Chhatriwali फिल्म सेक्स एजुकेशन की अहमियत को बताती है!
Chhatriwali Movie भारतीय समाज में यौन कुंठाओं को लेकर जो यथास्थिति है, उसको बड़े व्यापक फलक पर ले जाती है. शायद इसलिए भी फिल्म को सेंसर सर्टिफिकेट पाने में समय लगा और ओटीटी पर रिलीज की गई है. यौन शिक्षा से जुड़ी फिल्में एक बड़ी समस्या से जुझ रही हैं. वर्जित विषयों की तरह इन फिल्मों को भी वर्जित श्रेणी में ढ़केल दिया जाता है.
सिनेमा
| 5-मिनट में पढ़ें
सरिता निर्झरा
@sarita.shukla.37
नुसरत की 'जनहित में जारी' फिल्म देखना जनहित के लिए जरूरी है!
सवा सौ करोड़ से ऊपर की आबादी वाले देश में देश में सेक्स और कंडोम जैसे शब्द खुले में बोलना बेशर्मी समझी जाती है. ऐसे में डायरेक्टर जय बसंतू की नुसरत भरूचा स्टारर 'जनहित में जारी' इसलिए भी देखी जानी चाहिए क्योंकि तमाम मुद्दे हैं जिनपर अब तक पर्दे पड़े थे उन्हें फिल्म में बड़ी ही शालीनता के साथ दिखाया गया है.
सिनेमा
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एक अलग नज़रिया
| 6-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
लड़कियां पैड नहीं बोल पातीं और नुसरत भरूचा बैग में कंडोम रखने को कहती हैं, कितनी बेशर्म है ना?
कई पुरुष ऐसे हैं जो कंडोम इस्तेमाल करने में यकीन नहीं रखते. वे इसे अपनी बेइज्जती से जोड़ लेते हैं, बेइज्जती माने अपमान. वे इसे अपनी कमजोर मर्दानगी की निशानी मानते हैं. पत्नी या गर्लफ्रेंड अगर कंडोम की बात करे तो उसे "पागल हो क्या...कुछ नहीं होगा" बोलकर चुप कराते हैं. नतीज यह होता है कि महिलाओं को ना जाने कितनी बार गर्भपात करना पड़ता है.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 5-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
स्टेल्थिंग का सेक्स से क्या कनेक्शन है? जिसे कई देशों में रेप माना जा रहा है
हमारे देश में तो अभी भी वैवाहिक बलात्कार को लेकर बहस चल रही है ऐसे में स्टेल्थिंग को कितने लोग समझेंगे कुछ कह नहीं सकते. सोशल मीडिया पर तो इसे लेकर बहस भी छिड़ चुकी है कि, साबित कैसे करोगे कि कंडोम जानबूझकर निकाला गया या गलती से निकल गया.
सिनेमा
| 4-मिनट में पढ़ें
आशुतोष अस्थाना
@ashutosh.asthana.186
लड़कियां मर्दों की चड्ढी की पट्टी देख या उनके डिओ सूंघकर फिदा हो जाती हैं, पक्का?
सरदार उधम मूवी का ट्रेलर देख विकी कौशल की अदाकारी का कायल हुए ही जा रहे थे, कि तभी एक नजर अभिनेत्री रश्मिका मंदाना के साथ वाले उनके एक अंडरवियर एड पर पड़ी. इस एड में लड़की, लड़के के अंडरवियर की पट्टी देखने के लिए बेताब है. ये विज्ञापन की दुनिया वाले हमसे क्या स्वीकार करवाना चाहते हैं?
ह्यूमर
| 5-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
ऑस्ट्रेलियाई एथलीट ने बताया कंडोम अनचाहे गर्भ से छुटकारे के अलावा ओलंपिक मेडल भी दिलवाता है!
कंडोम का उपयोग सिर्फ अनचाहे गर्भ से छुटकारे के लिए नहीं बल्कि कई और जगहों पर, कई और मौकों पर हो सकता है? या बहुत सीधे कहें तो कंडोम में ये भी गुण है कि वो एक खिलाड़ी को मेडल दिलवा सकता है और मेडल भी कोई ऐसा वैसा नहीं ओलंपिक का मेडल. न यकीन हो तो ऑस्ट्रेलिया की जेसी फॉक्स से मिलिए.
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
जहालत की पराकाष्ठा है मंदिरों के दानपात्र में कंडोम डालना
सनातन धर्म को मानने वालों के लिए भगवान का मंदिर सबसे पवित्र स्थानों में से एक है. मंदिरों को हिंदूओं की आस्था का केंद्र कहा जाता है. किसी भी मंदिर में इस तरह की हरकत करना लोगों को बुरी तरह से भड़का सकता था. फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सएप के जमाने में इस तरह की घटनाएं चुटकियों में वायरल होती हैं और भयावह रूप लेने में कुछ ही समय लगाती हैं.
समाज
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एक अलग नज़रिया
| 5-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
यौन शोषण और बलात्कार के मामलों पर विवादित फैसले देने वाली जज को भेजे 150 कंडोम!
बांबे हाईकोर्ट की जस्टिस पुष्पा पुष्पा वी गनेडीवाला (Judge Puspa v Ganediwala) के हिसाब से स्किन नहीं छुआ तो यौन शोषण नहीं, ऐसे में गुजरात की महिला ने जज साहिबा को 150 कंडोम भेजकर कहा है कि बलात्कारी यदि इसका इस्तेमाल करे तो भी स्किन टच नहीं होगी. जस्टिस गनेडीवाला के कई और फैसले पिछले दिनों चर्चा में रहे हैं.