New

होम -> समाज

 |  5-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 12 अप्रिल, 2020 09:16 PM
अंकिता जैन
अंकिता जैन
  @ankita.jain.522
  • Total Shares

मेरे प्रिय,

यह कैसे ज्ञात होता है कि हमारे द्वारा लिए जा रहे निर्णय सही हैं या ग़लत? तुम भी यही कहोगे ना कि नतीजा आने से पहले सिर्फ अनुमान लगाया जा सकता है कि निर्णय सही होगा या ग़लत. प्रेम भी वैसा ही है. प्रेम करने से पहले ही उसका हिसाब-किताब नहीं लगाया जा सकता कि सफल होगा ही. वह तो जब तक चलता रहता है सुंदर लगता है, और जब आहत करने लगता है तो उसी निर्णय को हम दोष देने लगते हैं. देखा जाए तो यह विचारधारा की बात है. मैं कहूंगी कि राजनितिक विचारधारा में भी यही बात लागू होती है. जब तक हमें हमारी विचारधारा से टकराकर कोई बात आहत नहीं कर जाती, हमारा कोई सिद्धांत, या पूर्वनिर्धारित मानसिकता, या नियम आहत नहीं हो जाता हमें वह विचारधारा ठीक जान पड़ती है. और जिस दिन हम आहत हो जाते हैं हमारी विचारधारा बदल जाती है. इस समय देश इसी जद्दोजहद से जूझ रहा है. विचारधारा की लड़ाई है. कोई भी निष्पक्ष नहीं है. सबने अपने-अपने पक्ष चुन लिए हैं. उसी के आधार पर बात होती है. और जो कुछ प्रतिशत निष्पक्ष हैं भी तो उन्हें दोनों तरफ दुत्कारा जाता है. ऐसा लगता है जैसे निष्पक्षता की बात कहने वाले चाहते ही नहीं कोई असल में निष्पक्ष रहे भी.

Coronavirus, Love, Love Letters, Lockdownजैसे जैसे लॉक डाउन बढ़ रहा है आने वाले वक़्त में लड़ाई विचारधारा की होगी

अच्छा चलो, मैं राजनीति की बात नहीं करती. तुम नाराज़ हो जाओगे. मैं बस प्रेम की बात करुँगी, तुम चाहो तो उसे कनेक्ट कर लेना... हाहा. प्रेम भी इतना ही सतरंगी होता है. कभी जी चाहता है कि दिल का सारा हाल प्रेमी के सामने उढेल दो और कभी दिल का हाल सुनाने पर ख़ुद को कोसने लगते हैं. कभी दिल चाहता है कि सारी दुनिया की मोहब्बत उस पर लुटा दो और कभी उससे दो बातें कह देने पर ही ख़ुद को फटकारते हैं.

समर्पित हो जाने और आत्मसम्मान के बीच झूलता पेंडुलम है प्रेम जो चाहता है कि जितना ख़र्च हो रहा है उतना या उससे ज़्यादा ही मिले और जो ना मिले तो पल-पल में ख़ुद के समझाइशें और फिर कुर्बानियों की नोक-झोंक चलती रहती है. प्रेम चीज़ ही ऐसी है. अच्छा चलो मान लिया कि प्रेम दुनिया की सबसे ख़ूबसूरत चीज़ है, जबकि राजनीति इन्सान का सबसे बदसूरत चेहरा प्रस्तुत करती है.

दोनों की तुलना की ही नहीं जा सकती. मैं कर भी नहीं रही किन्तु यह बताओ कि प्रेम की दलीलें देने वाले, क्या राजनीति का इकतरफ़ा रूप प्रस्तुत करते शोभा देते हैं? दूसरों को संवेदना का पाठ पढ़ाते लोग क्या ख़ुद किसी मसले पर सिर्फ इसलिए आंख मूंद सकते हैं कि वह उनके राजनितिक एजेंडे को नहीं पोषती?

इन दिनों अपने आस-पास मैं यही देख रही हूं. विचलित हूं कि इस समय देश को जिस संवेदना की सबसे अधिक आवश्यकता थी वह उन्हीं लोगों में से नदारद है जिनमें उसके पाए जाने की सबसे अधिक उम्मीद थी. भारत इन दिनों वैश्विक रूप से अन्य देशों के मुक़ाबले बेहतर स्थिति में है. हमेशा से गरीब कहाया जाने वाला, जहां की संस्कार और संस्कृति का अक्सर ही मज़ाक बनाया जाता है वह देश इस समय दो लड़ाई लड़ रहा है. एक उस विषाणु के खिलाफ़ और दूसरी उन मूर्खों और धूर्तों के खिलाफ़ जिन्होंने देश के माहौल को ख़राब करने की कोशिश की है.

वे जो पत्थरबाज़ के रूप में, कभी डॉक्टर्स तो कभी पुलिसकर्मियों को परेशान करने के रूप में अपना ज़ाहिल चेहरा दिखा रहे हैं, उनसे तो एक अलग लड़ाई है ही. दूसरी कठिन लड़ाई उन लोगों से है जो या तो इन बातों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं या फिर इन पर चुप्पी साध ले रहे हैं. किन्तु यही लोग तब उग्र हो जाते हैं जब देश का प्रधान डॉक्टर्स या अन्य कर्मियों के सम्मान में ताली बजाने कहता है.

उम्मीद के लिए दिया जलाने कहता है. दुःख इस बात का है कि इस समय जब हमें एकसाथ खड़े रहने की आवश्यकता है, ग़लत को ग़लत और सही को सही कहने की आवश्यकता है, ऐसे में इनकी धूर्त हरकतें माहौल को बांटती चली जा रही हैं. देश के खिलाफ़ लोगों को उकसा रही हैं. मुझे डर है कि मेरा देश इस विषाणु से तो जीत लेगा किन्तु इन राजनितिक एजेंडे सेकने वालों से ना हार जाए.

बस इसीलिए आज यही दुआ करती हूं कि उकसाने वाला चाहे इस ओर का हो या उस ओर का, भगवान इस देश के हर मनुष्य को इतनी बुद्धि दे कि वह उस फेर में पड़े बिना, हालातों की नाज़ुकता को समझते हुए देशहित में खड़ा रहे. तुम भी उस दुनिया में बैठकर यही दुआ करना.

तुम्हारी

प्रेमिका

पिछले तीन लव-लेटर्स पढ़ें-

Coronavirus Lockdown: अठारहवां दिन और लॉकडाउन रिज़ॉल्यूशन

Coronavirus Lockdown सत्रहवां दिन, और देश के रक्षक

Coronavirus Lockdown का सोलहवां दिन और मृत्यु का उत्सव

लेखक

अंकिता जैन अंकिता जैन @ankita.jain.522

लेखिका समसामयिक मुद्दों पर लिखना पसंद करती हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय