Corona virus outbreak: इटली-स्पेन में किसिंग बन गई जानलेवा
Coronavirus outbreak: पूरी दुनिया को अपनी दहशत से दहलाने वाले कोरोना वायरस का इटली (Italy) और स्पेन (Spain) में इतनी तबाही मचाने की एक बड़ी वजह किसिंग (kissing) और स्मूचिंग को माना जा रहा है. कहा जा रहा है कि संक्रमण के कारण ही बीमारी ने ये विकराल रूप धारण किया.
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अगर सवाल ये हो कि चीन (China) को प्रभावित करने और वहां तबाही मचाने के बाद कोरोना वायरस (Coronavirus) ने और किन मुल्कों को प्रभावित किया है? तो इस सवाल का बहुत ही आसान सा जवाब आसान है. स्पेन (Spain) और इटली (Italy) वो मुल्क हैं जिन्हें अपनी चपेट में लेकर कोरोना वायरस ने बुरी तरह प्रभावित किया है. आज आलम ये है कि मुल्क में एक के बाद एक लोग मर रहे हैं और सैंकड़ों लोग इस बीमारी की चपेट में है. दोनों ही देशों की सरकारें अपने मुल्क के साथ साथ नागरिकों की सुरक्षा के लिए बहुत गंभीर हैं और लगातार यही प्रयास हक रहे हैं कि कैसे मरते हुए लोगों को बचाया जाए. आगे किसी और चीज का जिक्र करने से पहले बता दें कि दोनों ही मुल्कों का शुमार विश्व के उन मुल्कों में है जहां की अर्थव्यवस्था (Economy) का एक बड़ा हिस्सा पर्यटन पर आश्रित है. दोनों ही मुल्क हर साल देश दुनिया के लाखों पर्यटकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करते हैं.
इटली और स्पेन में कोरोना वायरस के संक्रमण की एक बड़ी वजह किसिंग और स्मूचिंग को माना जा रहा है
सवाल होगा कि आखिर ऐसा क्या हुआ जिसके चलते चीन से निकले कोरोना वायरस ने इटली और स्पेन को पूरी तरह से तबाह कर के रख दिया? जवाब हैरान करने वाला है. इसकी एक बड़ी वजह सेल्फ आइसोलेशन को दरकिनार कर लोगों का 'किसिंग' या स्मूचिंग को अंजाम देना है. ध्यान रहे कि कोरोना वायरस एक ऐसी बीमारी है जिसकी फिलहाल कोई भी दवा अस्पतालों में मौजूद नहीं है. डब्लूएचओ तक ने इस बात को स्वीकार किया है कि इस बीमारी से बचने का एक मात्र उपाय सेल्फ आइसोलेशन और खुद को भीड़ भाड़ वाली जगह से दूर रखना है.
ध्यान रहे कि अभी बीते दिनों ही स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने स्पेन की संसद को बताया था कि एक ऐसे समय में जब केवल उनके ही देश में कोरोना वायरस के 17,000 कन्फर्म केस हों और लोग लगातार मर रहे हों, सरकार ने 220 बिलियन डॉलर के राहत पैकेज की घोषणा की है. बात दें कि खुद प्रधानमंत्री सांचेज की पत्नी इस खौफनाक बीमारी की चपेट में हैं.
वो देश जिसकी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा जरिया पर्यटन है के लिए राहत पैकेज देते वक्त पीएम सांचेज ने ये भी घोषणा की थी कि अभी आने वाले वक्त में इस बीमारी के और गंभीर परिणाम हमारे सामने होंगे.
स्पेन के मामले में एक दिलचस्प बात ये भी है कि अभी तक वहां सोशल डिस्टेंसिंग को बहुत ही हल्के में लिया जा रहा था मगर जैसे जैसे एक के बाद एक मामले बढ़े देश के लोग इसके प्रति गंभीर हुए और अब वहां भी सरकार इसी प्रयास में है कि लोगों के मिलने जुलनेऔर साथ आने पर पर पाबंदी लगा दी जाए. क्यों कि स्पेन एक ऐसा मुल्क है जहाँ सेक्स / किसिंग / स्मूचिंग इतना बड़ा हव्वा नहीं है इसलिए वहां बीमारी फैलने की एक बड़ी वजह इन्हें भी माना जा रहा है.
स्पेन की तरह जिक्र अगर इटली का हो तो वहां हालात और ज्यादा खराब हैं. यहां जिस हिसाब से मौतें हो रही हैं उसने डब्लूएचओ और यूनिसेफ जैसे संगठनों के पांव के नीचे से जमीन खिसका दी है. ध्यान रहे कि इटली का शुमार विश्व के उन चुनिंदा देशों में है जहां हर साल दुनिया की एक बड़ी आबादी 'एन्जॉय' करने आती है.
चाहे वो चर्च, कैथेड्रल और म्यूजियम का अर्चिटेक्चर हो या फिर हिस्टॉरिकल साइट्स, खान पान और खुला कल्चर. हर साल ये देश करोड़ों पर्यटकों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करता है. और चूंकि यहां कोरोना वायरस था इसलिए यहां मौज मस्ती करने आए लोगों के चलते ये वायरस विश्व के अन्य मुल्कों में फैला. इटली में लोग एक दूसरे से मिलने पर अभिवादन एक दूसरे को किस करके करते हैं इसलिए इसे संक्रमण की एक अहम वजह के रूप में देखा जा रहा है.
गौरतलब है कि इटली का शुमार विश्व के उन देशों में जहां विश्व की सबसे पुरानी जनसंख्या वास करती है इसलिए लोग अपने अपने कल्चर को लेकर बहुत ज्यादा पोजेसिव हैं और यही चीज एक बड़ी मुसीबत की जड़ बन गयी है.
चाहे वो इटली हो या फिर स्पेन इन दोनों ही देशों की सरकारों ने भी इस बात को माना है कि शुरुआती सावधानियों को विश्व की एक बड़ी आबादी ने सिरे से खारिज किया और जब तक इन्हें अक्ल आई तब तक बहुत देर हो गयी थी. हज़ारों लोग बीमार थे और इस भयंकर बीमारी की चपेट में आने के बाद अपनी अपनी जान से हाथ धो बैठे थे. अब जबकि बहुत देर हो गई है, डॉक्टर्स तक इस बात को लेकर एकमत हैं कि आज इटली और स्पेन में जो कुछ भी हो रहा है ये उस लापरवाही का खामियाजा है जिसके बीज खुद इन दोनों ही देशों के लोगों ने खुद रोपे थे.
बहरहाल अब जबकि संभालने लायक स्थिति हाथ से निकल चुकी है लोगों का सचेत होना कोई काम का नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि चाहे इटली हो या स्पेन वहां अब कुछ संभालने लायक बचा नहीं है.
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